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अहमद पटेल के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और मनगढ़ंत: कांग्रेस

भाषा |
‘‘कांग्रेस दिवंगत अहमद पटेल के खिलाफ गढ़े गए शरारतपूर्ण आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज करती है। यह प्रधानमंत्री की उस व्यवस्थित रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वह 2002 में उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान हुई सांप्रदायिक सामूहिक हत्या को लेकर किसी भी जिम्मेदारी से खुद को बचाना चाहते हैं।’’
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Image Courtesy: The Financial Express

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि गुजरात पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से दिवंगत नेता अहमद पटेल के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं तथा यह 2002 के ‘‘सामूहिक हत्या’’ मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक ‘‘व्यवस्थित रणनीति’’ का हिस्सा है।

एसआईटी ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए गुजरात की अदालत के समक्ष दावा किया कि वह 2002 के दंगों के बाद राज्य में भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मंशा संबंधी

दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल के इशारे पर की गई ‘‘बड़ी साजिश’’ का हिस्सा थीं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी कहा, ‘‘कांग्रेस दिवंगत अहमद पटेल के खिलाफ गढ़े गए शरारतपूर्ण आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज करती है। यह प्रधानमंत्री की उस व्यवस्थित रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वह 2002 में उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान हुई सांप्रदायिक सामूहिक हत्या को लेकर किसी भी जिम्मेदारी से खुद को बचाना चाहते हैं।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘इस सामूहिक हत्याकांड को नियंत्रित करने की उनकी अनिच्छा और अक्षमता के कारण ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस वक्त के मुख्यमंत्री को राजधर्म की याद दिलाई थी।’’

रमेश ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की राजनीतिक प्रतिशोध वाली मशीन उन लोगों को भी नहीं छोड़ती जो उनके राजनीतिक विरोधी रहे और अब इस दुनिया में नहीं रहे। यह एसआईटी अपने राजनीतिक आकाओं की धुन पर नाच रही है और उसे जो कहा जाएगा वही करेगी। हम जानते हैं कि पहले के एक एसआईटी प्रमुख को राजनयिक जिम्मेदारी से नवाजा गया क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री को ‘क्लीन चिट’ दी थी।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘न्यायिक प्रक्रिया के चलने के दौरान अपनी कठपुतली एजेंसियों के जरिए अनर्गल आरोप लगाकर प्रेस के माध्यम से फैसला सुनाना मोदी-शाह की तरकीबों की वर्षों से पहचान रही है। यह मामला कुछ नहीं बल्कि इसी की एक मिसाल, बस इतना है कि एक दिवंगत व्यक्ति को बदनाम किया जा रहा है जो ऐसे सरेआम बोले जा रहे झूठ को खारिज करने के लिए उपलब्ध नहीं हो सकते।’’

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पैदा हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण पटेल का 25 नवंबर, 2020 को निधन हो गया था।

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