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फेक्ट चेक: एम्स, नेहरू ने नहीं राजकुमारी अमृत कौर ने बनवाया?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संदेश में दावा किया जा रहा है कि एम्स का निर्माण राजकुमारी अमृत कौर के राजघराने ने कराया है। जिसका श्रेय कांग्रेस और नेहरू ले रहे हैं। आइये, इस दावे की पड़ताल करते हैं। जानते हैं क्या है सच।
राजकुमारी अमृत कौर
राजकुमारी अमृता कौर (फाइल)

सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है “एम्स बनवाने का श्रेय चमचे नेहरू को देते हैं। जिस एम्स को बनवाने का श्रेय कांग्रेसी लेते हैं असल में उसे कपूरथला की राजकुमारी अमृत कौर ने बनवाया था।

ट्वीटर, फेसबुक और वाट्सअप पर ये पोस्ट वायरल हो रही है। एम्स के निर्माण को लेकर, इस मामले की शुरुआत तब हुई जब अमित शाह एम्स में भर्ती हुए। पूर्व सांसद एवं कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. उदित राज ने उस वक्त ट्वीट किया कि “स्वागत है अमित शाह जी का एम्स में जिसे नेहरू ने बनवाया था।

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इस ट्वीट के बाद उदित राज को जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील प्रशांत पटेल उमराव ने भी एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा “AIIMS की स्थापना में नेहरू का रोई योगदान नहीं था, एम्स कपूरथला की राजकुमारी अमृत कौर अहलूवालिया ने बनवाया था...।” इसे यह ख़बर लिखे जाने तक 10.8 हज़ार लोगों ने लाइक किया और 4.8 हज़ार लोगों ने रिट्वीट किया।

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इसके बाद ये संदेश फोटो और ग्राफिक आदि की शक्ल में भी फेसबुक और वाट्सअप पर वायरल होने लगा।

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इन पोस्ट में जो दावा किया जा रहा है, उससे ऐसा लगता है कि एम्स का निर्माण राजकुमारी अमृत कौर के राजघराने ने कराया है। जिसका श्रेय कांग्रेस और नेहरू ले रहे हैं। आइये, इस दावे की जांच-पड़ताल शुरु करते हैं। सच्चाई जानने के लिए हमें पहले राजकुमारी अमृत कौर के बारे में जानना होगा।

कौन है राजकुमारी अमृत कौर?

राजकुमारी अमृत कौर सिर्फ एक राजघराने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि वे एक स्वतंत्रता सेनानी, कांग्रेस की सदस्य और भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री हैं। उनका संबंध कपूरथला के राजघराने से हैं। अमृत कौर आज़ादी के आंदोलन में सक्रिय रही हैं और जेल भी गई है। अमृत कौर महात्मा गांधी से प्रभावित थी और 17 साल तक उनकी सचिव रही। अमृत कौर संविधान सभा की सदस्य भी रहीं हैं। जब देश आज़ाद हुआ तो नेहरू ने उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनने का प्रस्ताव पेश किया। देश की आज़ादी और देश के स्वास्थ्य ढांचे में अमृत कौर का योगदान अतुलनीय है। इनका देहांत 6 फरवरी 1964 को हुआ था। न्यूयॉर्क टाइम्स की ये आर्काइव्ड खबर देखें।

अमृत कौर के बारे में पाठकों को ज्यादा पढ़ना चाहिये और जानकारी हासिल करनी चाहिये। द प्रिंट का ये लेख और नई दुनिया का लेख आप पढ़ सकते हैं।

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AIIMS खुद क्या कहता है?

नज़र डालते हैं AIIMS की ऑफिशियल वेबसाइट पर जहां एम्स की स्थापना के लिए तीन नामों का जिक्र हैं। एक जवाहर लाल नेहरू, दूसरा अमृत कौर और तीसरा सर जोसेफ भोर। जोसेफ, स्वास्थ्य सर्वे और विकास समिति के चेयरपर्सन थे। इस समिति ने 1946 में एम्स जैसे संस्थान को स्थापित करने की अनुशंसा की थी। साथ ही इस तरह के संस्थान को बनाने का सपना नेहरू और अमृत कौर का भी था। तो एम्स के मुताबिक, एम्स की स्थापना के पीछे सर जोसेफ भोर, नेहरू और अमृत कौर हैं।

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निष्कर्ष

वायरल संदेश में दावा किया जा रहा है कि एम्स की निर्माण में नेहरू और कांग्रेस का कोई योगदान नहीं है। ये दावा गलत है।

लेकिन, अच्छी बात ये हुई कि इस पोस्ट के कारण अमृत कौर के योगदान पर बात करने का मौका मिला। लेकिन दुखद ये है कि दक्षिणपंथी सोशल मीडिया यूजर, भजपा आइटी सेल और स्वयंसेवकों ने अमृत कौर की शख्सियत को छोटा करके पेश किया। उन्हें मात्र एक राजकुमारी तक ही सीमित कर दिया, जो गलत है।

गौरतलब है कि किसी भी संस्थान को निर्माण के पीछे कोई एक व्यक्ति नहीं होता। उसके पीछे असंख्य लोग होते हैं। लेकिन ये भी सच्चाई है कि जब एम्स की स्थापना की गई उस वक्त प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे और स्वास्थ्य मंत्री अमृत कौर थी।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते रहते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

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