हरियाणा : कोरोनावायरस के कारण शिक्षकों ने अपना प्रदर्शन टाला

हरियाणा विद्यालय के शिक्षकों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हरियाणा के शिक्षा मंत्री कँवर पाल से मुलाक़ात की। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रधान सीएन भारती के नेतृत्व में 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल रविवार को शिक्षा मंत्री से उनके निवास स्थान में मिला।
शिक्षक संघ ने मंत्री को शिक्षा और शिक्षकों की समस्या से अवगत करवाया। शिक्षक संघ के नेताओं ने मंत्री से मिलने के बाद उम्मीद जताई है कि सरकार उनके मांगों पर काम करेगी।
शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल में सीएन भारती, जग रोशन, राजेंद्र प्रसाद, धर्मेंद्र ढांडा, प्रभु सिंह, सतबीर गोयत, लैक सिंह, कृष्ण नैन, जगपाल, सतबीर नरवल व राकेश धनखड़ शामिल थे।
आपको बता दें कि इससे पहले हरियाणा विद्यालय के हज़ारों शिक्षकों ने अपनी कई मांगों को लेकर 15 मार्च को हरियाणा के शिक्षा मंत्री के यमुनानगर आवास पर ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, परंतु देश और दुनिया में जिस तरह से कोराना वायरस फैला है, उसको देखते हुए शिक्षक संघ ने फैसला किया कि बड़ी रैली नहीं करेंगे। लेकिन इसके साथ यह भी कहा गया कि यदि सरकार उनके मांगों के प्रति सकारात्मक नहीं हुई तो मजबूरन उन्हें सड़कों पर उतरना होगा।
हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। पिछले तीन महीने से स्कूलों में मूलभूत ख़र्चे जैसे बिजली, वेतन व एक्स ग्रेशिया बजट नहीं दिया गया है। इसके साथ ही शिक्षकों के तबादले नहीं हो रहे हैं। इसमें भारी भ्रष्टाचार है, पिछले तीन वर्षों से लंबित मौलिक शिक्षा फ़ंड, वर्दी भत्ता व प्रोत्साहन राशि जारी नहीं की गई। जिससे स्कूलों के संचालन में भारी समस्या हो रही है। सरकार हर वर्ष शिक्षा के बजट में कटौती कर रही है। इन्हीं सब समस्याओं को लेकर शिक्षकों में रोष है।
सरकार ने इन समस्याओं को हल करने के बजाय स्कूलों को बंद करने का फ़रमान जारी किया था। जिसे शिक्षक और छात्रों के विरोध के चलते वापस लेना पड़ा।
हरियाणा में स्कूलों की हालत इतनी ख़राब है कि 14 हज़ार प्राथमिक विद्यालय में कोई सफ़ाई कर्मचारी का पद नहीं है।
रविवार को बैठक में पहले संघ ने शिक्षा मंत्री से शिकायत की कि वो लोग 4 माह से बैठक के लिए अनुरोध कर रहे हैं लेकिन उन्हें अनदेखा किया जाता रहा है।
अध्यापक संघ ने शिक्षा मंत्री को अपना मांग पत्र सौंपा जिसमें अपनी सभी मांगों का ज़िक्र किया।
शिक्षा मंत्री ने मांग पत्र के सभी मुद्दों को गंभीरता से सुना एवं कहा कि वर्तमान में यह सारे मुद्दे बहुत गंभीर हैं, और इन पर अधिकारियों के साथ बैठकर विस्तृत बैठक करने की ज़रूरत है। उन्होंने शिक्षकों को मंगलवार 24 मार्च को चंडीगढ़ सचिवालय में अपने कार्यालय में बैठक के लिए बुलाया है।
अध्यापक संघ ने कहा है कि वो उपरोक्त बैठक में जाएंगे और विस्तार से अधिकारियों के समक्ष अपनी मांगों को रखेंगे। यदि कोई सकारात्मक पहलक़दमी हुई तो स्वागत करेंगे, अन्यथा मजबूरन उन्हें आगे के आंदोलन की घोषणा करनी पड़ेगी।
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