विधानसभा चुनाव : दूसरे चरण में बंगाल में 80% और असम में 73% मतदान

पश्चिम बंगाल और असम में दूसरे चरण के मतदान गुरुवार को सम्पन्न हो गए। बंगाल में 30 सीटों पर और असम की 39 सीटों पर मतदान हुए। चुनाव आयोग के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक असम में शाम 7 बजे तक 73.03 फ़ीसदी और बंगाल में 80.43 फ़ीसदी मतदान हुए।
मतदान सुबह सात बजे आरंभ हुआ था, जो शाम छह बजे तक चला। कोरोना वायरस महामारी के कारण एक घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया था। सबसे ज़्यादा मतदान असम के दररंग (78.83%) और बंगाल के बांकुड़ा (82.78%) में हुआ।
दोनों राज्यों में अधिकतर स्थानों पर लोगों ने मास्क पहन कर और सामाजिक दूरी समेत कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मतदान किया। मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर एवं एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के दस्ताने उपलब्ध कराए गए और थर्मल स्कैनर से मतदाताओं के शारीरिक तापमान की जांच की जा रही थी।
छुटपुट घटनाओं को छोड़ कर असम में चुनाव शांतिपूर्ण रहा। एक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं और उन्हें तत्काल बदलने के बाद मतदान निर्बाध जारी रहा।
असम में तीन चरणों में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव हो रहा है। इनमें से 27 मार्च को पहले चरण के चुनाव के तहत 47 निर्वाचन क्षेत्रों में 79.97 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था। तीसरे और अंतिम चरण में 6 अप्रैल को 40 सीटों पर चुनाव होगा।
पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाओं और ईवीएम में गड़बड़ी के बीच चुनाव सम्पन्न हुआ। निवर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाई-प्रोफाइल नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में कई मतदान केंद्रों का दौरा किया। इस सीट पर उनका मुकाबला अपने पूर्व सहयोगी एवं भाजपा उम्मीदवार शुवेंदु अधिकारी से था।
ममता के वहाँ पहुंचते ही भाजपा समर्थकों ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना शुरू कर दिया।
पुलिस ने बताया कि इसके बाद दोनों पार्टियों के समर्थकों ने हिंसा की। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस नेता बूथ नंबर सात में पुनर्मतदान कराने की मांग कर रहे थे।
केंद्रीय बलों ने इलाके में कानून व्यवस्था एवं शांति बहाल करने की कोशिश की।
उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने बोयल इलाके में एक मतदान केंद्र के बाहर हुई हिंसा और दिन में केसपुर इलाके में एक व्यक्ति की मौत होने के सिलसिले में प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग की निंदा की और आरोप लगाया कि उनकी पार्टी द्वारा चुनाव संबंधी कई शिकायत दर्ज कराए जाने के बावजूद चुनाव इकाई कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने इस मुद्दे पर अदालत जाने की धमकी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं नंदीग्राम को लेकर चिंतित नहीं हूं। मुझे जीत का विश्वास है, लेकिन मुझे लोकतंत्र के बारे में चिंता है।’’
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री शाह ‘‘केंद्रीय बलों को निर्देशित कर रहे हैं। यह शर्मनाक है। लोग उन्हें उचित जवाब देंगे। जिस तरह, यहां तक कि महिला पत्रकारों से भी धक्का-मुक्की की गई है, वह निन्दनीय है।’’
उन्होंने कहा कि शाह को ‘‘भाजपा के गुंडों’’ को नियंत्रित करना चाहिए।
पश्चिम मेदिनीपुर जिले के केसपुर इलाके में बृहस्पतिवार सुबह तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की कथित तौर पर चाकू मार कर हत्या कर दी गई।
बंगाल में चुनावी हिंसा के बीजेपी और तृणमूल पर गंभीर आरोप ,चुनाव आयोग पर भी उठे गंभीर सवाल
नंदीग्राम जो इस चुनाव में एक हॉट सीट था वहां जिस तरह हिंसा की घटना हुई वो प्रशासन और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाती है। अलग-अलग बूथों पर धारा 144 लागू करने के बावजूद मतदाताओं में खलबली मची रही, क्योंकि बीजेपी और टीएमसी मतदाताओं को परेशान करने और कई मतदाताओं को वोट डालने से मना करने के लिए अपने बाहुबल का इस्तेमाल करती दिखी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक मतदान केंद्र के अंदर गईं और नंदीग्राम के बायोल मध्य प्राथमिक स्कूल बूथ में बीजेपी द्वारा गुंडागर्दी और बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाते हुए मतदान केंद्र में दो घंटे तक प्रचार किया। बाद में उन्होंने राज्य के गवर्नर को वहां कैंप करते हुए बुलाया और उन्हें वहां के घटनाक्रम के बारे में बताया। भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ता बूथ परिसर में आमने-सामने आ गए, जबकि मुख्यमंत्री ने मतदान केंद्र के बरामदे में भोजन किया। जबकि बीजेपी ने कहा है कि चुनाव निष्पक्ष रहे हैं, टीएमसी और संयुक्त मोर्चा दोनों ने चुनाव प्रक्रिया में अनियमितता का के आरोप लगाए।
राज्य में चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार 6 बजे तक लगभग 85% मतदान हुआ है।
आज भी पीएम मोदी ने जयनगर और उलुबेरिया में भाषण दिया और एक धारा का प्रचार किया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा ममता बनर्जी इस बार नंदीग्राम से चुनाव हारने वाली हैं। इस को लेकर तृणमूल और संयुक्त मोर्चा ने चुनाव आयुक्त से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है।
सीपीआईएम की केंद्रीय कमेटी सदस्य रॉबिन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि "संयुक्त मोर्चा ने केशोपुर सीट के बारे में आपत्ति दर्ज की है, जहाँ तृणमूल पर लेफ्ट फ्रंट के लोगों पर हमले का आरोप लगाया गया है। इस हमले में संयुक्त मोर्चा के उम्मीदवार घायल हो गए थे और टीएमसी कार्यकर्ताओं और गुंडों द्वारा पत्रकारों की कारों में तोड़फोड़ की गई थी।"
उन्होंने सवाल उठाए नंदीग्राम में जहां धारा 144 लागू थी, वहां इतनी ज्यादा मंडली(भीड़) कैसे हो सकती है? रॉबिन ने कहा कि चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए डीआईजी स्तर के अधिकारी को पुलिस स्टेशन भेजा था, लेकिन इससे कुछ भी फ़ायदा नहीं हुआ।
राज्य में दूसरे चरण के चुनाव के तहत दक्षिण 24 परगना, बांकुड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर और पूरब मेदिनीपुर जिलों में विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ।
इन 30 सीटों में से 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने 23 सीटों पर जीत प्राप्त की थी जबकि पांच पर वाम मोर्चा के उम्मीदवार जीते थे और एक-एक सीट कांग्रेस एवं भाजपा के खाते में गई थी।
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