शर्म: नाम— इंद्र मेघवाल, जात— दलित, कुसूर— पानी का मटका छूना, सज़ा— मौत!

जोधपुर: राजस्थान में जालोर जिले के एक निजी स्कूल में एक अध्यापक ने पेयजल का मटका छूने पर नौ वर्षीय एक दलित बच्चे को कथित रूप से पीटा, जिसके बाद शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने 40-वर्षीय अध्यापक चैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर हत्या और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।
सुराणा गांव में एक निजी स्कूल के छात्र इंद्र मेघवाल की 20 जुलाई को पिटाई की गई थी और अहमदाबाद के एक अस्पताल में शनिवार को उसकी मौत हो गई। इस बीच इलाके में लोगों में आक्रोश और तनाव के माहौल के बीच जालोर में इंटरनेट 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। पूरी घटना को लेकर भाजपा ने भी राज्य की अशोक गहलोत की सरकार पर निशाना साधा है।
वहीं, राज्य के शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जालोर के पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने बताया कि लड़के को बुरी तरह से पीटा गया था। उन्होंने कहा कि बताया गया है कि पीने के पानी का बर्तन छूने के कारण बच्चे की पिटाई की गई। उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी जांच की जानी है।
मुख्यमंत्री ने जताया दुःख
सीएम गहलोत ने बच्चे की मौत पर गहरा दुख जताया है। सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा- जालौर के जायला थाना क्षेत्र में एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा मारपीट के कारण छात्र द्वारा मारपीट के कारण छात्र की मृत्यु दुखद है। आरोपी शिक्षक के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तारी की जा चुकी है। मामले के त्वरित अनुसंधान एवं दोषी को जल्द सजा हेतु प्रकरण केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया है। पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा। मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी।
पिता ने क्या कहा
बच्चे के पिता ने कहा कि उसके बेटे के चेहरे और कान पर चोटें आई थीं और वह लगभग बेहोश हो गया था। पिता के अनुसार, उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे उदयपुर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
लड़के के पिता देवाराम मेघवाल ने कहा, ‘‘वह (बच्चा) लगभग एक सप्ताह तक उदयपुर के अस्पताल में भर्ती रहा, लेकिन कोई सुधार नहीं होने पर हम उसे अहमदाबाद ले गए। उसकी हालत में वहां भी सुधार नहीं हुआ और उसने शनिवार को दम तोड़ दिया।’’
राज्य के शिक्षा विभाग ने दो अधिकारियों को मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया है।
सोशल मीडिया पर दिख रही लोगों की प्रतिक्रिया
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने घटना पर ट्वीट कर प्रतिक्रिया जाहिर की है।
उन्होंने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं दलित छात्र को दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर इतना पीटा गया कि जान ही चली गई।
उन्होंने कहा, 'हमें पानी के मटके को छूने की भी आजादी नहीं! फिर क्यों आजादी का झूठा ढिंढोरा पीट रहे हैं?'
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। वही दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर इतना पीटा गया कि जान ही चली गयी।
आजादी के 75 साल बाद भी 9 साल के दलित बच्चे को जालोर मे जातिवाद का शिकार होना पड़ा। हमे पानी के मटके को छूने की भी आजादी नही! फिर क्यों आजादी का झूठा ढिंढोरा पीट रहे है? pic.twitter.com/OeOnVQjSAV— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) August 13, 2022
बीएसपी प्रमुख मायावती ने लिखा कि इस हृदय विदारक घटना की जितनी निन्दा व भर्त्सना की जाए वह कम है।
1. राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा में प्राइवेट स्कूल के 9 साल के दलित छात्र द्वारा प्यास लगने पर मटके से पानी पीने पर सवर्ण जाति के जातिवादी सोच के शिक्षक ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि कल उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना की जितनी निन्दा व भर्त्सना की जाए वह कम।
— Mayawati (@Mayawati) August 14, 2022
दलित कार्यकर्ता हंसराज मीणा ने लिखा कि पानी का मटका छूने से इंद्र मेघवाल नामक दलित बच्चे के साथ जातीय अत्याचार ही नहीं हुआ बल्कि भारत में इंसानियत की भी हत्या हुई है। जालौर की इस घटना से ये साबित हो गया है कि दलितों की स्थिति आज भी 100 साल पहले जैसी ही है। सरकार, सिस्टम व तथाकथित सभ्य समाज पर कलंक है।
पानी मटका छूने से इंद्र मेघवाल नामक दलित बच्चे के साथ जातिय अत्याचार ही नहीं हुआ बल्कि भारत में इंसानियत की भी हत्या हुई है।जालौर की इस घटना से ये साबित हो गया है कि दलितों की स्थिति आज भी 100साल पहले जैसी ही है।सरकार,सिस्टम व तथाकथित सभ्य समाज पर कलंक है। #JusticeForInderMeghwal pic.twitter.com/0x71jvkbuN
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) August 14, 2022
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने संघ की ओर इशारा करते हुए लिखा कि “ये कैसा अमृतकाल है जिसमें एक दलित बच्चा ऊँची जात के मटके से पानी नहीं पी सकता ?”
"सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल" जालौर के दलित छात्र इन्द्रकुमार को मनुवादी व्यवस्था वाले विद्यालय में पानी का मटका छूने से नाराज शिक्षक छैलसिंह ने इतना मारा कि बच्चे की मौत हो गई।
ये कैसा अमृतकाल है जिसमें एक दलित बच्चा ऊँची जात के मटके से पानी नहीं पी सकता ? pic.twitter.com/Uvh6f06Ur4— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) August 14, 2022
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
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