एजेपी ने मणिपुर की बीरेन सिंह सरकार को बर्खास्त करने की मांग की

गुवाहाटी : जातीय हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना का वीडियो सामने आने के बाद असम जातीय परिषद (एजेपी) ने शुक्रवार को मणिपुर की एन. बीरेन सिंह सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।
असम में विपक्षी दल ने इस घटना और राज्य में जारी अशांति के लिए मणिपुर सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
चार मई का एक वीडियो बुधवार को सामने आया, जिसमें मणिपुर में कुछ लोगों ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया। मुख्य आरोपी को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना की देशभर में व्यापक निंदा हुई है।
एजेपी अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने कहा, ‘‘घटना से पता चलता है कि राज्य में पूर्ण अराजकता है और तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। खुफिया विफलता, अधिकारियों की मिलीभगत और राज्य और केंद्र सरकारों की निष्क्रियता न केवल मणिपुर के लोगों के लिए बल्कि देश के सभी नागरिकों के लिए दर्दनाक है।’’
गोगोई ने कहा, ‘‘हम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के वास्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मणिपुर सरकार को उचित निर्देश जारी करने का आग्रह करते हैं।’’
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं।
राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
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