उत्तर भारत में भारी बारिश से 37 लोगों की मौत, सेना और एनडीआरएफ की टीमें बचाव अभियान में जुटीं

उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में लगातार तीसरे दिन सोमवार को भारी बारिश ने तबाही मचाई। बीते दो दिन में बारिश से संबंधित घटनाओं में 37 लोगों की मौत हो चुकी है। राहत और बचाव अभियान तेज करने के लिए सेना और एनडीआरएफ की कई टीम को तैनात किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि पंजाब और हरियाणा में नौ, राजस्थान में सात और उत्तर प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो गई।
उत्तर भारत में, दिल्ली में यमुना सहित कई नदियां उफान पर हैं। क्षेत्र में कई सड़कें और आवासीय इलाके घुटने तक पानी में डूब गए हैं। कई जगहों पर सैलाब में वाहन बहते नजर आए। रविवार को रिकॉर्ड बारिश के कारण नगर निकाय भी स्थिति सुधारने में असहाय नजर आए।
उत्तर भारत के चार राज्यों में हो रही भारी बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की कुल 39 टीम तैनात की गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ की 14 टीम पंजाब में काम कर रही हैं, जबकि एक दर्जन टीम हिमाचल प्रदेश, आठ उत्तराखंड और पांच हरियाणा में तैनात हैं।
एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘बचाव अभियान वास्तविक स्थिति के अनुसार और राज्य के अधिकारियों के समन्वय से चलाया जा रहा है।’’
पंजाब में भारी बारिश के कारण पानी भर जाने के बाद सेना ने राज्य के एक निजी विश्वविद्यालय से 910 छात्रों और 50 अन्य को बचाया।
पंजाब और हरियाणा में नागरिक प्रशासन ने पूर्व में सेना से बचाव अभियान के लिए मदद मांगी थी और सेना ने दोनों राज्यों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की सहायता के लिए पश्चिमी कमान की बाढ़ राहत टुकड़ियों को भेजा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मूसलाधार बारिश से प्रभावित राज्यों में हुए जान-माल के नुकसान पर दुख जताया और केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि ‘पीएम केयर्स फंड’ से अतिरिक्त सहायता राशि प्रदान की जानी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से शिमला में चार और लोगों की जान चली गई। पर्वतीय राज्य में लगातार तीसरे दिन भारी बारिश के कारण शिमला-कालका राजमार्ग सोमवार सुबह अवरुद्ध हो गया।
हिमाचल प्रदेश: सोलन के शामती में भूस्खलन, कई घर दबे
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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले दो दिन में राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है। सुक्खू ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में राज्य में इतनी ‘‘भारी बारिश’’ नहीं देखी गई है। उन्होंने कहा कि चंद्रताल में तथा लाहौल एवं स्पीति में पागल एवं तेलगी नाले के बीच फंसे 400 पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं।
शिमला के ठियोग उप संभाग में सोमवार सुबह भूस्खलन के बाद तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह घटना पल्लवी गांव में हुई और मृतकों की पहचान दीप बहादुर, देवदासी और मोहन बहादुर के रूप में हुई है।
शिमला शहर के बाहरी इलाके राझना गांव में भूस्खलन के बाद मलबे में फंसी एक बुजुर्ग महिला का शव रविवार रात को निकाला गया। इससे कुछ घंटे पहले महिला की पोती का शव घटनास्थल से बरामद किया गया था।
राज्य में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, घरों को नुकसान पहुंचने और कई लोगों की मौत होने के एक दिन बाद मौसम विभाग ने सोमवार को ‘अत्यंत भारी बारिश’ के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया।
अधिकारियों ने बताया कि यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल शिमला-कालका मार्ग पर रेल परिचालन मंगलवार तक के लिए रोक दिया गया है क्योंकि भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर मार्ग अवरुद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य भर में शैक्षणिक संस्थानों को सोमवार और मंगलवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है।
शिमला से लगभग 16 किमी दूर शोघी के पास सोमवार को भूस्खलन के बाद शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। अधिकारियों ने बताया कि जिले में 120 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं जबकि 484 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
सुक्खू ने एक वीडियो में लोगों से अपील की कि वे भारी बारिश में घरों से बाहर निकलने से, खासकर नदियों और नालों के पास जाने से बचें, क्योंकि मौसम विभाग ने भारी बारिश होने की चेतावनी दी है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर में मूसलाधार बारिश के कारण हुए जलभराव और यमुना के बढ़ते जल स्तर पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की।
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यमुना नदी के 206 मीटर के निशान को पार करते ही निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि विशेषज्ञों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में संभवत: बाढ़ की स्थिति पैदा नहीं होगी। केजरीवाल ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
VIDEO | People from low-lying areas near Yamuna in Delhi are being shifted to Mayur Vihar as the river has breached the danger mark amid heavy rainfall in the national capital region.
The low-lying areas near the river in Delhi are considered prone to flooding and are inhabited… pic.twitter.com/Ee0N5ojV2i
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राजस्थान के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। अजमेर, सीकर रेलवे स्टेशन पर पटरियों पर पानी भर गया। वहीं, टोंक में निचले इलाकों में घरों में पानी घुस गया।
VIDEO | Water enters houses in Rajasthan's Dholpur as heavy rainfall triggers waterlogging in several parts of the city. pic.twitter.com/WBJOpw3sYU
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जयपुर में, सात वर्षीय एक बच्चा बारिश के पानी से भरे नाले में डूब गया, जबकि लगातार बारिश के कारण कई इलाकों में जलजमाव हो गया।
मौसम विभाग ने मंगलवार को बारां, बूंदी, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़ और सवाई माधोपुर में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताते हुए ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है।
आईएमडी मौसम की चेतावनी के लिए चार रंग कोड का इस्तेमाल करता है- ‘ग्रीन’ (कोई कार्रवाई आवश्यक नहीं), ‘येलो’ (नजर रखें और ताजा जानकारी लें), ‘ऑरेंज’ (तैयार रहें) और ‘रेड’ (कार्रवाई करें)।
पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में सोमवार को लगातार तीसरे दिन भारी बारिश के कारण भीषण बाढ़ के हालात हैं। प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
Karnal: Administration on the ground as villages remain cut off due to floods
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पंजाब सरकार ने मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य में 13 जुलाई तक स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है। चंडीगढ़ में पिछले तीन दिन के दौरान मूसलाधार बारिश हुई और कुछ सड़कों पर बारिश का पानी जमा हो गया।
भारी बारिश के कारण पंजाब में कुछ स्थानों पर बाढ़ आने के बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लोगों से अपील की कि वे नहीं घबराएं। पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने राज्य में स्थिति का जायजा लेने और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
दोनों राज्यों में सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में मोहाली, पटियाला, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, पंचकूला और अंबाला शामिल हैं।
लगातार बारिश के कारण उत्पन्न मौजूदा स्थिति को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिन के लिए अपने सभी पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और गृह, आपदा प्रबंधन और शहरी स्थानीय निकायों सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। उन्होंने बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति का जायजा भी लिया, जिसमें मुख्य सचिव संजीव कौशल भी मौजूद थे।
उत्तराखंड में, अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर बारिश और भूस्खलन होने से कई मार्गों पर यातायात अवरुद्ध हुआ। उन्होंने बताया कि कुछ घंटों बाद राजमार्ग पर यातायात बहाल हो सका जबकि कई मार्ग बंद हैं जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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