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आरएसएस के साथ वार्ता को लेकर माकपा ने फिर साधा जमात-ए-इस्लामी पर निशाना

"संगठन संघ के प्रति अपने रुख पर पर्दा डालने के लिए वाम दल पर ‘‘इस्लामोफोबिया (इस्लाम के खिलाफ भय और घृणा) फैलाने’’ का सोच समझकर आरोप लगा रहा है।"
Govindan
फ़ोटो साभार: Manorama

केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने जमात-ए-इस्लामी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ उसकी हालिया बातचीत को लेकर मंगलवार को फिर से निशाना साधा और मुस्लिम संगठन से वार्ता से हुए लाभ के बारे में आमजन को बताने को कहा।

माकपा की राज्य इकाई के सचिव एमवी गोविंदन ने आरोप लगाया कि संगठन संघ के प्रति अपने रुख पर पर्दा डालने के लिए वाम दल पर ‘‘इस्लामोफोबिया (इस्लाम के खिलाफ भय और घृणा) फैलाने’’ का सोच समझकर आरोप लगा रहा है।

उन्होंने सोमवार से यहां शुरू हुई पार्टी की महीने भर चलने वाली राज्यव्यापी ‘पीपुल्स डिफेंस रैली’ के बीच जिले में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जमात-ए-इस्लामी को लोगों को यह स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि आरएसएस के साथ वार्ता करके उसे क्या हासिल होगा। सच्चाई यह है कि ‘इस्लामोफोबिया’ शब्द का इस्तेमाल करके जमात-ए-इस्लामी और आरएसएस के रुख पर पर्दा डालने की सोच समझकर कोशिश की जा रही है।’’

गोविंदन ने कहा कि वे इसके लिए (अपने रुख को छिपाने के लिए) माकपा पर दोषारोपण की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि संगठन संघ परिवार के साथ वार्ता से होने वाले लाभ के बारे में बताए।

इससे कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी आरएसएस के साथ वार्ता को लेकर जमात-ए-इस्लामी की आलोचना की थी।

जमात-ए-इस्लामी ने पिछले महीने नयी दिल्ली में आरएसएस के साथ वार्ता की थी, जिसकी दक्षिणी राज्य के विभिन्न हलकों में तीखी आलोचना हुई।

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