महाराष्ट्र : भूस्खलन वाली जगह पर खोज अभियान फिर शुरू; 119 ग्रामीण अब भी लापता

मुंबई: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में तलाश एवं बचाव अभियान शुक्रवार सुबह एक बार फिर शुरू कर दिया गया। एक दिन पहले यहां भारी भूस्खलन के कारण कई घर मलबे में दब गए थे, जिससे अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन बुधवार रात 11 बजे के आसपास मुंबई से करीब 80 किलोमीटर दूर तटीय जिले की खालापुर तहसील में पहाड़ी ढलान पर स्थित एक आदिवासी गांव में हुआ। इस गांव के कुल 228 निवासियों में से करीब 16 के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 93 के बारे में पता लगाया जा चुका है। वहीं, 119 ग्रामीण अब भी लापता हैं।
VIDEO | Rescue operation by NDRF teams underway in the landslide-hit Khalapur area of Raigad district. pic.twitter.com/vOLMn0Ulbs
— Press Trust of India (@PTI_News) July 21, 2023
अधिकारी के मुताबिक, लापता लोगों में ज्यादातर वे लोग शामिल हैं, जो किसी शादी समारोह में शामिल होने या धान रोपाई के काम से बाहर गए थे।
अधिकारियों के अनुसार, भूस्खलन के कारण गांव के लगभग 50 घरों में से 17 तबाह हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने रायगढ़ पुलिस और प्रशासन की टीम के साथ दूसरे दिन भी बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘एनडीआरएफ की कम से कम चार टीमों ने शुक्रवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। ठाणे आपदा मोचन बल (टीडीआरएफ), स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और रायगढ़ पुलिस की टीम भी बचाव कार्य में जुटी हुई है।’’
महाराष्ट्र: रायगढ़ में भूस्खलन प्रभावित इलाके में तलाशी अभियान जारी है। pic.twitter.com/AZZ8ZoOH6O
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2023
रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घरगे के मुताबिक, तलाशी अभियान सुबह छह बजकर 30 मिनट पर शुरू हुआ।
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने तलाशी अभियान में कर्मियों की सहायता के लिए खोजी कुत्तों के एक दस्ते को भी शामिल किया है।’’
बचाव और खोज टीमों ने बृहस्पतिवार को 16 शव बरामद कर लिए और 21 लोगों को बचा लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मृतकों में एक से चार साल की उम्र के चार बच्चे और 70 साल का एक बुजुर्ग शामिल है। सात लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।’’
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण खोज एवं बचाव अभियान में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दुर्गम इलाका होने के कारण क्षेत्र में भारी उपकरणों को ले जाना आसान नहीं है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘पहाड़ की चोटी पर भारी बारिश, कोहरा और तेज हवा के कारण भी खोज एवं बचाव कार्यों में परेशानी हो रही है।’’
उन्होंने बताया कि गांव तक पक्की सड़क नहीं होने से मिट्टी खोदने वाली मशीनों को यहां तक ले जाना आसान नहीं है, इसीलिए श्रमिकों के मध्यम से ही खुदाई का काम किया जा रहा है।
खराब मौसम के कारण बृहस्पतिवार को एनडीआरएफ को घटनास्थल पर खोज एवं बचाव कार्य रोकना पड़ा था।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
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