अंतत: SIR पर चुनाव सुधार के नाम से 9 दिसंबर को चर्चा तय
संसद में लगातार गतिरोध की वजह बना वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR (Special Intensive Revision) पर अब अंतत: सरकार चर्चा कराने को राजी हो गई है। तय हो गया है कि इस मुद्दे पर चुनाव सुधार के नाम से लोकसभा में 9 दिसंबर को 10 घंटे की चर्चा कराई जाएगी।
During the All Party Meeting Chaired by Hon'ble Speaker Lok Sabha today, it has been decided to hold discussion in Lok Sabha on 150th Anniversary of National Song 'Vande Mataram' from 12 Noon on Monday 8th Dec and discussion on Election Reforms from 12 noon on Tuesday 9th Dec.
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) December 2, 2025
इस फ़ैसले से लगता है कि सरकार ने मानसून सत्र से कुछ सबक़ लिया है और विपक्ष के तेवर देखते हुए कुछ बैकफ़ुट पर जाने का सही फ़ैसला किया। विपक्ष ने भी कुछ नरमी दिखाई। आपको मालूम है कि इसी एक मुद्दे पर पूरे मानसून सत्र संसद में गतिरोध रहा था।
शीत सत्र की शुरुआत में भी विपक्ष ने साफ़ कर दिया था कि उसने अपना मुद्दा नहीं छोड़ा है। क्योंकि यह प्रक्रिया केवल वोटबंदी या वोट चोरी तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब तो बड़ी संख्या में काम के दबाव में बीएलओ की मौत की भी ख़बरें हैं।

सरकार का कहना था कि वह चर्चा को तैयार है मगर विपक्ष कोई टाइमलाइन तय नहीं कर सकता। मगर अब टाइमलाइन तय हो गई है। 8 दिसंबर को लोकसभा में वंदेमातरम पर चर्चा होगी और 9 दिसंबर को चुनाव सुधार पर।
विपक्ष ने शीतकालीन सत्र शुरू होते ही अपना मुद्दा और तेवर साफ़ कर दिए थे। मानसून सत्र की ही तरह भीतर और बाहर एक ही दृश्य था। संसद शुरू होने से पहले विपक्षी सांसद स्टॉप एसआईआर-स्टॉप वोट चोरी की तख़्तियां और बैनर लिए संसद के मकर द्वार पर जमा हुए वोट चोरी बंद करो जैसे नारे लगाए।
INDIA bloc leaders gathered at Makar Dwar to protest against the BJP's rushed and undemocratic SIR.
📍New Delhi pic.twitter.com/7L8y90ILik
— Congress (@INCIndia) December 2, 2025
भीतर भी यही दृश्य रहा। राज्यसभा में विपक्ष ने रूल 267 के तहत एसआईआर पर चर्चा नोटिस भी दिया जिसका मतलब होता है कि यह मुद्दा कितना अर्जेंट है और सबसे पहले इसी पर चर्चा की जानी चाहिए।
आज हमने नियम 267 के तहत जो नोटिस दी है, सदन में उसका उद्देश्य बताया जाना चाहिए। ये परंपरा रही है।
मगर अचानक ऐसा हो गया है कि जो सदस्य नोटिस देते हैं, न उनका नाम पढ़ा जाता है और न ही नोटिस का विषय (Subject) पढ़ा जाता है।
हमारी अपील है कि SIR पर तत्काल चर्चा होनी चाहिए। ये… pic.twitter.com/ez6JE9Vbwn
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 2, 2025
एसआईआर के साथ आज विपक्ष की चिंताओं में एक और मुद्दा जुड़ गया। वो है संचार साथी ऐप का मुद्दा। जिसपर सरकार ने मोबाइल कंपनियों को आदेश दिया है कि अब हर फोन में संचार साथी ऐप अनिवार्य होगा। इसे विपक्ष ने जासूसी ऐप कहा है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने इस मुद्दे को संसद में उठाया।
There are many ways in which the Modi govt disrupts democracy, and the Sanchar Saathi app is yet another instrument that diminishes the rights of citizens, just like the SIR.
: MP @RenukaCCongress ji in Rajya Sabha pic.twitter.com/ii6oSAafJs
— Congress (@INCIndia) December 2, 2025
कुल मिलाकर विपक्ष के कड़े रुख को देखते हुए सरकार के तेवर में कुछ कमी दिखाई दी और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू विपक्ष जो पहले कह रहे थे कि विपक्ष का तरीका ठीक नहीं। वे राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं से मिले। लोकसभा स्पीकर ने भी अपने चैंबर में सर्वदलीय बैठक बुलाई। जिसके बाद एसआईआर पर चुनाव सुधार के नाम पर बहस तय हो गई। अब देखना है कि इस बहस का क्या नतीजा निकलता है।
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