पुलिस आज भी उतनी ही सांप्रदायिक है जितनी 1987 में थी: क़ुर्बान अली
1987 में मेरठ के मलियाना में 70 से ज़्यादा लोगों की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने 39 लोगों को बरी कर दिया हैI 36 साल बाद भी मलियाना के पीड़ितों को न्याय क्यों नहीं मिला है? 1987 में मेरठ जो सांप्रदायिक माहौल बना फिर मलियाना और Hashimpura में मुसलमानों की हत्याएँ हुईं, इस पूरे प्रकरण को वरिष्ठ पत्रकार क़ुर्बान अली ने कवर कियाI न्यूज़क्लिक के साथ एक ख़ास मुलाकात में क़ुर्बान अली ने इस हिंसा के कारणों पर चर्चा कीI साथ ही उन्होंने इस पर भी बात की कि पुलिस द्वारा किए अपराधों में न्याय मिल पाना कितना मुश्किल हैI
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