नॉर्ड स्ट्रीम 2: गैस पाइपलाइन को लेकर दूसरा शक्ति संघर्ष

नॉर्ड स्ट्रीम 2 क्या है?
नॉर्ड स्ट्रीम 2 पश्चिमी रूस से उत्तर-पूर्वी जर्मनी तक बाल्टिक सागर के भीतर चलने वाली अपनी तरह की दूसरी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन है।
इसके पूर्व के सहोदर नॉर्ड स्ट्रीम 1 के साथ, जिसे 2011 में चालू कर दिया गया था, नई पाइपलाइन में प्रति वर्ष 55 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस की परिवहन क्षमता है।
नॉर्ड स्ट्रीम 2 के निर्माण में 9.5 अरब पौंड (10.6 बिलियन डॉलर) की लागत आई है और 1,230 किलोमीटर लंबी (764 मील) पाइपलाइन के साथ यह दुनिया की सबसे लंबी समुद्र के भीतर चलने वाली पाइपलाइन है। पहली बार एक दशक से भी पहले इस बारे में कल्पना की गई थी, और मई 2018 में जाकर इसका निर्माण शुरू हुआ था और सितंबर में पूरा हो गया था।
हालाँकि नॉर्ड स्ट्रीम 2 ने अभी तक गैस की निकासी नहीं शुरू की है क्योंकि इसके संचालन लाइसेंस में अभी भी विलंब है।
नोर्ड स्ट्रीम 2 की आवश्यकता क्यों है?
आईएचएस मार्किट के अनुसार, जर्मनी आज करीब-करीब पूरी तरह से प्राकृतिक गैस के आयात पर निर्भर है। वर्ष 2020 में अपनी कुल जरूरत के आधे से अधिक की आपूर्ति के लिए यह रूस पर निर्भर था।
यूरोप की नंबर 1 की अर्थव्यवस्था को अपने उर्जा संक्रमण के हिस्से के तौर पर कोयले और परमाणु उर्जा पर निर्भरता से खुद को मुक्त करने की जरूरत है, और जब तक इसके द्वारा पर्याप्त नवीकरण उर्जा स्रोतों का निर्माण या आयात नहीं कर लिया जाता तब तक एक पुल के तौर पर प्राकृतिक गैस को उपयोग में लाना चाहता है।
पिछले महीने जर्मनी के शेष बचे रह गये छह परमाणु उर्जा स्टेशनों में से तीन को बंद कर देने के साथ गैस की जरूरत पहले से कहीं अधिक विकट हो गई है। अंतिम तीन संयंत्र दिसंबर तक बंद हो जायेंगे।
अब जबकि नॉर्ड स्ट्रीम 2 जर्मनी को आपूर्ति बढ़ाने के जरिये मदद करेगा, अधिकांश प्राकृतिक गैस ऑस्ट्रिया, इटली सहित अन्य मध्य एवं पूर्वी यूरोपीय देशों को दी जानी है।
कुछ पर्यावरण से जुड़े समूहों ने इस बात पर जोर दिया है कि पाइपलाइन गैर-जरुरी है।
नॉर्ड स्ट्रीम 2 में कौन-कौन शामिल हैं?
यह पाइपलाइन रुसी राज्य-स्वामित्व वाली कंपनी गज़प्रोम से संबंधित है और इसे पांच यूरोपीय उर्जा कंपनियों के समर्थन से निर्मित किया जा रहा था।
ये हैं: ऑस्ट्रिया की ओएमवी, ब्रिटेन की शेल, फ़्रांस की एंजी, जर्मनी की युनीपर और बीएएसऍफ़ की ईकाई विंटरशाल।
इन पांच कंपनियों ने प्रारंभिक निवेश में तकरीबन आधे का निवेश किया है।
नॉर्ड स्ट्रीम 2 इतना विवादास्पद क्यों है?
संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी के कई यूरोपीय साझीदार शुरू से ही नॉर्ड स्ट्रीम 2 के खिलाफ रहे हैं और सौदे को रद्द करने के लिए उनके द्वारा पूर्व चांसलर एंजेला मेर्केल की सरकार के साथ पैरवी की थी।
सहयोगियों ने चेताया है कि नॉर्ड स्ट्रीम 2 से यूरोप की रुसी गैस पर निर्भरता बहुत अधिक बढ़ जाएगी, जिसको लेकर उनका कहना है कि रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसे पश्चिम के साथ विवाद में फायदा उठाने के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
वर्तमान में यूरोप को जाने वाली अधिकांश गैस यूक्रेन के माध्यम से पारगमन करती है, जिसे रूस से पारगमन शुल्क प्राप्त होता है।
पोलैंड ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 को ख़ारिज कर दिया है क्योंकि उसने भी रुसी गैस के लिए एक पारगमन देश के तौर पर अपनी भूमिका को बढ़ावा देने की मांग रखी है।
बर्लिन का लंबे समय से इस बात पर जोर रहा है कि पाइपलाइन का मुद्दा विशुद्ध रूप से आर्थिक है।
सितंबर 2021 में नॉर्ड 2 स्ट्रीम के पूरा हो जाने के अवसर पर जश्न मनाते हुए श्रमिक
नॉर्ड स्ट्रीम 2 को करीब-करीब बर्खास्त क्यों कर दिया गया था?
2018 में, जैसा कि इसे निर्मित किया जा रहा था, तब उस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 के निर्माण में शामिल किसी भी व्यक्ति के उपर प्रतिबन्ध लगा देने की धमकी दी थी।
इस पर जर्मनी की विंटरशाल सहित करीब 18 यूरोपीय कंपनियों ने आर्थिक दंड की चपेट में आने के डर से अपने कदम पीछे खींच लिए थे।
वहीँ गजप्रोम ने कहा कि वह अपने दम पर पाइपलाइन बिछाने के काम को जारी रखेगा, और आखिरकार परियोजना किसी न किसी प्रकार से पूरी हो गई।
पिछले साल मई में, बिडेन प्रशासन ने जर्मनी के साथ रिश्तों में खटास न आ जाये, को ध्यान में रखते हुए नॉर्ड स्ट्रीम 2 के खिलाफ लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया था।
नॉर्ड स्ट्रीम 2 का अस्तित्व फिर से खतरे में क्यों है?
पाइपलाइन के केंद्रीय भूमिका में आ जाने के पीछे यूक्रेन को लेकर रूस और पश्चिम के बीच में बढ़ता संकट मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
अमेरिका और नाटो का कहना है कि रूस ने यूक्रेन से लगी अपनी सीमा पर 1,00,000 से अधिक की संख्या में सैनिकों को तैनात कर रखा है, जो कभी भी आक्रमण करने के लिए तैयार हैं। मास्को ने इससे इंकार किया है।
पश्चिम ने मास्को के उपर नए प्रतिबंधों को थोपने की धमकी दे डाली है, और इस दफा रुसी बैंकों को निशाने पर लेने की बात हो रही है।
एक सैद्धांतिक संभावना यह बन रही है कि उन्हें एसडब्ल्यूआईऍफ़टी (स्विफ्ट) वैश्विक भुगतान प्रणाली से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए, जिसमें रोजाना लगभग 5 ट्रिलियन डॉलर (4.4 ट्रिलियन पौंड) के साथ 3.5 करोड़ वित्तीय लेनदेन होता है।
एक अन्य प्रस्ताव में नॉर्ड स्ट्रीम 2 के संचालन को शुरू करने के लिए औपचारिक अनुमोदन में और देरी करना शामिल है जिससे कि रूस को युद्ध के कगार से पीछे हटने के लिए शक्ति के तौर पर बाध्य किया जा सकता है।
हाल के एक नए मोड़ में, बर्लिन अब पाइपलाइन परियोजना को ठंडे बस्ते में डालने की संभावना से भी इंकार नहीं कर रहा है। लेकिन मौजूदा दौर में यूरोप शीतकालीन उर्जा संकट से जूझ रहा है। हाल के महीनों में प्राकृतिक गैस के दाम आसमान छू रहे हैं और यूरोपीय संघ के देशों में इसका भंडार पांच-वर्षों के सबसे निचले स्तर पर है।
इस बीच जर्मनी के उर्जा नियामक ने हाल ही में कहा है कि नॉर्ड स्ट्रीम 2 को गर्मियों से पहले मंजूरी मिल पाने की संभावना नहीं दिख रही है।
संपादन कार्य: हार्डी ग्रौपनेर
साभार: डीडब्ल्यू
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