पुर्तगाल : कोरोना महामारी के बीच जारी है कार्नेशन क्रांति की सालगिरह की तैयारी

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनज़र देश भर में लागू लॉकडाउन की वजह से पुर्तगाल में कार्नेशन क्रांति(अप्रैल क्रांति) की 46वीं सालगिरह का जश्न लोग अपनी बालकोनी से ही मनाएंगे।
Portuguese कम्युनिस्ट पार्टी(पीसीपी) ने नागरिकों से अपील की है कि वो अपनी बालकोनी से Grândola, Vila Morena और राष्ट्रगान गायें। कार्नेशन क्रांति की वजह से पुर्तगाल में 25 अप्रैल 1974 को कॉर्पोरेट एस्तादो नोवो हुनता की 41 साल की तानाशाही का अंत हुआ था।
इस अहिंसक क्रांति की पुर्तगाल के इतिहास में और दुनिया के इतिहास में भी अहम जगह है क्योंकि इससे न सिर्फ़ तानाशाही का अंत हुआ था बल्कि इसने अफ़्रीका की कई पुर्तगाली कॉलोनीज़ की आज़ादी की भी नींव रखी थी। 25 अप्रैल को नागरिकों ने क्रांति के विद्रोही सिपाहियों का कार्नेशन के साथ इस शांतिपूर्ण विरोध में अभिवादन किया था।
इसलिये इस क्रांति को कार्नेशन क्रांति कहा गया और पुर्तगाल में हर साल 25 अप्रैल को इसे फ़्रीडम डे के तौर पर मनाया जाता है और यह राष्ट्रीय अवकाश भी होता है।
इस क्रांति की वजह से "Grândola, Vila Morena" गाना भी अमर हो गया है। यह गाना ज़ेका अफोंसो ने 1972 में लिखा था और ये पुर्तगाल के शहर Grândola में लोगों के बीच के सद्भाव पर आधारित था। इस गाने का कार्नेशन क्रांति की घटनाओं के साथ अहम संबंध है।
एस्तादो नोवो की सत्ता ने ज़ेका अफोंसो कई गानों पर प्रतिबंध लगाया था क्योंकि उनमें वामपंथी सुर होते थे।
एस्तादो नोवो का 41 साल का शासन काल नागरिक स्वतंत्रता, राजनीतिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी का हनन करने वाला था। इस शासन ने विभिन्न पुर्तगाली कॉलोनीज़ में चल रहे आज़ादी के संघर्षों पर मिलिट्री की कार्रवाई भी की। इसके अंत से पुर्तगाली आर्मी द्वारा शुरू किए गए कोलोनियल वॉर का अंत हुआ और अंगोला और मोजांबिक जैसे देश आजाद हुए।
पुर्तगाल में कोरोना वायरस के अब तक 22,353 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 820 लोगों की मौत हो चुकी है।
साभार : पीपल्स डिस्पैच
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