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ताज विवांता में दो सफाई कर्मचारियों की मौत, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा राज्य को कार्यवाही करनी होगी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मैनुअल स्कैवेंजिंग को गैरकानूनी घोषित किये जाने के बावजूद , इसे अब तक कराया जा रहा है I
vejanta

दिल्ली के खान मार्किट स्थित ताज विवानता होटल में दो मैन्युअल सफाई कर्मचारियों की मौत से काम करने की जगहों पर कर्मचारियों के ख़राब हालातों की सच्चाई  फिर से सामने आयी है I 5 कर्मचारियों के साथ मरने वाला व्यक्ति भी होटल के नाले को साफ़ करने लिए उसमें उतरा और बेहश हो गया I

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 308(गैरइरादतन हत्या करने की कोशिश जिसमें ज्यादाता से ज़्यादा 7 साल की सज़ा और जुर्माना होता है) के तहत होटल साफ़ करने के लिए ज़िम्मेदार संस्था Eco pollutech के खिलाफ मामला दर्ज़ किया है I इसके साथ ही FIR में IPC की धारा 304 (यानी बिना क़त्ल किये गैरइरादतन हत्या, इसमें ज़्यादा से ज़्यादा 10 साल की सज़ा और जुर्माना हो सकता है ) को भी जोड़ा गया है I

इंडियन एक्सप्रेस के हिसाब से पिछले 7 सालों में विभिन्न शहरों में 31 मैन्युअल स्कैवेंजरों की मैंनहोल साफ करते समय मौतें हुई हैं I लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि इन मामलों में किसी को भी दोषी नहीं ठहराया गया और हर मामले में प्रशासन मामलों में एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे I दिलचस्प बात ये है कि Prohibition of Employment as Manual Scavengers and their Rehabilitation Act 2013 के अंतर्गत  नालों और सेप्टिक टैंकों में बिना उपकरणों के जाना गैरकानूनी है I

अपने निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि सुरक्षा उपकरणों के बिना मैन्युअल स्कैवेंजेरों का प्रवेश गैरकानूनी है I निर्णय में कहा गया “नालों में मौतें- आपातकाल स्थितियों में भी बिना सुरक्षा उपकरणों के प्रवेश को अपराध माना जाना चाहिए I 1993 से जितने भी लोग नालों की सफाई करते हुए मरे हैं उनके परिवार को ढूंढ़कर हर एक को 10 लाख रुपये मुआवज़ा दिया जाना चाहिए I”

दिल्ली सफाई कर्मचारी कमीशन के पूर्व अध्यक्ष हरनाम सिंह ने कहा ये मौतें होना और इन मामलों में किसी को सज़ा न होना कमज़ोर कानूनों की वजह से है I इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा “अब जब ज़िम्मेदार लोगों को आप कड़ी सज़ा नहीं देंगे तो निजी कंपनियां , ठेकेदार और सरकारी अधिकारी क्यों रुकेंगे ?”

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए सफाई कर्मचारी आन्दोलन के बेजवाडा विल्सन ने कहा कि इन मौतों के लिए दिल्ली सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए I विल्सन ने कहा “हमने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल को वसंत कुंज में हुए हादसे के बाद चिट्ठी लिखी थी कि सभी मुख्य संस्थाओं के साथ इस मुद्दे पर एक मीटिंग होनी चाहिए जिससे आगे के कदम उठाने के लिए आगाह किया जाए I पर अब तक इस तरह की मीटिंग नहीं बुलाई गयी है I”

मुआवज़े के बारे में बात करते हुए विल्सन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद नालों में मरने वाले कर्मचारियों में से 80 % को कोई मुआवज़ा नहीं मिला है I

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