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क्यूबावासियों ने अमेरिकी नाकेबंदी के ख़िलाफ़ निकाला विशाल मार्च

क्यूबा के ख़िलाफ़ पिछले दशकों से जारी अमेरिकी नाकेबंदी और अमेरिका की तरफ़ से क्यूबा को आतंकवाद को प्रोत्साहित करने वाले देशों की सूची में शामिल किये जाने के ख़िलाफ़ हज़ारों क्यूबाई लोगों ने बड़े संख्या में प्रदर्शन में भाग लिया।
Cubans
शुक्रवार 20 दिसंबर को मालेकॉन में पांच लाख से ज़्यादा क्यूबाई लोगों ने अमेरिकी नाकेबंदी के ख़िलाफ़ एक विशाल मार्च निकाला। फोटो: प्रेसिडेंसिया क्यूबा

"राष्ट्रपति बाइडेन, क्यूबा को बदनाम करने वाली सूची से हटाओ!" हवाना के मालेकॉन से अमेरिकी दूतावास तक मार्च करने वाले पाँच लाख से ज़्यादा क्यूबाई लोगों ने बड़े ज़ोर शोर से नारे लगाते हुए उक्त मांग की। क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डिआज़-कैनेल ने इस हफ़्ते की शुरुआत में सामूहिक मार्च के आयोजन का आह्वान किया था, ताकि क्यूबा के लोग द्वीप पर छह दशक से अमेरिकी नाकेबंदी के साथ-साथ क्यूबा को अमेरिकी आतंकवाद प्रायोजकों की सूची (एसएसओटी) में शामिल किए जाने को पूरी तरह से नकारा जा सके, जिसने द्वीप की अर्थव्यवस्था पर कहर बरपाया हुआ है।

मार्च का नेतृत्व क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनेल और जनरल राउल कास्त्रो ने खुद किया, जिनके साथ छात्रों, डॉक्टरों, निर्माण श्रमिकों, कलाकारों और अन्य सहित जीवन के सभी क्षेत्रों से पाँच लाख से अधिक क्यूबाई लोग शामिल थे। विशाल लामबंदी में भाग लेने वाले क्यूबा के युवा और छात्र बैनर लिए हुए थे जिन पर लिखा था “युवा नाकामया नहीं होंगे!” क्योंकि “यह क्रांति है!”

“युवा नाकाम नहीं होंगे!” फोटो: यूजेसी

जन-लामबंदी की शुरुआत अमेरिकी दूतावास के ठीक सामने स्थित मालेकॉन पर स्थित एंटी-इंपीरियलिस्ट ट्रिब्यूनल जोस मार्टी से हुई। वहां, क्यूबा के राष्ट्रपति ने एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों को पलटने में ज़ो बाइडेन की निष्क्रियता की निंदा की, जिसने क्यूबा पर आर्थिक और वित्तीय शिकंजा कस दिया है। उन्होंने कहा कि, बाइडेन ने "जनवरी में ओवल ऑफिस लौटने वाले रिपब्लिकन प्रशासन द्वारा विरासत के रूप में छोड़ी गई क्यूबा की मजबूत नाकाबंदी और आर्थिक दम घोटने वाले नीति से दूर जाने के लिए कुछ नहीं किया है।"

उन्होंने इस बात पर भी रोशनी डाली कि हाल के दिनों में अमेरिका और दुनिया भर के लोगों ने अमेरिका की अमानवीय नीति की ओर ध्यान आकर्षित किया है जो अंतर्राष्ट्रीय कानून के खिलाफ है, "हाल के हफ्तों और दिनों में अमेरिकी नेताओं और दुनिया के अन्य हिस्सों से कई घोषणाएं हुई हैं, जिसमें मांग की गई है कि बाइडेन अपने अधिकार का इस्तेमाल करके कम से कम उस देश का नाम हटा दें जिसे कभी भी इस फर्जी सूची में नहीं होना चाहिए था।"

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, "जब हमारे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अत्याचार किया जाता है और वित्तीय लेन-देन में रोड़ा अटकाया जाता है, तो क्यूबा के लोगों को उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक भोजन, दवा, ईंधन, सामान, आपूर्ति और माल से वंचित किया जा रहा होता है।"

अवैध नाकाबंदी की निंदा करने के अलावा, डियाज़-कैनेल ने क्यूबा के लोगों को यह भी सचेत किया कि वर्तमान में फ्लोरिडा के दक्षिण में अर्धसैनिक समूह क्यूबा के खिलाफ आतंकवादी हमले करने के इरादे से प्रशिक्षण ले रहे हैं। "वे दक्षिण फ्लोरिडा में स्थित हैं और प्रशिक्षण करते हुए भी छिपते नहीं हैं। वे इसे सार्वजनिक रूप से, खुलेआम और स्थानीय अधिकारियों की सुरक्षा में प्रशिक्षण लेते हैं, यहाँ तक कि अपने खुद के कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन भी करते हैं।"

राष्ट्रपति की घोषणा एक चेतावनी थी और क्यूबा को आतंकवाद का प्रायोजक कहने के गहरे पाखंड को उजागर करने का प्रयास भी, जबकि अमेरिकी अधिकारियों की नज़र में ये समूह, “क्यूबा में सामाजिक और आर्थिक संरचनाओं के खिलाफ़ आतंकवादी कार्रवाइयों को संगठित करते हैं उन्हें बढ़ावा देते हैं और वित्तपोषित करते हैं।” यह घटना नई नहीं है और उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि कैसे अमेरिका ने “स्वयंभू आतंकवादियों” और सीआईए एजेंट लुइस पोसाडा कैरिल्स और ऑरलैंडो बॉश को शरण दी, जो क्यूबा के लोगों के खिलाफ़ कई आपराधिक हमलों के आर्किटेक्ट थे, जिनमें से सबसे भयानक 1976 में क्यूबा के एक विमान पर बमबारी थी जिसके परिणामस्वरूप 73 लोग मारे गए थे। डिआज़-कैनेल ने कहा, “ऐसी पिछली घटनाओं को जानते हुए, कोई भी अमेरिकी शासक क्यूबा को आतंकवादी राज्य के रूप में वर्गीकृत नहीं कर सकता है।”

क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनेल और जनरल राउल कास्त्रो मालेकॉन के सामने मार्च करते हुए। फोटो: प्रेसीडेंसिया क्यूबा

क्यूबा पर 60 साल से ज़्यादा समय से चल रही अमेरिकी नाकेबंदी को खत्म करने और देश को एसएसओटी (SSoT) सूची से हटाने की मांग द्वीप पर ऊर्जा संकट के मद्देनजर और भी ज़्यादा ज़रूरी हो गई है। हाल के महीनों में, क्यूबा को अपने बिजली संयंत्रों को चालू रखने के लिए ईंधन हासिल करने की बड़ी चुनौती के कारण कई ब्लैकआउट का सामना करना पड़ा है।

राष्ट्रपति के रूप में अति-दक्षिणपंथी नेता डोनाल्ड ट्रम्प के चुनाव से यह आशंका भी पैदा हो गई है कि वे क्यूबा के विरुद्ध मौजूदा एकतरफा दमनकारी उपायों को और तेज कर सकते हैं।

हालांकि, जैसा कि जन-लामबंदी ने दिखाया, वह यह कि क्यूबा के लोगों ने अमेरिकी सरकार द्वारा उन पर लगाए गए किसी भी खतरे के सामने दृढ़ रहने की शपथ ली है और जताया है कि वे आपसी सम्मान और समानता के आधार पर किसी भी अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत को तैयार हैं।

अपने संबोधन के समापन में, क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनेल ने घोषणा की, "यदि संयुक्त राज्य अमेरिका हमारी संप्रभुता, हमारी स्वतंत्रता, हमारे समाजवाद को कमज़ोर करने के अपने दृढ़ संकल्प पर कायम रहता है, तो उसे केवल विद्रोह और कड़े रुख का सामना ही करना पड़ेगा! हर प्रशासन जिसने कोशिश की है, क्यूबा की क्रांति ने उसे सबक सिखया है, और आगे भी ऐसा ही होता रहेगा। यह एक मार्च है, हाँ, एक बहुत ही साम्राज्यवाद-विरोधी मार्च है! अमेरिकी साम्राज्यवाद और क्यूबा में बल या प्रलोभन के ज़रिए खुद को थोपने के उसके ढोंग के ख़िलाफ़, हम अभी और हमेशा मार्च करते रहेंगे!"

सौजन्यपीपल्स डिस्पैच

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