किसान-मज़दूर-नौजवान की नाराज़गी के बावजूद सरकार बेफ़िक्र!
सरकार ने संसद में दावा किया कि तीन कृषि कानून समाज़ को प्रगतिशील बनाने के वैसे ही जरूरी सुधार-कानून हैं जैसे एक समय बच्चों के विवाह की उम्र तय करने का कानून आया या शिक्षा के अधिकार का कानून आया था. क्या यह दावा सही है? उत्तराखंड के चमोली जिले की आपदा का ऋषिगंगा परियोजना से क्या सम्बन्ध हैं? आज के दौर में जनता और समाज के अहम् सवालों पर सरकार की ऐसी बेफ़िक्री क्यों बढ़ रही है? जवाब दे रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।