Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

अंतत: SIR पर चुनाव सुधार के नाम से 9 दिसंबर को चर्चा तय

मानसून सत्र से शुरू हुई विपक्ष की एसआईआर पर चर्चा की मांग अब जाकर शीत सत्र में पूरी हुई है। लोकसभा स्पीकर की सर्वदलीय बैठक के बाद तय हुआ कि इस मुद्दे पर चुनाव सुधार के नाम पर 9 दिसंबर को चर्चा होगी।
SIR-PROTEST

संसद में लगातार गतिरोध की वजह बना वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR (Special Intensive Revision) पर अब अंतत: सरकार चर्चा कराने को राजी हो गई है। तय हो गया है कि इस मुद्दे पर चुनाव सुधार के नाम से लोकसभा में 9 दिसंबर को 10 घंटे की चर्चा कराई जाएगी।

इस फ़ैसले से लगता है कि सरकार ने मानसून सत्र से कुछ सबक़ लिया है और विपक्ष के तेवर देखते हुए कुछ बैकफ़ुट पर जाने का सही फ़ैसला किया। विपक्ष ने भी कुछ नरमी दिखाई। आपको मालूम है कि इसी एक मुद्दे पर पूरे मानसून सत्र संसद में गतिरोध रहा था। 
शीत सत्र की शुरुआत में भी विपक्ष ने साफ़ कर दिया था कि उसने अपना मुद्दा नहीं छोड़ा है। क्योंकि यह प्रक्रिया केवल वोटबंदी या वोट चोरी तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब तो बड़ी संख्या में काम के दबाव में बीएलओ की मौत की भी ख़बरें हैं। 

SIR-PROTEST
सरकार का कहना था कि वह चर्चा को तैयार है मगर विपक्ष कोई टाइमलाइन तय नहीं कर सकता। मगर अब टाइमलाइन तय हो गई है। 8 दिसंबर को लोकसभा में वंदेमातरम पर चर्चा होगी और 9 दिसंबर को चुनाव सुधार पर। 
विपक्ष ने शीतकालीन सत्र शुरू होते ही अपना मुद्दा और तेवर साफ़ कर दिए थे। मानसून सत्र की ही तरह भीतर और बाहर एक ही दृश्य था। संसद शुरू होने से पहले विपक्षी सांसद स्टॉप एसआईआर-स्टॉप वोट चोरी की तख़्तियां और बैनर लिए संसद के मकर द्वार पर जमा हुए वोट चोरी बंद करो जैसे नारे लगाए।  

भीतर भी यही दृश्य रहा। राज्यसभा में विपक्ष ने रूल 267 के तहत एसआईआर पर चर्चा नोटिस भी दिया जिसका मतलब होता है कि यह मुद्दा कितना अर्जेंट है और सबसे पहले इसी पर चर्चा की जानी चाहिए। 

एसआईआर के साथ आज विपक्ष की चिंताओं में एक और मुद्दा जुड़ गया। वो है संचार साथी ऐप का मुद्दा। जिसपर सरकार ने मोबाइल कंपनियों को आदेश दिया है कि अब हर फोन में संचार साथी ऐप अनिवार्य होगा। इसे विपक्ष ने जासूसी ऐप कहा है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने इस मुद्दे को संसद में उठाया। 

कुल मिलाकर विपक्ष के कड़े रुख को देखते हुए सरकार के तेवर में कुछ कमी दिखाई दी और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू विपक्ष जो पहले कह रहे थे कि विपक्ष का तरीका ठीक नहीं। वे राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं से मिले। लोकसभा स्पीकर ने भी अपने चैंबर में सर्वदलीय बैठक बुलाई। जिसके बाद एसआईआर पर चुनाव सुधार के नाम पर बहस तय हो गई। अब देखना है कि इस बहस का क्या नतीजा निकलता है।

 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest