वाम दलों ने ‘अग्निपथ’ योजना को निरस्त करने की मांग की

नयी दिल्ली: देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को सेना में भर्ती की अपनी नयी ‘अग्निपथ’ योजना को निरस्त करना चाहिए, क्योंकि इससे भारत के राष्ट्रीय हितों का नुकसान होने वाला है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘माकपा पोलित ब्यूरो ‘अग्निपथ’ योजना को सिरे से खारिज करता है। यह योजना भारत के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाली है। पेशेवर सशस्त्र बल को ‘चार साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती करके’ तैयार नहीं किया जा सकता।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘इससे हमारे सशस्त्र बलों की गुणवत्ता और कुशलता के साथ समझौता होगा।’’
माकपा महासचिव ने कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद विनय विश्वम ने भी इस योजना का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की।
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह भारतीय सेना में अनुबंध की व्यवस्था लागू करना है, कम वेतन देकर युवाओं का शोषण करना है तथा यह आरएसएस के लिए पिछले दरवाजे से प्रवेश का तरीका है। यह हमारे बेरोजगार नौजवानों के साथ विश्वासघात है। सेना की भर्ती भाजपा की रसोई का कोई पकवान नहीं है।’’
विश्वम ने कहा कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
भाकपा महासचिव डी राजा ने आरोप लगाया कि यह नयी योजना युवाओं के भविष्य को खतरे में डालने वाली है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। हमारे युवा उचित, सुरक्षित नौकरी के हकदार हैं।’’
उल्लेखनीय है कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी।
योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।
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