चाँदनी चौक : अमनपसंद अवाम ने सांप्रदायिक तत्वों के मंसूबे नाकाम किए

“मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना,
हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिंदोस्तां हमारा"
इक़बाल
पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाक़े में बहुत छोटी सी घटना को संप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। पूरे बवाल की शुरुआत स्कूटी पार्किंग से हुई थी। जिसे बाद में दो समुदायों के संघर्ष में बदल दिया गया। मामला इतना बढ़ा कि कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक मंदिर पर हमला कर दिया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब फैला। इसके बाद समाज के सौहार्द को तोड़ने की फ़िराक़ में रहने वालों को पूरा काम मिला गया और वे पूरी शिद्द्त से इस काम में जुट भी गये। इस सिलसिले में दोनों तरफ़ के लोगों ने काम किया। लेकिन इनकी कोशिश तब नाकाम हो गई जब दोनों पक्षों के ज़िम्मेदार लोगों को दिल्ली पुलिस की अमन कमेटी ने बिठाया और दोनों ने इस मामले का हल शांति में ढूंढा। पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई करते हुए तीनो लोगों को गिरफ़्तार किया। मुस्लिम पक्ष ने मंदिर पर हमले की निंदा करते हुए उसका पुनः निर्माण करने का वादा किया।
दिल्ली पुलिस की मानें तो स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। इस पूरे मामले में कुछ असामाजिक लोग एक छोटी घटना के सहारे पूरी दिल्ली को सांप्रदायिकता की आग में झोंकना चाहते थे लेकिन पुलिस और आम लोगों ने उनकी इस साज़िश को नाकाम कर दिया, और दिल्ली सांप्रदायिकता की आग से बच गई।
कुछ लोगों और संगठनों ने अंत समय तक कोशिश की कि इस घटना को सांप्रदायिक रंग दे कर समाज में ध्रुवीकरण किया जाए। हालांकि उनकी कोशिशें अभी भी जारी हैं,लेकिन अब सबकुछ शांत दिख रहा है और वो ज़बरदस्ती इस मामले को खींचने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
पुरानी दिल्ली के चावड़ी बाज़ार क्षेत्र में एक स्कूटी खड़ा करने को लेकर हुए झगड़े की शुरुआत हुई। इस पूरे मामले पर दो तरह की बातें सामने आ रही हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह घटना रविवार देर रात उस समय हुई जब आस मोहम्मद (20) एक इमारत के बाहर अपनी स्कूटी खड़ा कर रहा था। इमारत के एक निवासी संजीव गुप्ता ने इस पर आपत्ति जतायी जो वहां खाने-पीने की एक दुकान चलाता है।
गुप्ता की पत्नी बबीता ने बताया कि जब उसके पति ने स्टॉल के पास स्कूटर खड़ा करने पर आपत्ति की तो तब तो मोहम्मद वहां से चला गया लेकिन वह बाद में वहां और व्यक्तियों के साथ आया जिन्होंने ‘‘संभवत: शराब पी हुई थी’’ और उन्होंने गुप्ता की पिटायी कर दी।
वहीं, 27 वर्षीय साफ्टवेयर इंजीनियर साक़िब ने अलग बात बतायी। उन्होंने कहा, ‘‘जब मोहम्मद की पिटाई कर दी गई, वह और उसके परिवार के अन्य सदस्य पुलिस थाने गए और मामला दर्ज कराया।’’
घटना से संबंधित एक वीडियो में पार्किंग मुद्दे को लेकर कुछ व्यक्ति एक व्यक्ति की कथित रूप से पिटाई करते दिखते हैं जिनके शराब के नशे में होने का संदेह है।
क्षेत्र में रहने वाले अक़ीब हसन (25) ने कहा, ‘‘जब मोहम्मद ने अपनी स्कूटी खड़ा की, तो गुप्ता ने उससे कहा कि वह अपनी स्कूटी कहीं और ले जाए, नहीं तो वह उसे आग लगा देगा। उसके बाद झगड़ा हो गया जिसमें गुप्ता और कुछ अन्य व्यक्तियों ने मोहम्मद को इमारत में खींचा और उसकी पिटाई कर दी।’’
इस बीच, स्थानीय लोगों ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को फ़ोन कर दिया और मोहम्मद और गुप्ता दोनों को पुलिस थाने ले जाया गया।
साकिब ने दावा किया, ‘‘जब मोहम्मद और गुप्ता पुलिस थाने में थे, कुछ अज्ञात व्यक्ति मंदिर के बाहर एकत्रित हो गए और उसमें तोड़फोड़ की। इससे क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया।’’
दुर्गा मंदिर गली में है। यह मंदिर घटनास्थल के पास में ही स्थित है। मंदिर के पुजारी अनिल कुमार पांडेय ने कहा, ‘‘भीड़ रात क़रीब 12 बजे मंदिर आयी। उसने मंदिर में तोड़फोड़ की और वहां से चली गई।’’
सोमवार को तोड़फोड़ के निशान दिखे। इसमें मंदिर का शटर क्षतिग्रस्त दिखा, मूर्तियां भी थोड़ी क्षतिग्रस्त थीं। दिन के समय दोनों पक्षों ने नारेबाजी की तथा इससे तनाव और बढ़ गया। पुलिस ने कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है।
दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक ने बुधवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पुरानी दिल्ली के हौज़ क़ाज़ी इलाक़े में उपजे तनाव की जानकारी दी और बताया कि वहां हालात सामान्य और नियंत्रण में हैं।
संसद भवन में शाह के साथ मुलाक़ात के बाद पटनायक ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार रात को हुई घटना के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि हमनें उन्हें घटना की सामान्य जानकारी दी है और बताया कि इलाके में हालात सामान्य हैं। पटनायक ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है और मामले की जांच जारी है।
इस बीच दिल्ली उच्च न्यायालय में बुधवार को एक जनहित याचिका दायर कर पुरानी दिल्ली में एक मंदिर पर हमले के पीछे कथित साज़िश का पता लगाने के लिए एसआईटी जांच की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में यह भी आग्रह किया है कि अदालत इसपर सख़्त कार्रवाई करे और उचित मार्ग निर्देश सूत्रबद्ध करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो।
लेकिन सवाल बना हुआ है कि यह घटना इतनी जल्दी और बड़े पैमाने पर कैसे फैल गई? आख़िर कौन हर घटना को सांप्रदायिक रंग देना चाहता है! आख़िर कौन चाहता है कि कोई भी विवाद हिन्दू-मुस्लिम में बदल जाए। आख़िर दिल्ली के चावड़ी बाज़ार में स्कूटर खड़ा करने की मामूली घटना को किसने एक बड़ी घटना में बदलने की कोशिश की। आख़िर इससे किसे फ़ायदा है?
पिछले काफ़ी समय से ये पैटर्न बन गया है कि हर घटना में, अगर हिन्दू-मुस्लिम शामिल हैं तो एक सांप्रदायिक एंगल तलाश लिया जाता है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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