वाम सांसद मणिपुर मुद्दे को संसद में उठाएंगे, राज्य को लेकर अमेरिकी राजदूत की टिप्पणी का विरोध किया

मणिपुर दौरे पर आए वाम सांसदों ने शनिवार को कहा कि वे राज्य में जारी हिंसा का मुद्दा संसद के मॉनसून सत्र में उठाएंगे। इन सांसदों ने मणिपुर को लेकर की गई अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी की टिप्पणी की भी निंदा की।
तीन दिवसीय राज्य दौरे पर आए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य में शांति की पहल शुरू करने के लिए जरूरी है कि सभी समुदायों के लोगों के बीच विश्वास और भरोसे की बहाली की जाए।
माकपा के राज्यसभा सदस्य विकास भट्टाचार्य ने दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकारें मणिपुर की समस्याओं का सामाधान करने में बुरी तरह नाकाम रही हैं।
A joint delegation of MPs from CPI(M) and CPI is in Manipur to express solidarity with the suffering people of Manipur, to study the situation on the ground, and talk to the authorities for restoring normalcy. pic.twitter.com/y4E0PW9Cpr
— CPI (M) (@cpimspeak) July 7, 2023
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं बोला है जबकि मणिपुर दो महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। यह राज्य की जनता के प्रति उनकी घोर लापरवाही को प्रदर्शित करता है। हम मणिपुर का मुद्दा संसद में निश्चित तौर पर उठाएंगे।’’
माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा, ‘‘शांति प्रक्रिया शुरू करने के लिए हमें सभी वर्गों के बीच विश्वास और भरोसे को पैदा करना होगा। वर्तमान सरकार अपनी वैधानिकता खो चुकी है।’’
उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए। ब्रिटास ने कहा, ‘‘दिल्ली में सर्वदलीय बैठक में हमने कहा था कि एन. बीरेन सिंह समस्या का हिस्सा हैं। इसलिए वह समस्या का समाधान किस तरह कर सकते हैं?’’
ब्रिटास ने राज्य के बारे में अमेरिकी राजदूत की टिप्पणी पर भी चिंता प्रकट की।
माकपा सांसद बिनय विश्वम ने कहा, ‘‘मणिपुर के मामले में अमेरिका द्वारा दिया गया प्रस्ताव एक नया मोड़ है। हम जानते हैं कि जहां कहीं भी अमेरिका ने मुद्दों का समाधान करने के नाम पर हस्तक्षेप किया, उसने मामलों को और जटिल बना दिया।’’
कोलकाता में छह जुलाई को एक प्रेस वार्ता में गार्सेटी ने कहा था कि मणिपुर में हिंसा और हत्या ‘मानवीय चिंता’ का विषय हैं तथा अगर अमेरिका से कहा जाता है तो वह स्थिति से निपटने के लिए भारत का सहयोग करने को तैयार है।
इंफाल से शनिवार को रवाना हुए प्रतिनिधिमंडल में माकपा के राज्यसभा सांसद विकासरंजन भट्टाचार्य और जॉन ब्रिटास, भाकपा के राज्यसभा सदस्य विश्वम और संदोश कुमार पी और भाकपा के लोकसभा सदस्य के. सुब्बा रेयान शामिल थे।
दौरे के दौरान वाम सांसदों ने राहत शिविरों का जायजा लिया और इंफाल के अलावा चुराचांदपुर और थौबल जिले में प्रभावित लोगों से बातचीत की।
उन्होंने शुक्रवार शाम को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। इसके अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।
इसके पहले राहुल गांधी ने मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा 29 जून से की थी।
मणिपुर में गत तीन मई को भड़की जातीय हिंसा में अब तक 120 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई सौ लोग घायल हुए हैं।
राज्य में शांति बहाली सुनिश्चित करने के लिए मणिपुर पुलिस के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बल के 40 हजार जवान तैनात किये गये हैं।
न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ
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