बिहार कैबिनेट ने आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी

बिहार मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीएस) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर कुल 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव मंगलवार को पारित कर दिया।
बिहार विधानमंडल के चालू सत्र के दौरान इस पर सदन में विधेयक लाया जाएगा।
मंगलवार को विधानसभा में पेश जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पर चर्चा समाप्त करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में बयान दिया।
नीतिश कुमार की यह घोषणा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले आई है।
#WATCH | Patna: In the Bihar Assembly, Bihar CM Nitish Kumar says, "The 50% (reservation) should be increased to at least 65%... The upper caste has 10% already (EWS). So 65 and 10 make 75%. The remaining would be 25%. Earlier, 40% was free now it would be 25%. The reservation… pic.twitter.com/2UsOinNnOi
— ANI (@ANI) November 7, 2023
प्रस्ताव में ओबीसी और ईबीएस के आरक्षण को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर संयुक्त रूप से 43 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए एक प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण मौजूदा 10 फीसदी ही रहेगा।
जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि राज्य की कुल आबादी 13.07 करोड़ है जिसमें ओबीसी (27.13 प्रतिशत) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग उप-समूह (36 प्रतिशत) की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है, जबकि एससी और एसटी कुल मिलाकर 21 प्रतिशत से थोड़ा अधिक हैं।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में लगभग 2.97 करोड़ परिवार हैं, जिनमें से 94 लाख से अधिक (34.13 प्रतिशत) की मासिक आय 6,000 रुपये या उससे कम है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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