गुजरात मोरबी हादसा: आलोचनाओं के घेरे में प्रधानमंत्री

एक कहावत है... ‘दूर के ढोल सुहावने होते हैं’ कुछ यही हाल दरअसल ‘गुजरात मॉडल’ का है।
उत्तर प्रदेश हो या उत्तराखंड, मिजोरम हो या कर्नाटक चाहे मध्यप्रदेश हो... यहां तक विदेशों में भी हमारे तथाकथित 56 इंच की छाती का प्रदर्शन करने वाले यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीख-चीख कर ‘गुजरात मॉडल’ का बखान करते हैं। अब साहेब से सवाल पूछे भी तो कौन कि क्या जिस पुल ने 150 से ज्यादा लोगों के घर बर्बाद कर दिए, वो आपके गुजरात मॉडल का हिस्सा नहीं है? जिस माच्छू नदी में पानी से ज्यादा कीचड़ भरा हुआ था, जिसमें फंसकर लोगों ने अपनी ज़िंदगी खो दी, ये आपके गुजरात मॉडल का हिस्सा नहीं है? पुल पर चढ़ने के लिए जो नियम बनाए गए थे, इन्हें लागू करवाने वाला पूरा दस्ता नदारद था... ये आपके गुजरात मॉडल का हिस्सा नहीं है? जिन लोगों ने अपने बेटे-बेटी, माता-पिता, भईया-भाभी या अन्य रिश्तेदारों को खोया... वो आपके गुजरात मॉडल का हिस्सा नहीं थे?
या फिर देश की जनता ये मान ले कि आपके ‘गुजरात मॉडल’ में सिर्फ भाषण, वादे और कागज़ों पर लिखी बातें शामिल हैं, जो माच्छू नदीं पर बने पुल से कीचड़ वाली नदीं में औंधे मुंह गिरे और घुट कर खत्म हो गए।
गुजरात के मोरबी में हुए भयावह हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह अपने रोड शो कार्यक्रम रद्द किए और भावुक होकर लोगों को संबोधित किया... उससे यही लगा कि... हमारे प्रधानमंत्री को चुनावी कार्यक्रमों से ज्यादा लोगों की चिंता है, लेकिन ये सभी तथाकथित बातें उसी वक्त खंडित हो जाती हैं, जब सरदार पटेल के जन्मदिन और कर्तव्य पथ पर उपस्थिति के नाम पर हुए कार्यक्रम में मोदी जी शुरुआती
श्रद्धांजलि के बाद अपने फुल फार्म में भाषण देने लगते हैं।
इतना ही नहीं लोगों को तब भी झटका लगता है जब प्रधानमंत्री के आगमन से पहले अस्पताल में उनके लिए ‘रेड कारपेट स्वागत’ जैसी तैयारी होने लगती है। अस्तपताल की मरम्मत शुरू हो जाती है, आप ख़ुद ही ये तस्वीरें देखिए जिसे कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल से शेयर किया गया है।
त्रासदी का इवेंट
कल PM मोदी मोरबी के सिविल अस्पताल जाएंगे। उससे पहले वहां रंगाई-पुताई का काम चल रहा है। चमचमाती टाइल्स लगाई जा रही हैं।
PM मोदी की तस्वीर में कोई कमी न रहे, इसका सारा प्रबंध हो रहा है।
इन्हें शर्म नहीं आती! इतने लोग मर गए और ये इवेंटबाजी में लगे हैं। pic.twitter.com/MHYAUsfaoC— Congress (@INCIndia) October 31, 2022
सिर्फ अस्पताल की मरम्मत ही नहीं साहब की आंखों में कहीं कोई रंग चुभ न जाए, कहीं कोई प्लास्टर वाली दीवार साहब को दिख न जाए, इसलिए जबरदस्त तरीके से लीपा-पोती की जा रही है। जिसका वीडियो आम आदमी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से शेयर किया गया है।
Morbi Civil Hospital में रातों रात रंग-पुताई की जा रही है ताकि कल PM Modi के Photoshoot में घटिया बिल्डिंग की पोल ना खुल जाए
141 लोग मर चुके हैं, सैकड़ों लोग लापता हैं, असली दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन भाजपाइयों को फोटोशूट करके लीपापोती की पड़ी है..#BJPCheatsGujarat pic.twitter.com/KVDLdblD6C— AAP (@AamAadmiParty) October 31, 2022
एक बार फिर आपको याद दिला दें कि जिस अस्पताल में साहब के स्वागत की तैयारियां चल रही हैं, यहां मोरबी हादसे में मुश्किल से ख़ुद को बचा पाए लोग भर्ती हैं, इसी अस्पताल में चारो ओर गंभीर स्थिति में बने हुए नागरिकों के परिवार चीख-पुकार रहे हैं। लेकिन कहां किसी को किसी के दर्द से मतलब है, यहां पर सिर्फ राजनीतिक रंग की रंगोली सजनी चाहिए, ताकि साहब की आंखों को ठंडक मिल सके।
इसी को कार्टूनिस्ट इरफ़ान ने अपने ढंग से लोगों के सामने रखा
बीबीसी के हवाले से एक तस्वीर शेयर की गई है, जिसे देखकर ये कहा जा सकता है... सब कुछ सेट अब साहब हादसे का शिकार हुए पीड़ितों और उनके परिवार वालों से मुलाकात कर सकते हैं।
ख़ैर... कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और आरजेडी के अलावा लगभग सभी राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री के आगमन से पहले हो रहे इस सियासी ड्रामें की तस्वीरें और वीडियो शेयर की हैं।
ये सियासी ड्रामा सिर्फ मोदी जी की सियासत को ही नहीं बयां कर रहा, बल्कि ‘गुजरात मॉडल’ कितना फिसड्डी है, इसका एक और नज़राना पेश कर रहा है। कहने का मतलब ये कि जिस प्रदेश के अस्पातल ख़ुद वेंटीलेटर पर हों, जिनकी दीवारों और उपकरणों को ख़ुद मरम्मत रूपी ऑक्सीजन की ज़रूरत हो... वो क्या ही दूसरे राज्यों को ‘गुजरात मॉडल’ का उदाहरण देंगे।
ख़ैर... आगे बढ़ते हैं, एक और अद्भुत नज़रा देखते हैं... इस नज़ारे को देख आप स्तब्ध रह जाएंगे और सोचेंगे कि क्या ये वहीं पार्टी है और नेता हैं जिन्हें हमने अपने प्रदेश के विकास के लिए चुना था।
जब #गुजरात के पुल हादसे में सैंकड़ों लोग मारे जा चुके थे गुजरात का स्वास्थ्य मंत्री पटाखे बजा रहा था, केक काट रहा था। ये भाजपाई इतने असंवेदनशील क्यों होते है?#GujratBridgeCollapse pic.twitter.com/TpfZ33m63T
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 1, 2022
इस वीडियो में अपने जन्मदिन का केक काट रहे महाशय गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल हैं। राष्ट्रीय जनता दल ने अपने ट्वीट हैंडल से इस वीडियो को शेयर कर ये दावा किया है, "जब गुजरात के पुल हादसे में सैकड़ों लोग मारे जा चुके थे, गुजरात का स्वास्थ्य मंत्री पटाखे बजा रहा था, केक काट रहा था। ये भाजपाई इतने असंवेदनशील क्यों होते है?”
राष्ट्रीय जनता दल के इस वीडियो में अगर ज़रा भी सच्चाई है, तो एक बात कह देनी बहुत ज़रूरी है, कि जिस वक्त सैकड़ों लोगों के घरों के चिराग हमेशा के लिए बुझ चुके थे, उस वक्त स्वास्थ्य मंत्री, जिन्हें अस्पताल में होने चाहिए वो अपने दीर्घायु के लिए जनम दिन का केक काट रहे थे।
यहां ये कहना भी गलत नहीं होगा कि ‘गुजरात मॉडल’ की आड़ में घुट रहे अस्पतालों की हालत भी इन्हीं की नज़रअंदाज़ी का नतीजा है।
ख़ैर... इस सबके बाद भी किसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संवेदनशीलता को लेकर ज़रा सा भी शक हो तो उन्हें उनका यह पुराना वीडियो ज़रूर देखना चाहिए। गुजरात का पुल गिरने के बाद सभी विपक्षी दलों ने गंभीरता का परिचय देते हुए अपने दुख का इज़हार किया। लेकिन बिल्कुल इसी तरह की घटना बंगाल चुनाव के समय कोलकाता में होने पर हमारे प्रधानमंत्री जी ने उसे किस तरह भुनाने की कोशिश की थी उसका यह वीडियो सबसे बड़ा सुबूत है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जबर्दस्त तरीके से वायरल है।
गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से हुए हादसे में हुई जनहानि की खबर अत्यंत दुखद एवं हृदय विदारक है।
मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना।
कृपया इस तरह की कोई राजनीति ना करें
pic.twitter.com/FVwAlzVjyH— Surendra Rajput (@ssrajputINC) October 30, 2022
इस वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में बात कर रहे हैं। और ये वीडियो 2016 में बंगाल चुनाव प्रचार का है।
दूसरी ओर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर निकले कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मोरबी हादसे पर किस तरह अपना पक्ष रखा वो भी आप देख सकते हैं।
Question: Who do u think is responsible for the Morbi bridge collapse?
Ans: "I don’t want to politicise this incident. People have lost lives there. It’s disrespectful for them to do it. So I am not going to do it."
That's my leader @RahulGandhi pic.twitter.com/pezdtvFMZ7— Srinivas BV (@srinivasiyc) October 31, 2022
फिलहाल मोरबी हादसे के बाद से जिस तरह ‘गुजरात मॉडल’ की पोल खुली है, उससे ये ज़रूर कहा जा सकता है कि आंखे बंद कर लेने से सच्चाई बदलती नहीं है। कहने का अर्थ ये है कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन जिन नेताओं को जनता ने अपने महत्वपूर्ण मत देकर सत्ता में बिठाया है, उसका बेजा इस्तेमाल करना देश और देश के भविष्य के लिए ठीक नहीं है।
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