स्मृति शेष: क्रांतिकारी गीतों से लोकप्रिय हुए लोक गायक 'गदर'

तेलंगाना के मशहूर लोक गायक गदर का रविवार को निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे। पिछले कुछ समय से बीमार थे। गदर का असली नाम गुम्मडी विट्ठल राव था।
वे 1980 के दशक के दौरान क्रांतिकारी गीतों और इसके बाद पृथक तेलंगाना राज्य आंदोलन को लेकर अपनी रचनाओं से लोकप्रिय हुए थे।
लोक गायक का निधन बढ़ती उम्र के साथ साथ फेफड़ों एवं मूत्र संबंधी समस्या के चलते हुई। वे अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में भर्ती थे।
अस्पताल ने एक बयान में बताया कि गदर, दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे और उन्हें 20 जुलाई को भर्ती कराया गया था। बयान में कहा गया है कि तीन अगस्त को उनकी बाइपास सर्जरी हुई थी और वह इससे ठीक हो गए थे।
VIDEO | Telangana folk singer and balladeer Gaddar, who was known for his revolutionary songs during the 1980s and later during the Telangana statehood agitation, passed away in Hyderabad due to ill-health. He was 77.
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अस्पताल के बयान के अनुसार, वह लंबे समय से फेफड़े एवं मूत्र संबंधी बीमारी से पीड़ित थे जो बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती गई और यही उनके निधन का कारण बनी।
पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी जैसे शीर्ष नेताओं ने गदर के निधन पर दुख जताया।
उनके अलावा, तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन, हरियाणा के उनके समकक्ष बंडारू दत्तात्रेय, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी, तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू, प्रदेश भाजपा प्रमुख जी किशन रेड्डी और तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश के कई अन्य नेताओं ने गदर के निधन पर दुख जताया।
अभिनेता चिरंजीवी सहित तेलुगू फिल्म जगत की हस्तियों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
गदर का असली नाम गुम्मडी विट्ठल राव था और उनका जन्म 1949 को मेडक जिले के तूपरान में एक दलित परिवार में हुआ था और उनकी परवरिश मुश्किल हालात में हुई थी।
गदर ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके पिता की मुलाकात बाबा साहब अंबेडकर से हुई और उनके प्रभाव में आकर उनके पिता ने उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
लोक गायक का अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल में फेफड़ों व मूत्राश्य संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया।
अस्पताल ने एक बयान में बताया कि गदर हृदय की गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे और उन्हें 20 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तीन अगस्त को बाइपास सर्जरी हुई थी और वह इससे उबर गए थे।
अस्पताल ने कहा कि वह काफी पहले से फेंफड़ों और मूत्राशय की बीमारियों से पीड़ित थे और उम्र बढ़ने के साथ उनकी बीमारी गंभीर होती गई।
उन्होंने 2018 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अपने जीवन में पहली बार मतदान किया।
उन्होंने अपनी खुद की पार्टी 'गदर प्रजा पार्टी' बनाई। इसके बाद वह बीमार पड़ गए और इसे आगे नहीं ले जा सके।
उन्होंने फिल्मों के लिए गीत लिखे और वे चर्चा के केंद्र में आ गए। 1979 की फिल्म 'मां भूमि' में उनका गीत 'बंदेनाका बंदी कट्टी' काफी मशहूर हुआ था।
गदर पर 1990 के दशक में हमला किया गया था और एक गोली उनकी रीढ़ की हड्डी में फंस गई थी और वह उनकी जिंदगी के अंत तक फंसी रही।
गदर के पार्थिव शरीर को शहर के एलबी स्टेडियम ले जाया गया ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। लोक गायक का अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने गदर की जनता के प्रति सेवाओं के सम्मान में दिवंगत गायक का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की।
गदर ने दो जुलाई को तेलंगाना के खम्मम में हुई कांग्रेस की एक जन सभा में हिस्सा लिया था, जिसे राहुल गांधी ने संबोधित किया था।
खरगे ने कहा कि गदर सर्वाधिक कमजोर वर्गों की आकांक्षाओं के लिए एक उम्मीद बने रहेंगे।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा,''गदर का सामाजिक मुद्दों और तेलंगाना राज्य के लिए लड़ाई के प्रति अटूट समर्पण वास्तव में प्रेरणादायक था।"
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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