दिल्ली : सीएए समर्थकों और विरोधियों के बीच कई इलाकों में भिड़ंत, हेड कांस्टेबल की मौत

दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध और समर्थन में सोमवार को भी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच खबर है कि शहर की वजीराबाद रोड पर प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की है जिससे कई गाड़ियां जल गई हैं। उधर, करावल नगर इलाके में देर रात हुई हिंसा के बाद यहां एक बार फिर लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है।
जाफराबाद इलाके में भारी संख्या में प्रदर्शनकारी अभी भी जमा हैं। प्रदर्शनकारियों ने मौजपुर में दो घरों को आग के हवाले कर दिया है। जाफराबाद के चांदबाग इलाके में भी हिंसा की घटना हुई है। वहीं, गोकुलपुरी इलाके में प्रदर्शकारियों की तरफ से की गई फायरिंग में हेड कांस्टेबल की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि फायरिंग में रतन लाल नाम के हेड कांस्टेबल की मौत हो गई है।
वहीं, उत्तरपूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर सोमवार को जारी झड़पों के दौरान शाहदरा के पुलिस उपायुक्त अमित शर्मा घायल हो गए। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शर्मा के सिर और हाथ में चोट आई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिलहाल वह ठीक हैं।
आपको बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाकों में सोमवार को लगातार दूसरे दिन सीएए समर्थक और विरोधी समूहों के बीच झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने समूहों को शांत कराने के भी प्रयास किए।
अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने इलाके में लगी आग बुझाते समय दमकल की एक गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया। दिल्ली मेट्रो ने इलाके में तनाव के बीच जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए। डीएमआरसी ने ट्वीट किया,‘जाफराबाद तथा मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश एवं निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं। इन स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी।’
जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार पिछले 24 घंटों से बंद हैं। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क अवरुद्ध कर दी थी जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए हैं।
मौजपुर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गयी थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए, इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
केजरीवाल का उपराज्यपाल, गृह मंत्री से कानून-व्यवस्था बहाली का आग्रह
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध और समर्थन के दौरान उत्तरपूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में हिंसा के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बहाल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘दिल्ली के कुछ हिस्सों में शांति-व्यवस्था में गड़बड़ी की बहुत परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं माननीय उपराज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्री से शांति और सौहार्द्र सुनिश्चित करते हुए कानून-व्यवस्था बहाल किए जाने का अनुरोध करता हूं । किसी को भी माहौल खराब करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।’
वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में झड़पों के दौरान हिंसा के मद्देनजर सोमवार को पुलिस आयुक्त को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया। बैजल ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली पुलिस और दिल्ली पुलिस आयुक्त को उत्तर पूर्वी दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। हालात पर करीबी नजर रखी जा रही है। मैं हर किसी से शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए संयम बरतने का अनुरोध करता हूं।’
रविवार को भी सीएए विरोधियों और समर्थकों के बीच हुई थी झड़प
इससे पहले उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में सीएए विरोधी और समर्थक समूहों के बीच रविवार को भी झड़प हुई थी। रविवार को जाफराबाद से सटे मौजपुर में दो समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी। सुरक्षा कारणों के चलते मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिये गए थे।
इससे पहले शनिवार रात अधिकतर महिलाओं समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के निकट सीलमपुर, मौजपुर और यमुना विहार को जोड़ने वाली सड़क को बंद कर दिया था। प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा, जिसके चलते जाफराबाद स्टेशन के द्वार बंद कर दिये गए। इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात है।
रविवार को भी भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में मौजपुर लालबत्ती के निकट सभा बुलाई थी। उन्होंने मांग की कि पुलिस सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को तीन दिन में हटाए। मिश्रा ने कहा था, ‘वे सड़कें बाधित करके 35 लाख लोगों का संपर्क तोड़ना चाहते है। किसी चीज के खिलाफ प्रदर्शन का क्या यह कोई तरीका है? हम इस इलाके को शाहीन बाग नहीं बनने देंगे।’
उन्होंने कहा था कि, ‘सड़कें बाधित करने से करीब 35 लाख लोग प्रभावित हुए है। उनके पास यमुना पार जाने का कोई और रास्ता नहीं है। यदि मैंने सड़कें बाधित करने के विरोध का नेतृत्व नहीं किया होता, तो वे स्वयं ही सड़कें पर उतर आए होते।’
दोनों समूहों के बीच रविवार दोपहर बाद झड़प हो गई और दोनों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कर्दमपुरी की ओर बढ़ रहे सीएए समर्थक प्रदर्शनकारियों को बीच रास्ते में रोक दिया। कर्दमपुरी में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी मौजूद थे।
रविवार को कपिल मिश्रा ने एक वीडियो भी ट्वीट किया, जिसमें वह सभा को संबोधित करते हुए कह रहे हैं, 'वे (प्रदर्शनकारी) दिल्ली में तनाव पैदा करना चाहते हैं। इसलिये उन्होंने सड़कें बंद कर दी हैं। इसीलिये उन्होंने यहां दंगे जैसे हालात पैदा कर दिये हैं। हमने कोई पथराव नहीं किया।' उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत में रहने तक, हम इलाके को शांतिपूर्वक छोड़ रहे हैं। इसके बाद अगर तब तक सड़कें खाली नहीं हुईं तो हम आपकी (पुलिस की) नहीं सुनेंगे।’
हौजरानी में पुलिस ने किया लाठीचार्ज
दिल्ली के हौज रानी इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर रविवार 23 फरवरी की देर शाम पुलिस ने कथित तौर पर लाठीचार्ज किया। जिसमें बच्चों और महिलाओं सहित कई लोग घायल हुए हैं।
शाहीन बाग की तर्ज पर यहां करीब एक महीने से गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन चल रहा है। खबरों के अनुसार रविवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मेन रोड की तरफ मार्च निकाला। जिसके बाद पुलिस ने कथित तौर पर लाठी चार्ज किया। जिसमें बड़ी संख्या में लोग चोटिल हुए हैं। घायलों को मालवीय नगर के मदन मोहन मालवीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने न्यूज़क्लिक को बताया कि जब से हौज़ रानी में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू हुआ है तब से हर रविवार की शाम यहां सभी महिलाएं इकठ्ठा होकर जुलूस निकालती हैं। इस बार भी उसी तरह से सभी महिलाएं जुलूस निकाल रही थी। पुलिस ने पहले मार्च को रोकने के लिए सड़कों पर बैरिकेट्स लगाए गए थे, बाद में लाठीचार्ज किया।
स्थानीय लोगों के अनुसार लाठीचार्ज की वजह से भगदड़ मच गई और जिसके चलते महिलाएं और बच्चे चोटिल हो गए। हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया है। दक्षिण दिल्ली के पुलिस उपायुक्त अतुल ठाकुर ने लाठी चार्ज की बात पर जांच के आदेश देने की बात कही है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।