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ग्राउंड रिपोर्ट : मानव-जानवर विवाद के ख़िलाफ़ दिल्ली पहुंचे केरल के किसान

ऑल इंडिया किसान सभा के नेतृत्व में केरल से दिल्ली के जंतर मंतर पर आए किसानों ने मानव-जानवर विवाद पर अंकुश लगाने की मांग करते हुए सरकार की नीतियों का विरोध किया।
ग्राउंड रिपोर्ट : मानव-जानवर विवाद के ख़िलाफ़ दिल्ली पहुंचे केरल के किसान

26 जुलाई को ऑल इंडिया किसान सभा के नेतृत्व में केरल से दिल्ली के जंतर मंतर पर आए किसानों ने मानव-जानवर विवाद पर अंकुश लगाने की मांग करते हुए सरकार की नीतियों का विरोध किया।

किसानों ने बताया है कि 2022 में 66 किसानों की जंगली जानवरों से हमलों में मौत हुई है और पिछले 10 सालों में क़रीब 1000 किसान इन हमलों में जान गंवा चुके हैं।

क्या हैं किसानों की मांगें?

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा(एआईकेएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धावले ने कहा, "किसानों की 4 मांगें हैं। 

पहली: किसानों ने लिए 4 क़ानूनों में संशोधन होने चाहिए- वाइल्डलाइफ़ प्रोटेक्शन एक्ट 1972, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट, शेड्यूल्ड ट्राइब्स एक्ट और इंडियन फॉरेस्ट एक्ट। 

दूसरी : जंगली जानवरों को गांवों में घुसने से रोकने के लिए कंटीली तारों या कंक्रीट की दीवारों का निर्माण होना चाहिए।

तीसरी : कमर्शियल फॉरेस्टेशन को ख़त्म कर, नैचुरल फॉरेस्टेशन को बढ़ावा देना चाहिए।

चौथी : जिन किसानों की जान गई है उनके परिवार को दिया जाने वाला मुआवज़ा 5 लाख से बढ़ा कर 50 लाख किया जाए और जो घायल हुए हैं उन्हें 10 लाख मुआवज़ा दिया जाए।"

धावले ने बताया कि उन्होंने आज केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को ज्ञापन सौंपा है और यादव ने उन्हें इन मांगों पर जल्द कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।

धावले ने कहा कि जंगली जानवरों के इस प्रकोप की लड़ाई सिर्फ़ केरल की नहीं बल्कि पूरे देश की है।

न्यूज़क्लिक केरल से आईं एआईकेएस की महिला सदस्य चिनम्मा सासी से बात की। उन्होंने बताया, "केरल से हम लोग वन्यजीवी द्वारा किसानों पर हो रहे हमलों के ख़िलाफ़ दिल्ली आए हैं और हम तब तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक सरकार हमारी मांगों को मान नहीं लेती है।"

हिमाचल प्रदेश से आए सेब किसान सोहन सिंह ठाकुर ने भी बंदरों के प्रकोप की कहानी बताई। उन्होंने कहा, "हिमाचल प्रदेश में 2008-09 में किसानों ने बंदरों के प्रकोप से परेशान होकर प्रदर्शन किया था, उसकी जीत ऐसे हुई थी थी बंदरों की वैज्ञानिक किलिंग की अनुमति मिली थी। मगर उसके बाद सरकार ने बस आश्वासन दिये लेकिन उस पर कोई कदम नहीं उठाया। हम आज केरल के किसानों के इस प्रदर्शन को पूरा समर्थन दे रहे हैं।"

आगे की रणनीति क्या?

किसानों के एकजुट संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने 31 जुलाई किसानों की लंबित मांगों पर दोबारा आंदोलन करने का ऐलान किया है।

एआईकेएस के जाइंट सेक्रेटरी विजू कृष्णन ने कहा, "एसकेएम के आह्वान पर हम 31 जुलाई से प्रदर्शन करेंगे जिसमें एमएसपी, स्वामीनाथन आयोग की बातों को लागू करने के साथ-साथ केरल के किसानों द्वारा उठाई गई मांगों पर भी आंदोलन किया जाएगा।"

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