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जीत के जश्न पर सपा नेता पर मुक़दमा बदले की राजनीति का नया अध्याय है?

"पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के ख़िलाफ़ फ़र्ज़ी स्क्रिप्ट तैयार कर मुकदमा लिखे जाने से योगी सरकार की किरकिरी हो रही है तो चंदौली पुलिस की इमेज पर भी बट्टा लग रहा है। मामला ऐसा लगता है कि जैसे चोरी बैगन किया जाए और मुकदमा फांसी पर चढ़ाने जैसा लिख दिया जाए।"
Victory

उत्तराखंड विधानसभा की बागेश्वर सीट के लिए हुए उप-चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी पार्वती दास की जीत पर नगर अध्यक्ष सुभाष चमोली के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बाजार में जमकर आतिशाबाजी की और मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। आवागन भी प्रभावित हुआ, पर किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

तमिलनाडु सरकार के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने चंदौली के चकिया बाजार स्थित त्रिमुहानी पर पुतला दहन किया और नारेबाजी भी। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं, क्योंकि परिषद बीजेपी की स्टूडेंट्स विंग है।

यूपी की घोसी सीट के लिए हुए उप-चुनाव में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह की जीत का जश्न मनाने के लिए सपा कार्यकर्ता मुगलसराय बाजार में जुटे। वहां से गुजर रहे पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू को सपा कार्यकर्ताओं ने रोक लिया और 29 सेकेंड तक आतिशबाजी की। वीडियो वायरल होने के बाद मुगलसराय थाना पुलिस ने डब्लू समेत 24 अज्ञात लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। बाद में उनकी तीन गाड़ियां भी सीज कर ली गईं। सपा नेता को अब गिरफ्तार करने की तैयारी है।

हकीकत से रुबरु कराते मनोज

सियासत की चाशनी में लिपटी ये तीनों घटनाओं में पुलिस और प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। उत्तर प्रदेश के चंदौली में घोसी की जीत के जश्न पर आतिशबाजी के बाद सपा नेता मनोज सिंह डब्लू के खिलाफ दर्ज मुकदमे को अब बदले की राजनीति का नया अध्याय माना जा रहा है। 08 सितंबर 2023 को उत्तराखंड के चमोली और यूपी के घोसी में विधानसभा की एक-एक सीट के लिए उप-चुनाव हुए। एक सीट पर बीजेपी जीती तो दूसरे पर समाजवादी पार्टी। दोनों जगहों पर विजयी प्रत्याशियों के समर्थकों ने जश्न मनाया। खुशी का इजहार करते हुए आतिशबाजी और नारेबाजी की। दोनों स्थानों पर आतिशबाजी के चलते कुछ देर के लिए आवागमन प्रभावित हुआ।

उत्तराखंड में चमोली पुलिस ने आतिशबाजी करने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। यूपी के चंदौली में मुगलसराय थाना पुलिस को सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की आतिशबाजी नागवार गुजरी। वह हत्थे से उखड़ गई और विपक्ष के कद्दावर नेता मनोज सिंह डब्लू के खिलाफ मुगलसराय कोतवाली थाने में बेहद संगीन धाराओं में न सिर्फ मुकदमा दर्ज किया, बल्कि उनकी तीन गाड़ियां भी जब्त कर ली। बीजेपी के नौ साल पूरे होने पर जब बीजेपी जश्न मना रही थी तो डब्लू डबल इंजन की सरकार की कार्यप्रणाली का भंडाफोड़ करने में जुटे थे। तभी से पुलिस नाखुश थी। मौका मिलते ही पुलिस ने उनके माथे पर कई संगीन धाराओं के साथ 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट भी मढ़ दिया।

चंदौली में बुरा है सड़कों का हाल

चंदौली जिला पुलिस के कामकाज की शैली पर सपा नेता मनोज सिंह डब्लू ज्यादा उग्र नजर नहीं आते। अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को वह चंदौली के बीजेपी नेताओं की साजिश करार देते हैं। वह कहते हैं, "किसी भी चुनाव में जीतने की खुशी किसे नहीं होती। जब बीजेपी कोई चुनाव जीतती तो उनके कार्यकर्ता भी नारेबाजी व आतिशबाजी करते हैं, पर पुलिस उन्हें कुछ नहीं कहती। जीत का जश्न जब विपक्ष मनाता है तो खाकी वर्दी ऐसी कार्रवाई करती है, जैसे हम आतंकवादी हों। घोसी की जीत के जश्न में शामिल होकर हमने कोई गुनाह ही नहीं किया। हम मुगलसराय से गुजर रहे थे। सपा कार्यकर्ताओं ने हमारी गाड़ी देखी तो हमें रोक लिया। कुल 29 सेकेंड तक आतिशबाजी हुई और उसके बाद हम चले गए। न कोई जाम लगा, न कोई स्कूल बस गुजरी, न ही एंबुलेंस। हमारे साथ जो लोग मौजूद थे उनमें हमारे सरकारी गनर के अलावा किसी के पास कोई असलहा भी नहीं था। फिर भी पुलिस ने लंबी-चौड़ी कहानी गढ़ दी। जिस स्थान पर आतिशबाजी की गई थी, उसी जगह जीटी रोड पर दो दिनों तक भंडारा चलता रहा। वन-वे के चलते आवागमन भी प्रभावित हुआ, लेकिन मुगलसराय पुलिस को कोई दिक्कत नहीं हुई।"

पुलिसिया कहानी पर एतराज जाहिर करते हुए मनोज कहते हैं, "11 सितंबर 2023 को चंदौली जिले के भीड़-भाड़ वाले चकिया बाजार में रास्ता रोककर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने पुतला दहन किया और खूब नारेबाजी की। उनके आंदोलन से चकिया बाजार में ट्रैफिक भी प्रभावित हुआ। परिषद के कार्यकर्ता योजना बनाकर आए थे, लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। यूपी में हवा का रुख अब सपा के पक्ष में है, इसलिए बीजेपी बौखला गई है। सत्तारूढ़ दल के नेता पुलिस अफसरों पर दबाव डालकर अब विपक्ष के नेताओं पर झूठे केस दर्ज करा रहे हैं। मेरी गाड़ियों को इसलिए सीज किया गया, ताकि हम जनता की आवाज न उठा सकें। पुलिस फर्जी केस लादकर हमें जेल भेजना चाहती है। वह हमें फर्जी मुकदमों में उलझाना चाहती है, पर हम डरने वाले नहीं हैं। जेल से छूटेंगे तो फिर जनता की आवाज उठाएंगे और बीजेपी नेताओं का भंडाफोड़ करेंगे। स्थितियां चाहे कुछ भी हों, हम जनहित में आंदोलन जारी रखेंगे। विकास कार्यों में कहीं भी घपला-घोटाला दिखेगा तो हम उसे जरूर उजागर करेंगे।"

क्या कहती है पुलिस

8 सितंबर 2023 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के गेट के बाहर जीटी रोड पर सपा कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी की। घोसी में इसी दिन सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह की बंपर वोटों से जीत हुई थी। आतिशबाजी के मौके पर सपा नेता मनोज सिंह डब्लू भी मौजूद थे। चंदौली जिला पुलिस का आरोप है कि पूर्व विधायक ने सड़क पर आतिशबाजी कराई जिससे यातायात प्रभावित हुआ। रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों की फजीहत हुई। आतिशबाजी से मुगलसराय बाजार में अफरा-तफरी मच गई। सड़क पर जाम लग गया। स्कूली बसें फंस गईं और बच्चे परेशान हुए। जाम में एंबुलेंस गाड़ियां फंसी रही, जिससे मरीजों को दिक्कतें उठानी पड़ी। आतिशबाजी के समय सपा नेता के साथ हथियारबंद लोग भी मौजूद थे। इस आधार पर समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू पर दफा 147 148 352 286 341 और 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

चंदौली के पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार मीडिया से कहते हैं, "पुलिस का यह भी आरोप है कि आतिशबाजी के दौरान पूर्व विधायक ने अपनी स्कॉर्पियो गाड़ियां सड़क पर खड़ा कर रखी थीं, जिसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हुआ। इस आधार पर पूर्व विधायक की तीनों गाड़ियों को सीज किया गया है। पुलिस उन सभी लोगों के खिलाफ एक्शन लेगी जो कानून को हाथ में लेने की कोशिश करेंगे।" इस मामले में एडिशनल एसपी विनय कुमार सिंह का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते हैं, "पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने जबरिया जीटी रोड पर बंद कराई और आतिशबाजी की। उनके अलावा 24 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ सात गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस मामले में पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है। इनकी गाड़ियों को 207 मोटर वाहन कानून के तहत सीज किया गया है।" चकिया बाजार में पुतला दहन और आतिशबाजी करने वालों पर पुलिस ने एक्शन क्यों नहीं लिया, इसका जवाब न तो पुलिस अधीक्षक के पास है और न ही अपर पुलिस अधीक्षक उत्तर दे पा रहे हैं।

सपा नेता डब्लू को जब मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिली, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। एक वीडियो जारी करते हुए उन्होंने चंदौली के सांसद और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय पर जमकर हमला बोला और कहा, "केंद्रीय मंत्री के इशारे पर पुलिस ने मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा राजनीति से प्रेरित है। घोसी की हार के बाद बीजेपी के नेता, मंत्री और विधायक बौखला गए हैं। पुलिस इनके दबाव में काम कर रही है। यूपी में लोकतंत्र पर तानाशाही हावी होती जा रही है। विपक्ष को खुशी का इजहार करना भी बीजेपी और पुलिस तंत्र को रास नहीं आ रहा है। मेरे खिलाफ दर्ज मुकदमा बीजेपी सरकार की हताशा का जीता-जागता प्रमाण है।"

क्या है पुलिसिया कहानी का सच

सपा नेता मनोज सिंह डब्लू के खिलाफ दरोगा हरिकेश की ओर से अपराध संख्या-302/2023 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। बनारस से प्रकाशित होने वाले दैनिक अखबार जनसंदेश टाइम्स ने आतिशबाजी प्रकरण में चंदौली पुलिस के कामकाज की शैली पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। अखबार लिखता है, "सपा नेता डब्लू के खिलाफ एफआईआर में पुलिस ने हो-हल्ला और उत्पात मचाने का उल्लेख किया है, लेकिन जिस वीडियो के आधार पुलिस ने मामला दर्ज किया है उसमें ऐसी कोई बात दिख नहीं रही है। पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं, वह किसी के गले से नीचे नहीं उतर रही है। सरकारी कामकाज में बाधा डालने का आरोप भी बेबुनियाद प्रतीत होता है। वीडियो में किसी भी पुलिस को आतिशबाजी करने से रोकते हुए नहीं देखा गया। घोसी की जीत के बाद सपा के जिन कार्यकर्ताओं ने अति-उत्साह में आतिशबाजी की, उनकी मंशा न तो आवागमन बाधित करने की थी और न ही शांति व्यवस्था बिगाड़ने की। पुलिस ने अपने एफआईआर में स्कूल बसों और मरीजों के एंबुलेंस के फंसे होने का उल्लेख किया है, लेकिन मुगलसराय के स्कूलों की सभी बसें पहले ही जा चुकी थीं। आतिशबाजी के दौरान कोई एंबुलेंस वहां से नहीं गुजरी। सिर्फ दो मिनट के अंदर आवागमन चालू हो गया था।"

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आनंद सिंह कहते हैं, "चंदौली का यह पहला मामला है जब आतिशबाजी के जश्न के मौके पर मौजूद रहने भर से किसी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस इसे नजरंदाज कर सकती थी, लेकिन उसने ‘आउट ऑफ वे’ जाकर रिपोर्ट दर्ज की। ऐसा प्रतीत होता है कि चंदौली पुलिस सत्तारूढ़ दल के दबाव में काम कर रही है। जो घटनाएं नहीं हुईं, पुलिस ने उसे भी रोजनामचे में जोड़ दिया। बिना मुकम्मल साक्ष्य के कहानी गढ़ दी। बड़ा सवाल यह है घोसी के जश्न में जिस दिन आतिशबाजी की गई, उसी दिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की? क्या किसी सीसीटीवी के फुटेज में स्कूल बसों अथवा एंबुलेंस के जाम में फंसे होने की पुष्टि हुई है? अगर ऐसा कोई साक्ष्य है तो पुलिस उसे सार्वजनिक करे, ताकि योगी सरकार की किरकिरी होने से रुक जाए। पुलिस जब झूठ गढ़ने की कोशिश करेगी तो वह भी कानून और जांच की जद में आएगी। किसी न किसी दिन अदालत में ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ जरूर होगा।"

वरिष्ठ पत्रकार आनंद यह भी कहते हैं, "यदि सड़क पर आतिशबाजी करना अपराध की श्रेणी में आता है तो इससे पहले भाजपा की ओर से निकाले जाने वाले जुलूसों में आतिशबाजी करने वालों पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया? चकिया में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई तो पुलिस क्यों मूकदर्शक बनी रही। उस मामले में चंदौली पुलिस ने अभी तक रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं की? कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होनी चाहिए, लेकिन दलगत आधार पर भेदभाव उचित नहीं है। चंदौली में कानून का राज दिखना चाहिए, न कि किसी दल अथवा पार्टी का। सत्ता के दबाव में पुलिस कहानी गढ़ने लगेगी तो यूपी में मुकदमों की बाढ़ आ जाएगी। पूरा देश कचहरी बन जाएगा और लोगों का सांस लेना दूभर हो जाएगा।"

चंदौली के एक वरिष्ठ पत्रकार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर ‘न्यूजक्लिक’ से कहा, "पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के खिलाफ फर्जी स्क्रिप्ट तैयार कर मुकदमा लिखे जाने से योगी सरकार की किरकिरी हो रही है तो चंदौली पुलिस की इमेज पर भी बट्टा लग रहा है। मामला ऐसा लगता है कि जैसे चोरी बैगन किया जाए और मुकदमा फांसी पर चढ़ाने जैसा लिख दिया जाए। चंदौली में मनोज ने जनहित में बहुत सा काम किया है, जिससे उन्हें खासी लोकप्रियता मिली है। जाहिर है कि वो घोसी जीत का जश्न मनाएंगे तो हुक्मरां को बुरा लगेगा ही। सियासी गलियारों में डब्लू की इमेज वजनदार नेता की है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह और एमएलसी विनीत सिंह इनके सगे समधी हैं। यही वजह है कि पुलिस चाह कर भी उन्हें गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। पुलिस अफसर यह तय नहीं कर पा रही है कि वह क्या करें और क्या नहीं करें? लगता है कि बीजेपी के किसी वरिष्ठ नेता के दबाव में मनोज सिंह डब्लू पर एक्शन लिया गया। किसी भी मामले में जब सरकार हस्तक्षेप करती है तो पुलिस और नौकरशाही कायदे-कानून को भूलकर पार्टी कार्यकर्ता की तरह काम करने लग जाया करती है। यह स्थिति देश और समाज के लिए घातक है, लेकिन सियासत का नया रंग यही है।"

डब्लू से क्यों नाराज है पुलिस

चंदौली में मनोज सिंह डब्लू इकलौते ऐसे नेता हैं जो खुलकर जनता के पक्ष में आवाज उठाते हैं। वह सरकार की दोषपूर्ण नीतियों पर तल्ख सवाल भी दागते हैं। लोकसभा में चंदौली का प्रतिनिधित्व केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय करते हैं। चंदौली जिला के चार में से तीन विधायक भी बीजेपी के हैं। मौका मिलता है तो मनोज बीजेपी नेताओं को लपेटने से पीछे नहीं रहते। बीजेपी ने कुछ महीने पहले नौ साल के कार्यकाल का जश्न मनाया तो सपा नेता मनोज सिंह डब्लू ने डबल इंजन की सरकार की नौ झूठी उपलब्धियों और उसकी नाकामियों का भंडाफोड़ किया। पहले दिन वह चंदौली पोलिटेक्निक कॉलेज पहुंचे और पूछा, "पोलिटेक्निक कॉलेज के भवनों में कलेक्टर और अन्य प्रशासनिक अफसरों के अवैध कब्जे क्यों हैं? जिन शिक्षकों के लिए ये भवन बनाए गए थे, उन्हें बाहर कब तक रहना पड़ेगा? साल 2015 में करोड़ों की लागत से बने छात्रावास को छात्रों के लिए कब आवंटित किया जाएगा? "

 

चंदौली की नवीन मंडी में सालो से सड़ रहे ब्लैक राइस को दिखाते मनोज सिंह डब्लू

पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने दूसरे दिन ब्लैक राइस का मामला उठाया जो कई सालों से चंदौली की नवीन मंडी में सड़ रहा है। मोदी और योगी ने इस चावल की जमकर ब्रांडिंग की थी। कूड़े की तरह फेंकी गई ब्लैक राइस की बोरियों को दिखाते हुए कहा, "चुनाव के समय पीएम-सीएम ने ब्लैक राइस को 1500 रुपये प्रति किलो की दर पर बिकवाने के बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन बाद में किसी ने किसानों की सुधि नहीं ली।" तीसरे दिन डब्लू नौबतपुर स्थित निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचे। एक बड़ा खुलासा कर चंदौली के लोगों को चौंका दिया कि वह राजकीय नहीं, बल्कि स्वशासी मेडिकल कॉलेज बन रहा है। निर्माण स्थल पर राजकीय मेडिकल कॉलेज का बोर्ड लगाकर चंदौली जनता को भ्रमित किया जा रहा है। विवाद बढ़ने पर मेडिकल कॉलेज का नाम बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कॉलेज कर दिया गया। बाद में मनोज ने मेडिकल कॉलेज के नोडल प्रधानाचार्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने के लिए सैयदराजा थाने में तहरीर दी तो सियासत गरमा गई।

चंदौली में ट्रामा सेंटर की हकीकत

डब्लू चौथे दिन महेवा पहुंच गए, जहां चंदौली का ट्रॉमा सेंटर प्रस्तावित है। दिसंबर 2018 में करोड़ों रुपये खर्च कर उसका शिलान्यास किया गया था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद वहां एक भी ईंट नहीं रखी गई थी। डब्लू ने कहा, "आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ट्रॉमा सेंटर को चालू कराने का नया और झूठा प्रोपगेंडा किया जा रहा है। स्थिति यह है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद मौके पर ट्रॉमा सेंटर की बाउंड्री तक नहीं बन सकी है।" पांचवे दिन उन्होंने मुगलसराय से भूपौली वाया चहनियां मार्ग का जायजा लिया और पूछा कि गड्ढामुक्त सड़क बनाने का दावा करने वाली सरकार और उनके मंत्री चुप क्यों हैं? छठे दिन धीना रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर मनोज ने बीजेपी नेताओं की कलई खोली और कहा, "चुनाव के समय फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन को रुकवाने का दावा करने वाले काबीना मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय और सैयदराजा विधायक सुशील सिंह खामोश क्यों हैं? धीना स्टेशन से सटे भैसउर गांव के पास अंडर पास बनाने के लिए आखिर वह कब तक जनता को बरगलाते रहेंगे? "

पोल खोलो अभियान के सातवें दिन बारिश में भींगते हुए मनोज गंगा नदी के तीरे पहुंचे और कटान की भयावहता को देखा। इलाकाई विधायक और सांसद की बेरुखी को रेखांकित करते हुए कहा, "बीजेपी के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से किसानों के खेत गंगा में समाते जा रहे हैं और कटान रोकने का कोई इंतजाम नहीं हो रहा है।" आठवें दिन उन्होंने चहनियां-मुगलसराय पर पदयात्रा करते हुए इस मार्ग की बदहाली के लिए बीजेपी नेताओं को आड़े हाथ लिया। नवें दिन वह नौगढ़ को औरवाटांड पहुंचे और सरकार के खोखले दावों की पोल खोली। उन्होंने कहा, " करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद इस गांव में न तो पीने का साफ पानी पहुंच सका है और न ही बिजली।"

गरमाता जा रहा मामला

पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू पर संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद यह मामला गरमाता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज काका ने इस मुद्दे पर ‘न्यूजक्लिक’ से बेबाक बातचीत की और कहा, " चंदौली पुलिस ने डब्लू पर जिन गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, उसे पहले संविधान पढ़ लेना चाहिए। अभी हाल में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले टिप्पणी की है कि गुंडा एक्ट और संगीन धाराओं का यूपी पुलिस बेजा इस्तेमाल कर रही है। सत्ता पक्ष के दबाव में विपक्ष के लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। कहीं कोई जश्न मना रहा होता है और उधर से कोई जनप्रतिनिधि गुजरता है तो उसका दायित्व बनता है कि वह रुक जाए। मनोज ने भी वही किया। वह मुगलसराय से गुजर रहे थे। कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोका तो जीत के जश्न में वह भी शरीक हो गए। यूपी में सर्वाधिक शराब, कोयला, बालू और अवैध खनन का खेल चंदौली में होता है। इस जिले के लोग इस बात से वाकिफ हैं उनको काली फिल्म चढ़ी गाड़ियों में बैठकर यह खेल कौन लोग खेल रहे हैं? चंदौली जिला पुलिस धंधेबाज नेताओं के खिलाफ आखिर कब मुकदमें दर्ज करेगी?"

बीजेपी की नीति-रीति पर सवाल खड़ा करते हुए काका कहते हैं, "बीजेपी सरकार विपक्षी नेताओं पर बदले की कार्रवाई कर रही है। इंडियन एक्सप्रेस ने हाल में एक रिपोर्ट छापी थी जिसमें कहा गया है कि साल 2014 के बाद आठ सालों में विपक्ष के नेताओं के ख़िलाफ़ ईडी के इस्तेमाल में चार गुना बढ़ोतरी हुई है। ईडी ने जिन 121 नेताओं पर कार्रवाई की, उनमें 115 विपक्ष के नेता हैं। ईडी की तर्ज पर सत्तारूढ़ दल अब उत्तर प्रदेश पुलिस का बेजा इस्तेमाल करने में लगी है। विपक्षी दलों के नेताओं पर शिकंजा कसने का पुलिस को टारगेट दिया जा रहा है। राजनीतिक द्वेष के चलते पुलिस ने पूर्व विधायक के खिलाफ झूठी कहानी गढ़ी है। सपा नेता के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करना तानाशाही है, जो लोकतंत्र के लिए घातक है। पुलिस ने अगर मनोज सिंह डब्लू को गिरफ्तार किया तो समाजवादी पार्टी चुप नहीं बैठेगी। हम लोकतांत्रिक तरीके से सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।"

(लेखक बनारस के वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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