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“क्या मैंने कोई अपराध किया है?", गाने पर नोटिस मिलने के बाद बोलीं नेहा सिंह राठौर

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए नेहा सिंह राठौर ने कहा कि उन्होंने अपनी हालिया गीत "यूपी में का बा-2" में कानपुर देहात में प्रशासन की कथित लापरवाही से मर चुकीं मां-बेटी पर लिखी थी।
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फोटो साभार : ट्वीटर

उत्तर प्रदेश पुलिस ने 21 फरवरी को जिस मुस्तैदी के साथ पहले अंबेडकर नगर फिर दिल्ली पहुंच कर नेहा सिंग राठौर को नोटिस दिया, उससे नेहा ख़ुद हैरान हैं। 16 फरवरी को यूट्यूब पर नेहा ने एक गाना अपलोड किया था, गाने का बोल था "यूपी में का बा", हर बार की तरह इस बार भी इस गाने में नेहा ने सरकार और प्रशासन पर सवाल किए थे। मुद्दा था कानपुर देहात का, जहां कुछ दिन पहले 'अतिक्रमण' हटाने के नाम पर एक झोपड़ी में कथित तौर पर आग लगा दी गई थी जिसमें एक मां बेटी की मौत हो गई थी।

 

 

नेहा ने इस गाने में सवाल उठाया है कि क्या इसी बुलडोज़र पर बाबा यानी मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को नाज़ है? नेहा ने अपने गाने में डीएम, पुलिस से लेकर सरकार पर कई सवाल और आरोप लगाए हैं। इन्हीं आरोपों से खफा होकर कानपुर देहात में अकबरपुर थाने के प्रमोद कुमार शुक्ला ने नेहा सिंह राठौर को नोटिस भेज दिया। इसकी जानकारी ख़ुद नेहा ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करके दी।

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न्यूज़क्लिक से बात करते हुए नेहा ने कहा, "मैं तो उत्तर प्रदेश पुलिस की मुस्तैदी देख कर हैरान हूं कि पहले वो अंबेडकरनगर चले गए, फिर पूरी फ़ौज लेकर दिल्ली भी आ गए। मेरे साथ पुलिस-प्रशासन ऐसा व्यवहार कर रहा है जैसे मैंने कोई अपराध किया हो, मैंने कोई अपराध किया है क्या?"

नेहा ने आगे कहा, "एक कलाकार के तौर पर मुझे बुरा लगता है। मैंने कानपुर देहात में पुलिस-प्रशासन की कथित लापरवाही के चलते जल कर मर चुकीं मां-बेटी के दर्द को इस गाने में लिखा था, इसी वजह से मुझे नोटिस भेजा गया है।"

इस नोटिस में क्या है?

जैसा कि ऊपर दी गई तस्वीर में आप देख सकते हैं, नोटिस में यूपी पुलिस ने नेहा से 7 सवाल पूछे हैं जिनमें बुनियादी तौर पर इसकी पुष्टि करने की कोशिश की गई है कि गीत में और उसके वीडियो में नेहा थीं या नहीं, ये एक आधिकारिक औपचारिकता हो सकती है। मगर इन 7 सवालों के बाद जो लिखा है, वो वाक्य चिंतित करने वाला है। इस नोटिस में लिखा है, "आपके इस गीत के कारण समाज में वैमनस्य तथा तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है।"

एक गीत, जो सत्ता से सवाल उठाता है, या उसके प्रशासन पर व्यंग्य करता है, उससे वैमनस्य कैसे फैल सकता है?

आपको बता दें कि इसी उत्तर प्रदेश के दसियों गायक ऐसे हैं जो अपने रोज़गार के नाम पर हिंदुत्ववादी, मुस्लिम विरोधी गाने बजाते हैं। 2022 में हनुमान जयंती, राम नवमी के जुलूसों के दौरान जो भीड़ मस्जिदों, मुसलमानों के घरों के बाहर नारेबाज़ी कर रही थी वह इन्हीं गानों पर नाच रही थी। मगर उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज तक उन गानों को वैमनस्य फैलाने वाला नहीं बताया है। ये गाने इतने भौंडे, भद्दे और वीभत्स होते हैं कि उनके बोल यहां लिखना संभव नहीं है।

नेहा सिंह राठौर ख़ुद को लोक गायिका बताती हैं, जो अपने गानों में बेरोज़गारी, ग़रीबी, महंगाई और जनता के अन्य मुद्दों पर सवाल उठाती रहती हैं। पहले भी उन्हें ट्रोल किया गया है। अनामिका जैन, मैथिली ठाकुर जैसी गायिकाओं ने राठौर के गाने पर जवाब देते हुए गाने बनाए हैं लेकिन ऐसा पहली बार ही है कि राठौर पर उनके गीतों की वजह से पुलिस के द्वारा क़ानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई।

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