कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए उपकरण की मांग को लेकर घाना और नाइजीरिया में हेल्थकेयर पेशेवरों की हड़ताल

घाना और नाइजीरिया सहित अफ्रीकी देशों में कोरोनोवायरस के खिलाफ काम करने को लेकर उपकरणों में हो रही कमी के चलते हेल्थकेयर पेशेवर बेहद खफा हैं। उच्च स्तर के अधिकारियों द्वारा उनकी सुरक्षा और आजीविका में लापरवाही को लेकर शिकायत की जा रही है।
घाना में जहां 15 मार्च तक COVID-19 संक्रमण के छह मामलों की पुष्टि हुई थी वहीं मोर्चरी के कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार इस तरह के महामारी के समय में उनके काम को पूरा करने में आवश्यक सुरक्षा उपाय और प्रशिक्षण नहीं देती है तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे।
मोर्चरी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष एडमंड मेंसा ने कहा, "अगर कोरोनायरस पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है तो इसके विधि को पूरा करने के लिए हमारे प्रबंधन ने हमें प्रशिक्षण में शामिल नहीं किया है और न ही [हमें] उपकरण प्रदान किया है। किसी ने भी हमें शामिल नहीं किया है। हमें नजरअंदाज कर दिया गया है।"
यूनियन ने सरकार को आवश्यक उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अगले सप्ताह तक का समय दिया है नहीं तो काम रोक दिया जाएगा।
नाइजीरिया में जब COVID-19 के तीसरे मामले की पुष्टि हुई थी तो एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एआरडी) के अबुजा सिटी खंड के नेतृत्व में डॉक्टरों ने 17 मार्च को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया। इन डॉक्टरों के वेतन का पूर्ण भुगतान किए हुए दो महीने से अधिक का समय हो गया है।
कोरोना वायरस की महामारी के समय हड़ताल से बचने के लिए डॉक्टरों ने पिछले 14 दिनों की हड़ताल के अल्टीमेटम की समयसीमा समाप्त होने के बाद सरकार से अपनी शिकायतों को दूर करने के लिए आठ दिन तक की समय सीमा बढ़ा दी थी।
हालांकि चूकि सरकार बढ़ाई गई समय सीमा 13 मार्च को समाप्त हो जाने के बाद उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रही तो एआरडी के सदस्यों ने हड़ताल पर जाने के लिए ये कठिन फैसला लेने से पहले विचार-विमर्श किया।
हालांकि दोनों पश्चिमी अफ्रीकी देशों में अपेक्षाकृत बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था है लेकिन सरकारों ने अक्सर पैसे और पर्याप्त डॉक्टरों की कमी का हवाला दिया है जो बड़े पैमाने पर महामारी की चपेट में आने को उन्हें असुरक्षित बनाता है। अब तक इन दोनों देशों में COVID-19 संक्रमण के ज्ञात मामलों की संख्या सीमित है। घाना में ऐसे 6 मामले सामने आए हैं जबकि नाइजीरिया में अब तक केवल 2 ज्ञात मामले की ही पुष्टि हुई है।
साभार : पीपल्स डिस्पैच
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