कार्टून क्लिक : न्यायपालिका के पर कुतरने को हैं हम तैयार...

आम जनता के घर और जीवन को ध्वस्त करने के बाद सरकार अब न्यायपालिका पर बुलडोजर चालाना चाहती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 'मुखपत्र' पांचजन्य द्वारा आयोजित 'साबरमती संवाद' में रीजीजू ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देश के लोग कॉलेजियम सिस्टम से खुश नहीं हैं। कौन हैं यह लोग, कहाँ से आते हैं यह लोग? क्या यह सरकार में बैठे हुए लोग हैं, जो न्यायपालिका की स्वतंत्रता से नाखुश हैं और आम आदमी के कंधे पर बंदूक रखकर उसे निशाना बनाना चाह रहे हैं?
रिजिजू के मुताबिक संविधान की भावना के मुताबिक जजों की नियुक्ति करना सरकार का काम है और आधे समय न्यायाधीश नियुक्तियों को तय करने के लिए व्यस्त होते हैं, जिससे न्याय प्रदान करने की उसकी क्षमता प्रभावित होती है। अब यह प्रश्न तो कोई सरकार से भी पूछ सकता है कि प्रधानमंत्री पूरे साल इलेक्शन मोड में ही रहते हैं। पंचायत से लेकर विधानसभा चुनाव, हर जगह प्रधानमंत्री खुद अपनी पार्टी का PR संभालते हैं और रैलियों को संबोधित करते हैं, क्या तब नहीं सरकार की प्राथमिक ज़िम्मेदारी को चोट पहुँचती है। असल मकसद तो सभी संवैधानिक संस्थानों को सरकार की कठपुतली बनाना है।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।