लोगों के बीच भाजपा के लिए इतना गुस्सा कि भाजपा के 25 नेताओं को मिली केंद्रीय सुरक्षा

प्रबंधन के सारे गणित छोड़ दें तो चुनावी राजनीति का सिंपल सा मतलब है कि जनप्रतिनिधि बनने की आकांक्षा लेकर चल रहा उम्मीदवार अपने कामकाज को लेकर जनता के बीच जाएगा, अपनी जिंदगी, अपने कामकाज लोक कल्याण से जुड़े मकसद को जनता के बीच बताएगा।
जनता को अगर उम्मीदवार में भरोसा दिखेगा तो उसे वह चुन लेगी अन्यथा उसे अस्वीकार कर देगी। नेताओं के भ्रष्ट आचरण की वजह से यह सिंपल सा फंडा बदल गया है। जिन नेताओं को जनता के बीच जाकर जनता का काम करना है, उनसे जनता इतनी खफा है कि उनको स्वीकार नहीं कर रही है। उन्हें देखना और सुनना तक पसंद नहीं करती है। लेकिन फिर भी पैसे के दम पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की पैसे से बनी हुई औकात इतनी ज्यादा है कि उन्हें सरकार केंद्रीय सुरक्षा मुहैया करवा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 25 भाजपा नेताओं को केंद्रीय सुरक्षा मुहैया कराया है। इनमें ज्यादातर पंजाब और उत्तर प्रदेश के नेता शामिल हैं।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि सरकार जेड-श्रेणी की सुरक्षा के जरिए नेताओं को चुनावी लॉलीपॉप दे रही है। यह स्टेटस सिंबल बन गया गै। यह डराने-धमकाने का एक उपकरण है। उन्होंने कहा, ''इस देश की हर संस्था पहले से ही कुचली जा चुकी है। चुनावों के बीच में जेड-श्रेणी की सुरक्षा जैसी खुली और नग्न रणनीति का उपयोग लोगों के बीच भय और डर पैदा करने के उद्देश्य से किया जाता है। इसे स्टेटस सिंबल के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह लोकतंत्र के लिए एक अपमान के अलावा और कुछ नहीं है।"
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