जलवायु संकट : दुनिया भर में है बेहद गर्म और ख़राब मौसम

"जैसा कि हम 2023 के साल में अल-नीनो के असर को तेज होते देख रहे हैं, फ्लोरिडा की रिपोर्टर जेफ बेरार्डेली जो मौसम पर रिपोर्ट करती हैं ने चेतावनी दी है कि यह वर्ष मौसम में वैश्विक चरम सीमाओं को छूने का आश्चर्यजनक वर्ष हो सकता है, जो मौसम संबंधी दिमाग को चकरा सकता है।" जेफ बेरार्डेली ने उक्त बातें जून की शुरुआत में प्यूर्टो रिको द्वारा रिकॉर्ड हीटवेव का सामना करने के बाद कही थी।
बेरार्डेली टीवी मौसम विज्ञानियों के उन शीर्ष कैडरों में से एक है, जो खराब/चरम मौसम और जलवायु परिवर्तन के बीच स्पष्ट संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
"ग्रीनहाउस गॅस के बढ़ते तापमान के कारण जलवायु का बेस गर्म हो गया है और एक मजबूत अल-नीनो हमें उस सीमा तक धकेल देगा, जिसकी अभी तक हम जांच भी नहीं कर पाए हैं," मौसम विज्ञानियों द्वारा शुष्क और गर्म अल-नीनो मौसम चक्र की पुष्टि के बाद बेरार्डेली ने इस पर कई ट्वीट्स किए हैं।
लेकिन केवल एक दशक पहले, मौसम पर जानकारी देने वाले जलवायु परिवर्तन से बच रहे थे।
2012 में, रॉलिंग स्टोन पत्रिका ने बताया था कि तूफान सैंडी, रिकॉर्ड सूखा और जंगल की आग जैसी चरम मौसम की घटनाओं के एक वर्ष बाद, कुछ टीवी मौसम विज्ञानियों ने इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग शब्द का उल्लेख किया था। "कारण: इस बात की एक बड़ी चौंकाने वाली संभावना थी कि आपका पसंदीदा टीवी वेदरमैन जलवायु परिवर्तन को पूरी तरह से इनकार कर सकता है।"
वैश्विक समुद्री सतह का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर आ गया है, वह मामूली नहीं है। उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र रिकॉर्ड से पूरे 1 डिग्री एफ ऊपर है। मौसम विज्ञानी के दृष्टिकोण से इस बारे में बताने के लिए कुछ शब्द ही हैं कि यह कैसे सीमा से बाहर चला गया है। और क्या चल रहा है??
Global Sea Surface Temperatures are at record levels, and not just by a little. The North Atlantic is a whole 1 degree F above record territory. From a meteorologist perspective there are few words to describe how out of bounds that is. So what is going on?? Thread... pic.twitter.com/6O7Gu6ofaG
— Jeff Berardelli (@WeatherProf) June 8, 2023
जलवायु-केंद्रित मौसम की जानकारी देने वालों का उदय
25 साल पहले, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और उपराष्ट्रपति अल गोर ने व्हाइट हाउस में 100 से अधिक टीवी वेदरकास्टर्स (मौसम की जानकारी देने वाले) की मेजबानी की थी ताकि उन्हें चरम-मौसम और जलवायु परिवर्तन के बीच संबंध पर रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
वाशिंगटन, डीसी में जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज कम्युनिकेशन के निदेशक एडवर्ड मैबैक बताते हैं कि, "यह एक अच्छा विचार था।" लेकिन अगले एक दशक में इस अवसर को खो दिया गया था।
उन्होंने कहा कि, "दुर्भाग्य से, अमेरिकी सरकार ने स्थानीय सामग्रियों के उत्पादन में इसका पालन नहीं किया, जिससे मौसम विज्ञानियों के लिए वैश्विक जलवायु परिवर्तन के स्थानीय प्रभावों पर रिपोर्ट करना आसान होता।"
इसके बजाय कुछ टीवी मौसम विज्ञानियों को जलवायु परिवर्तन से इनकार करने वाले रिपोर्टरों ने निशाना बनाया। जिनमें से कई दक्षिणपंथी थिंक टैंकों से जुड़े हुए थे, जिनके जीवाश्म ईंधन से संबंध मजबूत थे और जिन्होंने जलवायु विज्ञान पर संदेह पैदा करने के लिए तंबाकू लॉबी की रणनीति का इस्तेमाल किया।
एडवर्ड मैबैक ने समझाया कि इस तथाकथित जलवायु परिवर्तन विरोधी आंदोलन ने "मौसम विज्ञानियों को समझाने के लिए एक निरंतर गलत सूचना अभियान शुरू किया कि जलवायु परिवर्तन 'एक धोखा' है।"
मैबैक की टीम को 2010 में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला कि 25 प्रतिशत अमेरिकी मौसम विज्ञानियों ने इनकार करने वालों पर विश्वास जताया था। अन्य 25 प्रतिशत इस मामले में "संशयवादी में थे कि जलवायु परिवर्तन मानव-जनित है।"
बर्नाडेट वुड्स प्लाकी ने कहा कि, समस्या का एक हिस्सा यह था कि स्थानीय संदर्भ में जटिल जलवायु मॉडलिंग को स्पष्ट करने के मामले में "वास्तविक सोर्स" की कमी थी। एमी अवार्ड विजेता पूर्व वेदरकास्टर मुख्य मौसम विज्ञानी और जो क्लाइमेट मैटर्स के निदेशक भी हैं, जिसे 2010 में मैबैक और नेशनल साइंस फाउंडेशन के शोधकर्ताओं ने शुरू किया था, एक ऐसा कार्यक्रम है, जो टीवी मौसम विज्ञानियों को स्थानीय जलवायु जानकारी प्रदान करता है।
क्लाइमेट मैटर्स जैसे शैक्षिक कार्यक्रमों ने तब से बिल क्लिंटन की इच्छा को पूरा करने में मदद की, जिसने वेदरकास्टर्स को जलवायु परिवर्तन की जानकारी का अगुआ बना दिया था।
मैबैक ने कहा कि, "उनमें से लगभग 95 प्रतिशत अब मानव-जनित जलवायु परिवर्तन की वास्तविकताओं को स्वीकार करते हैं, और उनमें से लगभग आधे लोग अपने समुदाय में इस मुद्दे पर रिपोर्ट कर रहे हैं।" तो तब से अब तक क्या बदला है?
जलवायु सूचना के टीवी मौसम विज्ञानी को रहनुमा बनाना
जलवायु संशयवादी और साजिश रचने वाले, हाल ही में राष्ट्रीय मौसम ब्यूरो पर हमला कर रहे हैं जो टीवी मौसम विज्ञानियों को उनकी जानकारी देता है। फिर भी जलवायु विज्ञान पर भारी आम सहमति तेजी से मौसम की खबरों को आगे बढ़ा रही है।
वुड्स प्लाकी का कहना है कि जबकि जलवायु परिवर्तन से इनकार करने वाले अल्पसंख्यक रिपोर्टरों के पास "बहुत ज़ोरदार" और "बाहरी" आवाज़ है, 90 प्रतिशत लोग इस बारे में अधिक जानने के लिए आतुर हैं कि बदलते मौसम का उन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
जलवायु-संचालित चरम मौसम की स्थानीय रिपोर्टों के संपर्क में आने वाले दर्शकों में जलवायु आपातकाल और इसके प्रभावों को समझने की अधिक इच्छा होती है, 2020 के एक अध्ययन में यह बात कही गई है और इस अध्ययन के सह-लेखक मैबैक और वुड्स प्लाकी हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि प्रसिद्ध टीवी मौसम विज्ञानी, जो मौसम और वैश्विक तापमान के बीच संबंधों की रिपोर्ट करते हैं, "जलवायु परिवर्तन की स्वीकृति, चिंता और जुड़ाव" को बढ़ाते हैं। वुड्स प्लाकी ने कहा कि, इसके अलावा, वे स्थानीय मौसम के अनुभवों को जलवायु से जोड़ने की "बहुत गहरी गूंज" को दर्शाते हैं।
मौसम विज्ञानी ने कहा कि, "जब आप अपनी खिड़की से बाहर देखते हैं और कनाडा से जंगल की आग के धुएं को सूंघते हैं, तो यह दुनिया भर में किसी और को जंगल की आग का अनुभव करने की कहानी सुनने से बहुत अलग है।"
उन्होंने कहा कि, यह टीवी मौसम विज्ञानियों पर निर्भर करता है जो खुद अक्सर स्थानीय समुदाय से भी होते हैं और इस लिंक को बनाने के "कुशल संचारक" होते हैं, ।
जलवायु तथ्य बनाम गलत सूचना
फ्लोरिडा टीवी मौसम विज्ञानी जेफ बेरार्डेली ने 2021 में पश्चिमी अमेरिका में गंभीर सूखे के बारे में कहा था कि "हमने इसे इससे बदतर होते कभी नहीं देखा था।" उन्होंने इसे "मानव-जनित जलवायु परिवर्तन" से जुड़ी कम वर्षा को दोषी ठहराया और निष्कर्ष निकाला "यह एक जलवायु आपातकाल है।"
इस बीच, हाल ही में, फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसांटिस ने राज्य में जलवायु परिवर्तन और तूफान के बीच किसी भी संबंध को खारिज कर दिया था, जिसे उन्होंने "मौसम का राजनीतिकरण" कहा था।
और जलवायु संकट से इनकार करने वाले मीडिया टीवी मौसम विज्ञानियों के उत्पीड़न पर रिपोर्ट करना जारी रखे हुए हैं, जिसमें जर्मनी और यूके शामिल हैं, जहां गुड मॉर्निंग ब्रिटेन के वेदरकास्टर, लॉरा टोबिन पर "मौसम के बारे में झूठा प्रचार" फैलाने का आरोप लगाया गया है।
लेकिन वे उत्पीड़न के बावजूद मौसम को जलवायु परिवर्तन से जोड़ना जारी रखे हुए हैं।
मैबैक ने कहा कि, "जलवायु संबंधी गलत सूचनाओं से लड़ना एक चुनौती बनी हुई है," यह समझाते हुए कि क्लाइमेट मैटर्स ने हाल ही में संसाधनों में से एक "ब्रॉडकास्ट मौसम विज्ञानियों के लिए क्लाइमेट मिथ डिबंकिंग हैंडबुक" तैयार की है।
उक्त हैंडबुक में कहा गया है कि, "प्रभावशीलता में सुधार करने के लिए, गलत सूचनाओं और गलत धारणाओं को दूर करने के लिए नकारात्मक, टकराव वाले अभ्यास के बजाय एक सकारात्मक, शैक्षिक अवसर के रूप में संपर्क किया जाना चाहिए।"
मक़सद दर्शकों को अलग-थलग करना या राजनीतिक पक्ष चुनना नहीं है, बल्कि केवल संदेश देना है।
जैसा कि लौरा टोबिन ने कनाडा के जंगल की आग और दूर के शहरों और समुदायों में वायु गुणवत्ता पर उनके गंभीर प्रभाव पर अपनी हालिया रिपोर्ट के अंत में कहा: "जलवायु परिवर्तन यहाँ है और अभी जारी है।"
संपादन: तमसीन वॉकर
साभार: डीडब्लू
इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें।
Climate Crisis: Reporting on Weather Extremes
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