केरल सरकार के 100-दिवसीय कार्यक्रम के तहत नए घर, विद्यालय भवन, सड़कें एवं फुटबॉल अकादमियां की गईं निर्मित

11 जून को पदभार ग्रहण करने के ठीक दो सप्ताह बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कोविड-19 महामारी के प्रकोप से उत्पन्न आर्थिक मंदी का मुकाबला करने के लिए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार की ओर से 100-दिवसीय एक्शन प्लान की घोषणा की थी। इस कार्य योजना में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), केरल पुनर्निर्माण पहल (आरकेआई) और केरल आधारभूत वित्त ढांचा निवेश बोर्ड (केआईआईएफबी) के जरिये 2464.92 करोड़ रूपये मूल्य की परियोजनाओं को शामिल किया गया था। उन्होंने कहा था कि शिक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धियों को आगे बढ़ाने और आर्थिक प्रगति की रफ्तार को तेज करने के लिए इन नीतियों और योजनाओं पर जोर दिया जाएगा। विजयन के नेतृत्ववाली पिछली एलडीएफ सरकार ने कोविड-19 के प्रभाव को दूर करने के लिए पिछले वर्ष दो चरणों में 100-दिवसीय कार्यक्रमों को लागू किया था।
अब जबकि मौजूदा 100-दिवसीय कार्यक्रम 19 सितंबर को पूरा हो गया है, इन कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर नजर बनाये रखने वाले राज्य नियंत्रण-मंडल की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें शामिल कुल 178 परियोजनाओं में से 132 में काम संपन्न हो चुका है और बाकी 46 के जल्द ही पूरा हो जाने की उम्मीद है। पूरी हो चुकी परियोजनाओं के हिस्से के तौर पर राज्य भर में 12,067 घर, 92 नए विद्यालय भवन, 1,000 ग्रामीण सड़कें एवं तीन फुटबॉल अकादमियां निर्मित किये जाने के साथ-साथ कई अन्य पहल भी लिए गए हैं।
घर, विद्यालय, सड़कें, देखभाल केंद्र एवं शौचालय परिसरों का निर्माण
इससे पहले 18 सितंबर को आयोजित किये गये एक ऑनलाइन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 12,067 नए घरों के निर्माण कार्य के पूरा हो जाने और लाभार्थियों को इनकी चाभियाँ सुपुर्द करने की घोषणा की थी। इनमें से 10,058 घरों का निर्माण राज्य सरकार की आवास योजना लाइफ मिशन के माध्यम से किया गया था, जिसका उद्देश्य राज्य के सभी भूमिहीन एवं बेघरबार लोगों को आवास मुहैया कराने का है। केंद्र सरकार के प्रमुख मिशन, प्रधान मंत्री आवास योजना – शहरी (पीएमएवाई-यू) जिसे आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा लागू किया जा रहा है, उसके तहत 2000 से अधिक घरों का निर्माण किया गया। 12,067 घरों में से अनुसूचित जाति समुदायों के लिए 3,358, अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए 606 और मछुआरा समुदायों के लिए 271 घर थे।
इसके अतिरिक्त, विजयन ने घोषणा की कि 36 अपार्टमेंट परिसरों में 2,207 फ्लैट्स का निर्माण कार्य प्रगति पर है और सरकार ने 17 और अपार्टमेंट परिसरों के निर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाये हैं। पिछली एलडीएफ सरकार ने अपने पांच-वर्षीय कार्यकाल के दौरान 2,62,131 घरों का निर्माण किया था और इस साल की शुरुआत में राज्य विधानसभा चुनावों के लिए एलडीएफ ने अपने घोषणापत्र में अगले 5 वर्षों में पांच लाख और घर बनाकर बेघरबार बने रहने की समस्या को समाप्त करने का वादा किया था। इस सप्ताह की शुरुआत में मत्स्य पालन विभाग के पुनार्गेहम पुनर्वास परियोजना, जिसका उद्देश्य समुद्री कटाव और बाढ़ से प्रभावित तटीय क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों का पुनर्वास करने का लक्ष्य है, के तहत 308 व्यक्तिगत घरों और 276 फ्लैट भी लाभार्थियों को सौंपे गए थे। अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा 1,000 अध्ययन कक्षों का निर्माण और जिन 1,000 घरों का निर्माण कार्य आंशिक तौर पर ही हो सका था, को भी पूरा करने का कार्य संपन्न किया गया।
घरों के अलावा, राज्य भर के 14 जिला केन्द्रों और 77 तालुक केन्द्रों में आयोजित पट्टाया मेला के जरिये 14 सितंबर को 100-दिवसीय कार्यक्रम के हिस्से के तौर 13,534 परिवारों को भूमि स्वामित्व-पत्र भी वितरित किये गए। पिछली एलडीएफ सरकार ने विभिन्न वजहों से भूमि के मालिकाने से वंचित सभी भूमिहीन परिवारों को भूमि उपलब्ध कराने के अपने प्रयासों के तहत 2016 से लेकर 2021 के बीच में 1.75 लाख भू स्वामित्व पट्टे वितरित करने के काम को अंजाम दिया था।
100-दिवसीय कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर किये गए सार्वजनिक निर्माण कार्य परियाजनाओं में नए स्कूल भवनों, सड़कों, देखभाल केन्द्रों और शौचालय परिसरों का निर्माण कार्य शमिल था। मुख्यमंत्री द्वारा 14 सितंबर को 92 नए स्कूल भवनों, 48 उच्चतर माध्यमिक प्रयोगशालाओं और तीन पुस्तकालयों का उद्घाटन किया गया था। इसे स्थानीय स्व-शासन विभाग के तहत गठित केरल स्थानीय प्रशासन संस्थान (केआईएलए) द्वारा शुरू की गई एक परियोजना के तहत संपन्न किया गया था, जिस पर कुल 214 करोड़ रूपये का खर्च आया था। इसके अलावा 107 नए स्कूल भवनों का भी शिलान्यास किया गया, जिसके लिए 124 करोड़ रूपये आवंटित किये गए हैं। कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर 1,000 ग्रामीण सड़कों का निर्माण कार्य भी मुख्यमंत्री स्थानीय सड़क पुनर्निर्माण परियोजना (सीएमएलआरआरपी) के हिस्से के तौर पर पूरा कर लिया गया है। इस परियोजना के तहत अब तक करीब 2500 सड़कों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जिसमें से पहले 1,000 सड़कों का उद्घाटन इस वर्ष फरवरी में किया जा चुका है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कोट्टायम जिले के पैका में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा, सात जिलों में एचआईवी/एड्स के मरीजों के लिए देखभाल सहायता केंद्र, चार मेडिकल कालेजों और एक जिला अस्पताल में एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी केंद्र, और सरकारी मेडिकल कॉलेज, थिरुवनंतपुरम में 110 बिस्तरों वाले गहन चिकित्सा ईकाई सहित विभिन्न परियोजनाओं को पूरा किया गया। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जार्ज ने भी शुक्रवार को राज्य भर में 16.69 करोड़ रूपये मूल्य की 158 स्वास्थ्य सुविधाओं का उद्घाटन किया था। इससे पहले, 7 सितंबर को सुचित्वा मिशन के तहत ‘टेक-ए-ब्रेक’ परियोजना के के तहत सड़कों के किनारे और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में 100 शौचालयों और रेस्ट रूम परिसरों का वर्चुअल उद्घाटन किया गया था। ये शौचालय फीडिंग रूम्स, सेनेटरी नैपकिन डिस्पोजल सिस्टम, बायो-वेस्ट भंडारण प्रणाली एवं कीटाणुनाशक सुविधाओं से लैस हैं और बड़े शौचालयों में तो कॉफ़ी शॉप्स जैसे रिफ्रेशमेंट सेंटर तक सम्बद्ध हैं। ऐसे 524 और शौचालय परिसरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर मुख्यमंत्री द्वारा 16 सितंबर को आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं से लैस तीन नए आवासीय फुटबॉल अकादमियों का भी शुभारंभ किया गया, जिनमें से दो तो विशिष्ट रूप से महिलाओं के लिए हैं। केरला ब्लास्टर्स और गोकुलम केरला एफसी इन अकादमियों के संचालन कार्य में सहयोग करेंगे और डेटा प्रबन्धन एवं विश्लेषण मंचों को उपलब्ध कराया गया है। खेल एवं युवा मामलों के निदेशालय का उद्देश्य खिलाडियों को प्रशिक्षित करने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमकने में सक्षम टैलेंट में ढालना है। राज्य भर में 40 नए फुटबॉल मैदानों को शुरू करने की योजना की भी घोषणा की गई है।
अन्य पहल
100-दिवसीय कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर राज्य भर में कृषि विकास एवं कृषक कल्याण विभाग की सुभिक्षम सुरक्षितम परियोजना के तहत 23,566 हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सब्जियों, धान, केले और आलू की खेती की गई। इस साल सरकार की योजना में विभिन्न कृषक सहकारी समितियों के माध्यम से 84,000 हेक्टेयर जमीन पर जैविक खेती शुरू करने की है। राज्य के 250 पंचायतों में मछली पालन का काम भी शुरू किया गया है।
इस सप्ताह कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर जिस एक और उल्लेखनीय पहल का उद्घाटन किया गया था, वह था वथिलपदी सेवानम। इसका उद्देश्य उन बुजुर्गों को, जो शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग स्थिति में होने के कारण चलने-फिरने तक में असमर्थ हैं, के लिए सरकारी सेवाओं को उपलब्ध करा पाने को सुनिश्चित करना है। इस परियोजना के पहले चरण के तहत आशा कर्मियों, कुदुम्बश्री सदस्यों और सामूहिक सन्नाधा सेना के स्वयंसेवकों के नेटवर्क के जरिये 50 पंचायतों में लाभार्थियों के घर पर ही जीवन प्रमाणपत्र, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जीवन रक्षक दवाएं इत्यादि वितरित की जायेंगी। सरकार का लक्ष्य इस सेवा को सारे राज्य भर में विस्तारित करने की है। इसके लिए इन पंचायतों में तीन माह के परीक्षण के आधार पर आवश्यक बदलावों के साथ इस सेवा को लागू कर दिया जायेगा।
100-दिवसीय कार्यक्रम में शामिल परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर निगरानी बनाये रखने वाले राज्य नियंत्रण-मंडल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य सरकार एवं सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों के तहत कुल 64,835 काम के अवसर उपलब्ध कराये गए थे।
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