कैग रिपोर्ट पर दिल्ली सरकार ने सफाई दी और साथ ही उप राज्यपाल पर भी निशान साधा

मंगलवार को नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा में पेश किया गया जिसमें दिल्ली सरकार के कई विभागों की वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया गया है | कई सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उनके लक्षित लोगों पहुँचा पाने में सरकार के अधिकतर विभाग विफल रहे हैं | जबकि इन विभागों ने सरकार से लोगों की मदद के लिए पर्याप्त धनराशि प्राप्त की इसके बाबजूद लाभार्थियों तक लाभ नहीं पहुँच सका |
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 31 मार्च, 2017तक सरकार अनुदान में जारी 7,269.6 करोड़ रुपये में से 3,105 उपयोग प्रमाण पत्र जमा करने में विफल रही।
वित्तीय अनियमितताओं के अतिरिक्त कैगने प्रशासनिक निरीक्षण और निष्क्रियता के मामलों को भी उजागर किया जिसके परिणामस्वरूप परियोजनाओं में देरी हुई और इनमें अधिक धन का संचय हुआ | इसके कई उदाहरण हमारे सामने हैं कई ढाँचागत विकास की परियोजनाओं में देरी के कारण उनकी लागत में भरी वृद्धि हुई है |
इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि सीएजी रिपोर्ट के अनुसार दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा |
कई मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सरकार रिपोर्ट से जुड़े 50 मामलों की जाँच सीबीआई से कराने का निर्णय किया है |
इस रिपोर्ट में कहा गया है की “सार्वजनिक वितरण प्रणाली” में भारी अनियमितता है | रिपोर्ट के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले सस्ते दर पर मिलने वाले राशन की भारी लूट हो रही है | जो गरीब जनता के लिए है उसका आनंद दिल्ली के राशन माफिया ले रहे हैं |
इसके अनुसार दिल्ली के राशनकार्डधारकों को भी राशन नहीं मिला रहा है इस पूरी व्यवस्था में 792 लाइसेंस धारक राशन दुकानदार अधिकतर हिस्सा नौकरशाही और नेताओं के साथ गठजोड़ करके खा रहे हैं | इसके साथ ही नये लाभार्थियों को जोड़ा भी नहीं जा रहा हैं |
इसके बाद केजरीवाल ने रिपोर्ट के एक हिस्से को ट्वीट करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल पर निशान साधते हुए कहा कि वो राशन को लोगो के घर तक सीधे पहुँचने के लिए ‘डोरस्टेप डिलीवरी’ को शुरु करना चाहते हैं| जिससे इस लूट को रोका जा सकता हैं परन्तु राज्यपाल इसे नहीं होने देना चाहते |
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हाल ही में आरोप लगाया था कि कुछ नौकरशाहों और राशन माफिया के बीच गठजोड़ है | उन्होंने कहा कि सीएजी ने पीडीएस प्रणाली के कामकाज में गंभीर अनियमितताओं को बताया है लेकिन एलजी कहते हैं कि व्यवस्था ठीक काम कर रही है।
कैग रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है जिसमें बताया गया है की अक्टूबर 2014 में शुरू स्वच्छ भारत अभियान के तहत दिल्ली में अब तक एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ हैं | जबकि इसके तहत 40.31 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था | इसे क्रियान्वित करने की मुख्यतः ज़िम्मेदारी तीनों नगर निगमों के साथ दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की है, परन्तु बीते 31मार्च,2017 तक ये धनराशी खर्च नहीं हो पाई है |
ये दिखता है कि भाजपा शासित निगम ‘स्वच्छ भारत’ को लेकर कितनी गंभीर है ?जहाँ एक ओर केंद्र की भाजपा सरकार स्वच्छ भारत के नाम पर करोड़ो रूपये बहा रही है |वहीं भाजपा शसित निगम स्व्च्छता को लेकर कितना उदासीन है कि वो पिछले ढाई वर्षो में स्वच्छ भारत के तहत आवंटित कोष से एक भी शौचालय नहीं बना सकी है |
सिसोदिया ने विधानसभा में रिपोर्ट पर बोलते हुए कहा कि कैगने जिन अनियमितताओं पर प्रकाश डालती है सरकार को उन्हें ठीक करने का मौका मिलता है।उन्होंने कहा की कई अनियमितताएं इस चतुराई की जाती है कि अगर मंत्री इन फाइलों को 24 घन्टे देखे फिर भी नही पकड़ पाएँगे,परन्तु कैग की रिपोर्ट इसमे सरकार की मदद करती है | सरकार को अपने अतीत में कि गई भूल या गलती को देखती है और भविष्य में ऐसी घटनाओ से आगाह करती है |
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