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बंगाल जनादेश : टीएमसी की एक तरफ़ा जीत, दल -बदलुओं को लगा झटका

दूसरी पार्टी बदलकर भाजपा में शामिल होने वाले अधिकतर उम्मीदवारों को मिली हार।  
बंगाल जनादेश : टीएमसी की एक तरफ़ा जीत , दल -बदलुओं को लगा झटका

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अधिकतर उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि शुभेंदु अधिकारी समेत तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कुछ उम्मीदवारों ने अपने तृणमूल प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर प्रदर्शन किया।

अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नजदीकी मुकाबले में हराया, लेकिन राज्य के पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी, सिंगुर से पूर्व विधायक रबींद्रनाथ भट्टाचार्य, अभिनेता रूद्रनील घोष और हावड़ा के पूर्व महापौर रथिन चक्रवर्ती चुनाव हार गये।

इस साल की शुरुआत में पार्टी बदलने वाले बनर्जी राजीब दोमजुर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए। इससे पहले वह लगातार दो बार चुनाव जीते थे। वह तृणमूल के कल्याण घोष से 42,620 मतों से हार गये।

चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद तृणमूल छोड़ने वाले भट्टाचार्य को सिंगुर से सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार बेचाराम मन्ना ने करीब 26,000 वोट से शिकस्त दी। भाजपा उम्मीदवार इस सीट से पुनर्मतदान की मांग कर रहे हैं।

टाटा की छोटी कार परियोजना को हटाने के लिए किसानों के आंदोलन के बाद हुगली जिले का सिंगुर भारतीय राजनीति के नक्शे पर अंकित हो गया था। सिंगुर और नंदीग्राम ने 34 साल के वाम मोर्चे के शासन के आधार को हिलाकर रख दिया था, जिसके कारण 2011 में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी सत्ता में आयीं।

घोष हाल में भाजपा में शामिल हुए थे, उन्हें तृणमूल के नेता शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर से करीब 28,000 वोट से शिकस्त दी। इस सीट को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खाली किया था।

चक्रवर्ती तृणमूल के नेतृत्व वाले हावड़ा नगर निगम में महापौर थे लेकिन चुनाव से पहले वह पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये। उन्हें क्रिकेटर से नेता बने मनोज तिवारी ने शिवपुर से 32,000 वोट से शिकस्त दी।

हालांकि 2017 में भाजपा में शामिल हुए पार्टी उपाध्यक्ष मुकुल रॉय कृष्णानगर उत्तर से विजयी रहे। उन्होंने तृणमूल उम्मीदवार कौशानी मुखर्जी को 35,000 मतों के अंतर से हराया। कुछ महीने पहले भाजपा में शामिल हुए मिहिर गोस्वामी ने भी तृणमूल उम्मीदवार रबींद्रनाथ घोष को हराकर नाताबारी सीट से जीत दर्ज की।

बंगाल में शानदार जीत साम्प्रदायिक सौहार्द को बचाए रखने की लड़ाई की जीत : ममता

 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को साम्प्रदायिक सौहार्द को बचाए रखने की अपनी लड़ाई की जीत बतायी।

अपनी पार्टी को राज्य में भारी जीत दिलाने वाली ममता बनर्जी को हालांकि खुद नंदीग्राम सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा। निर्वाचन आयोग के मुताबिक भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें 1736 मतों से हराया। सीट पर परिणाम की घोषणा से पहले ही बनर्जी ने शाम को कहा था कि वह जनादेश का स्वागत करेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि मेरी जीत की खबर आने के बाद कुछ गड़गड़ी हुई है। इसके बाद सुनने में आया कि परिणाम बदल गया। मैं इस मुद्दे पर अदालत जाऊंगी।’’

नंदीग्राम में स्थिति को लेकर बनर्जी कुछ निराश हैं। सिर्फ नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ रही बनर्जी ने कहा कि उन्होंने अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर से चुनाव ना लड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था क्योंकि यहीं से उन्होंने कृषि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था।

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘नंदीग्राम के लोगों को तय करने दें। उनका जो भी जनादेश होगा, मुझे स्वीकार्य होगा। लेकिन हमारी (तृणमूल कांग्रेस) जीत शानदार है और इसके लिए राज्य की महिलाओं, युवाओं, अल्पसंख्यकों ने वोट दिया है।’’

बनर्जी ने कहा कि भाजपा के डबल इंजन सरकार के वादे के बावजूद उन्होंने कुल 294 सीटों में 221 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा था और परिणाम आने के बाद उन्होंने जनता को शानदार जीत के लिए धन्यवाद दिया।

करीब दो महीने बाद खड़े होकर बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं जनता को देश और साम्प्रदायिक सौहार्द की रक्षा करने के लिए धन्यवाद देती हूं। मुझे बंगाल पर गर्व है। यह शानदार जीत है, इसपर कोई कुछ नहीं कह सकेगा। उन्होंने (भाजपा) 200 सीटें जीतने का दावा किया था। क्या इसके बाद वे अपना चेहरा दिखा सकेंगे?’’ बनर्जी ने आशा जतायी कि भाजपा को हर जगह ऐसी ही हार का सामाना करना पड़े।

बनर्जी ने कहा, ‘‘यहां आकर हमारे खिलाफ प्रचार करने वाले केन्द्रीय नेताओं को विनम्र नमस्कार। उन लोगों को भी जो अन्य जगहों से आए और हमारे खिलाफ प्रचार किया।’’

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

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