हिमाचल में भारी बारिश से पांच लोगों की मौत

शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर लगातार जारी है, बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और आवासों को नुकसान पहुंचा है तथा विभिन्न घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि शिमला जिले के कोठगढ़ इलाके में भूस्खलन से एक घर ढह गया जिसमें परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अनिल, उनकी पत्नी किरन और पुत्र स्वप्निल के रूप में हुई है।
Himachal: Flood-like situation in Una; 5 killed across the state as heavy rains lash Himachal
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कुल्लु शहर में भी भूस्खलन से एक अस्थायी घर क्षतिग्रस्त हो गया जिसमें एक महिला की मौत हो गई।
एक अन्य हादसे में चंबा तहसील के कातियान में शनिवार रात भूस्खलन की चपेट में आकर एक व्यक्ति दब गया।
राज्य आपदा अभियान केंद्र के अनुसार, राज्य में बीते 36 घंटों में भूस्खलन की 13 और बाढ़ की नौ घटनाएं हुई।
राज्य में रविवार सुबह तक 736 सड़कें बाधित रहीं जबकि 1,743 ट्रांसफॉर्मर और 138 जल आपूर्ति परियोजनाएं प्रभावित रहीं।
राष्ट्रीय राजमार्ग 21 राज्य के ‘6 माइल’ स्थान पर बाधित रहा। यह वही स्थान है जहां पर यात्री 27 जून को 24 घंटे तक फंसे रहे थे। कमांड से होकर गुजरने वाली मंडी-कुल्लू सड़क गोडा फार्म के करीब बंद रही। मनाली-चंडीगढ़ मार्ग भी मनाली के पास धंस गई।
मनाली में दुकानें बहने और कुल्लू, किन्नौर तथा चंबा में नाले में अचानक आई बाढ़ में वाहनों के बह जाने और कृषि भूमि को नुकसान होने की भी खबरें सामने आई है। शिमला जिले में कई सड़कें बंद कर दी गई हैं।
राज्य में रावी, ब्यास, सतलुज, चिनाब सहित सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। पर्यटकों और यात्रियों को भारी बारिश के दौरान यात्रा करने से बचने और नदी के पास न जाने के लिए कहा गया है।
कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि कुल्लू-मनाली सड़क कई स्थानों पर भूस्खलन और पत्थर गिरने से बाधित है। रामशिला के पास ब्यास नदी उफान पर है और यातायात को कुल्लू से मनाली तथा मनाली से अटल टनल आवगमन के लिए रोक दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मंडी-कुल्लू सड़क पर भी भूस्खलन हुआ है जिससे इस मार्ग से केवल आपातकालीन वाहनों को ही जाने की इजाजत है। प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भारी बारिश में बाहर निकलने से मना किया है।
शिमला और कालका के बीच यूनेस्को धरोहर रेलमार्ग के बीच सभी रेलें रद्द कर दी गई हैं क्योंकि कई स्थानों पर भूस्खलन और पेड़ों के गिरने से रेलमार्ग अवरुद्ध हो गया है।
चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर चार पर्यटक शनिवार रात को बाल-बाल बच गए जब चंडोल के करीब एक बड़ा पत्थर उनकी गाड़ी पर गिर गया। हादसे के दौरान पर्यटक मनाली जा रहे थे और स्थानीयों ने उन्हें बचाया।
कई स्थानों पर भूस्खलन और बाढ़ के कारण सड़क अवरुद्ध होने के बाद सुंडो-काजा-ग्रामफू (राष्ट्रीय राजमार्ग 505) पर ग्रामफू और छोटा धर्रा के बीच फंसे 30 कॉलेज छात्रों को शनिवार रात लाहौल और स्पीति के अधिकारियों ने बचाया।
राज्य में बीते 24 घंटों में विभिन्न हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हुई।
बिलासपुर के नांगल बांध में 282.5 मिलीमीटर बारिश जबकि बिलासपुर में 224 मिलीमीटर, देहरा गोपीपुर में 175.4, ऊना में 166.2, चंबा में 146.5, डलहौजी में 143, नाहन और मनाली में 131.2, धर्मशाला में 126.4, गोंडला में 112, कांगड़ा में 108, सोलन 107, जुब्बड़हट्टी में 103, भुंतर में 101, पालमपुर में 94, नारकंडा में 8, सुंदरनगर में 83, मंडी में 80, शिमला में 79.4 और मशोबरा में 70 मिलीमीटर बारिश हुई।
स्थानीय मौसम विभाग कार्यालय ने राज्य के सात जिलों में आठ एवं नौ जुलाई के लिए रेड अलर्ट (204 मिलीमीटर से अधिक बारिश) जारी किया हुआ है। कार्यालय ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर और मंडी जिलों में अचानक तेज बाढ़ आने के खतरे को लेकर भी चेतावनी दी है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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