Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

बिहार नगर निकाय चुनावः मेयर-डिप्टी मेयर और सभापति-उपसभापति का चुनाव अब मतदाता करेंगे

इस बदलाव को लेकर नगरपालिका एक्ट में संशोधन का अध्यादेश राजभवन से विधि विभाग को भेज दिया गया है। पहले इनका चुनाव वार्ड पार्षदों के द्वारा किया जाता था।
Bihar Municipal Elections
'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

बिहार में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर बदलाव होने जा रहा है। इस बदलाव को लेकर नगरपालिका एक्ट में संशोधन का अध्यादेश राजभवन से विधि विभाग को भेज दिया गया है। मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव अब सीधे तौर पर मतदाता करेंगे। पहले इनका चुनाव वार्ड पार्षदों के द्वारा किया जाता था।

ज्ञात हो कि बिहार में 18 नगर निगम थे लेकिन पिछले सप्ताह सहरसा नगर परिषद को नगर निगम बना दिया गया था जिसके बाद राज्य में इसकी संख्या 19 हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सप्ताह कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सहरसा नगर परिषद को नगर निगम बनाए जाने की जानकारी दी थी।

ज्ञात हो कि अध्यादेश के संशोधन राज्य भर के 262 नगर निकायों पर भी लागू होंगे। इन निकायों के सभापति और उपसभापति का चुनाव भी सीधे मतदाता करेंगे। अब इस अध्यादेश से यह साफ हो गया है कि इस वर्ष अप्रैल से होने वाले नगर निगमों के चुनाव में मेयर और डिप्टी मेयर के भाग्य का फैसला अब जनता करेगी।

ध्यान रहे कि अध्यादेश के संशोधन में नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 23 व 25 में संशोधन किया गया है। दोनों ही धाराएं मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में बदलाव और दोनों ही के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से संबंधित हैं। नए नियम के तहत जब वार्ड पार्षद मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं करेंगे, ऐसे में वार्ड पार्षदों की क्षमता के एक तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं ला सकेंगे।

राजभवन काे संशोधन अध्यादेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त हाे जाने के कारण जारी करना पड़ा। ज्ञात हो कि विधानमंडल का शीतकालीन सत्र समाप्त हाेने के कारण सरकार काे एक्ट संशोधन में दिक्कत आ रही थी जिसके चलते राजभवन के अध्यादेश का संवैधानिक विकल्प चुना गया।

बिहार में शहरी आबादी करीब 15 प्रतिशत से अधिक है जो कि राष्ट्रीय औसत करीब 32 प्रतिशत से कम है। नेशनल कमीशन ऑन पॉपुलेशन का अनुमान है कि अगले 15 वर्षों में यानी 2036 तक 38.6 फीसदी भारतीय शहरी इलाकों में रहेंगे यानी तब 60 करोड़ लोगों का बसेरा शहरों में होगा। संयुक्त राष्ट्र ने भी कहा है कि 2018 से 2050 के बीच भारत में शहरी आबादी 46.1 करोड़ से बढ़कर 87.7 करोड़ यानी दोगुनी हो जाएगी।

राज्यपाल के अध्यादेश के बाद विधि विभाग की कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, पूर्णिया, दरभंगा, बेतिया, बेगूसराय, छपरा, कटिहार, बिहारशरीफ, मोतिहारी, सासाराम, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मधुबनी, आरा, सहरसा नगर निगमों में प्रत्यक्ष रूप से मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव होगा।

उधर राज्य के 263 नगर निकायों में भी सभापति तथा उपसभापति अर्थात चेयरमैन व वाइस चेयरमैन का भी चुनाव होगा।

धारा 23 (1)में पहले प्रावधान था कि पार्षद अपनी पहली बैठक में बहुमत से मेयर व डिप्टी मेयर को चुनेंगे लेकिन अब संशोधन के बाद 23 (1) के तहत संबंधित नगर पालिका क्षेत्र के मतदाता प्रत्यक्ष रूप से मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव कर सकेंगे। जबकि, धारा 24 के तहत उन्हें पद और गोपनीयता की पूर्ण शपथ दिलाई जाएगी।

धारा (25) के तहत मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ एक तिहाई पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के लाने का प्रावधान था। अब संशोधन के बाद धारा (25) मेयर और डिप्टी मेयर को अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा नहीं हटाया जा सकेगा। इनके त्यागपत्र देने, मृत्यु होने अथवा किसी आपराधिक मामले में 6 माह तक फरार रहने की स्थिति में ही इन पदों से हटाया जा सकेगा।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest