फ़ैक्ट चेक: क्या भारत सचमुच 100 करोड़ टीके लगाने वाला दुनिया का पहला देश है?

भारत ने 21 अक्टूबर, 2021 को कोरोना के 100 करोड़ टीकों का लक्ष्य हासिल कर लिया। इस उपलक्ष्य में सोशल मडिया पर भाजपा कार्यकर्ताओं, नेताओं और मंत्रियों के द्वारा कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। स्वयं प्रधानमंत्री ने ना सिर्फ देश को संबोधित किया है बल्कि एक आलेख (ओपेड) भी लिखा है। फिलहाल टीकाकरण के बारे में दो दावे किए जा रहे हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने ट्वीट किया है कि भारत 100 करोड़ टीके लगाने वाला पहला देश बन गया है। उन्हें बाद में अपने इस फ़र्ज़ी दावे वाले ट्वीट को हटाना पड़ा। (आर्काइव ट्वीट)।
इसके अलावा आज तक की वरिष्ठ कार्यकारी संपादक और एंकर अंजना ओम कश्यप ने भी अपने ट्वीट में यही दावा किया है। अंजना ने ट्वीट में लिखा है- वैक्सिनेशन रिकॉर्डतोड़, डोज़ 100 करोड़! 100 करोड़ डोज़ देने वाला पहला देश बना भारत, जय हो। अंजना ओम कश्यप का ओरिजनल ट्वीट आप इस लिंक पर देख सकते हैं। (आर्काइव लिंक)।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने भी 100 करोड़ डोज़ पूरा होने के मौके पर देशवासियों को बधाई देते हुए ट्वीट किया है। (आर्काइव लिंक)। सी टी रवि ने ट्वीट में दावा किया है कि भारत दुनिया का पहला देश है जिसने कोविड के 100 करोड़ टीके लगाए हैं।
इसके अलावा भी भाजपा के कार्यकर्ताओं और कमेटियों के द्वारा अनेक ट्वीट किये गये हैं। जिन्हें आप नीचे दिए गए लिंक पर देख सकते हैं। लिंक एक, लिंक दो, लिंक तीन, लिंक चार। आइये! अब इन दोनों दावों की पड़ताल करते हैं।
क्या भारत सचमुच 100 करोड़ टीके लगाने वाला दुनिया का पहला देश है?
जब इस बारे में अंतरराष्ट्रीय कोरोना वैक्सीन ट्रैकर पर खोजबीन की गई तो पता चला कि भारत 100 करोड़ डोज़ देने वाला पहला देश नहीं है। जाँस हॉपकिंस विश्वविद्यालय के वैक्सीन ट्रैकर के अनुसार जब भारत 100 करोड़ टीकों का जश्न मना रहा है। तब चीन में 223 करोड़ से ज्यादा डोज़ दी चुकी हैं। यानी भारत दुनिया का पहला देश नहीं है जिसने 100 करोड़ डोज़ दी हैं बल्कि भारत दुनिया का दूसरा देश है। पहले नंबर पर चीन है।
क्या भारत का टीकाकरण अभियान दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है?
बड़े पैमाने पर दूसरा दावा किया जा रहा है कि भारत का टीकाकरण अभियान दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है। प्रधानमंत्री ने अपने लेख में भी ये दावा किया है। इसके अलावा बीजेपी के अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी ट्वीट किया गया है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बताया है।
आइये! इस दावे की भी पड़ताल करते हैं। क्या भारत की जनसंख्या के आधार पर ये दावा किया जा रहा है कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है? अगर ऐसी बात है तो आपको बता दें कि भारत की जनसंख्या 138 करोड़ है और चीन की जनसंख्या 140.21 करोड़। यानी चीन की जनसंख्या भारत से ज्यादा है और चीन में भारत से दोगुनी से भी अधिक डोज़ लगाई चुकी हैं।
तो क्या ये दावा इस आधार पर किया जा रहा है कि भारत ने अनुपात के हिसाब से या प्रतिशत के हिसाब से सबसे ज्यादा डोज़ दी हैं? अंतरराष्ट्रीय कोरोना वैक्सीन ट्रैकर के अनुसार संख्या के आधार पर देखें तो सबसे ज्यादा दोनो वैक्सीन देने वाला देश चीन है। चीन 104 करोड़ 78 लाख लोगों को दोनों डोज़ लगा चुका है और विश्व में पहले स्थान पर है। जबकि भारत में अब तक मात्र 28 करोड़ लोगों को दोनों डोज़ लगाई गई हैं।
अगर प्रतिशत के हिसाब से देखें तो संयुक्त अरब अमीरात में 87.26 प्रतिशित लोगों को दोनों डोज़ लग चुकी है। ये विश्व में सबसे ज्यादा है। भारत में मात्र 20 प्रतिशत लोगों को ही दोनों डोज़ लगी है। प्रतिशत के हिसाब से भारत विश्व में 105वें नंबर पर है। तो प्रतिशत के हिसाब से भी भारत को दुनिया के सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान नहीं कहा जा सकता।
निष्कर्ष
स्पष्ट है कि भारत न तो पहला देश है जिसने 100 करोड़ डोज़ लगाई है और न ही भारत का टीकाकरण विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है। दावे ग़लत और भ्रामक है।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)
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