गुजरात के भरूच के अस्पताल में अग्निकांड की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित

गुजरात सरकार ने भरूच के एक अस्पताल में पिछले सप्ताह हुई आग की घटना की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक आयोग का गठन किया है।
अस्पताल में आग लगने से कोविड-19 के 16 मरीजों समेत 18 लोगों की मौत हो गयी थी।
भरूच में पटेल वेलफेयर हॉस्पिटल में एक मई को आग लगने से दो प्रशिक्षु नर्सों की भी मौत हो गयी थी।
आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डी ए मेहता अग्निकांड के सभी पहलुओं की जांच करेंगे।
आपको बता दें इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने भरूच के अस्पताल में हुई आग लगने की घटना के संबंध में सरकारी अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराए जाने के अनुरोध वाली याचिका पर चार मई मंगलवार को राज्य सरकार से जवाब तलब किया था ।
याचिका में दावा किया गया है कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व के आदेशों का अनुपालन भी नहीं किया गया।
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति भार्गव करिया की खंडपीठ ने राज्य सरकार और विभिन्न नगर निगमों को नोटिस जारी कर उनसे 11 मई तक जवाब देने को कहा।
गुजरात में कोविड-19 महामारी के हालात को लेकर दायर जनहित याचिका पर जारी सुनवाई के दौरान यह मामला सामने आया जिसका अदालत ने स्वत: संज्ञान लिया।
याचिका में दावा किया गया कि एक मई को भरूच के जिस अस्पताल में आग लगी, उसके पास शहर के अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं था। यह एक बहुत ही गंभीर मामला है ,इसको देखते हुए अब इसके न्यायिक जाँच का निर्णय लिया गया है।
क्या था पूरा मामला ?
गुजरात के भरूच में एक अस्पताल में एक मई शुक्रवार देर रात आग लगने से कोरोना वायरस के कम से कम 18 लोगो की मौत हो गई।
हादसे की दिल दहला देने वाली तस्वीरों में कुछ मरीजों के शव तक स्ट्रेचरों और बेड पर झुलसते हुए नजर आए।
एक अधिकारी ने बताया था कि चार मंजिला वेलफेयर अस्पताल में देर रात एक बजे हुए इस हादसे के वक्त करीब 50 अन्य मरीज भी थे जिन्हें स्थानीय लोगों एवं दमकल कर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाला।
पुलिस के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को कहा था, “सुबह साढ़े छह बजे की सूचना के मुताबिक, हादसे में मृतक संख्या 18 है। आग लगने के तुरंत बाद, हमें 12 मरीजों के मौत की पुष्टि की गई थी।”
भरूच के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेंद्र सिंह चुड़ासमा ने बताया कि कोविड-19 वार्ड में 12 मरीजों की मौत आग और उससे निकले धुएं की वजह से हुई।
यह स्पष्ट नहीं हुआ था कि शेष छह मरीजों की मौत भी अस्पताल के भीतर ही हुई या उनकी मौत दूसरे अस्पतालों में ले जाने के दौरान हुई।
कोविड-19 के इलाज के लिए निर्धारित यह अस्पताल राजधानी अहमदाबाद से करीब 190 किलोमीटर दूर भरूच-जंबूसार राजमार्ग पर स्थित है और इसका संचालन एक न्यास करता है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा था , ‘‘आग इतनी भीषण थी कि आईसीयू वार्ड जलकर खाक हो गया। वेंटिलेटर और दवाएं रखने के लिए फ्रिज के साथ ही बिस्तरों सहित अंदर रखे सभी उपकरण पूरी तरह जल गए।’’
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )
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