फ़िल्मकार,कार्टूनिस्ट,लेखक केपी ससी का असामयिक निधन

फिल्मकार,कार्टूनिस्ट,लेखक एवं संस्कृतिकर्मी केपी ससी का 64 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने त्रिशूर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। ससी ने पिछले चार दशकों में देश भर में लोगों के संघर्षों को उजागर करने के लिए अपनी कला का इस्तेमाल किया। भारतीय जन नाट्य संघ(इप्टा) की राष्ट्रीय समिति ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
केपी ससी बंगलौर में रह रहे थे लेकिन पूरे भारत में जन आंदोलनों में सक्रिय थे। इप्टा की ओर से जारी बयान के अनुसार 64 वर्ष की आयु में उनका असमय जाना जन सांस्कृतिक आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति है। इप्टा प्लेटिनम जुबली समारोह, पटना में 2018 में उनकी फिल्मों और कार्टून्स की यादें आज भी इप्टा के सदस्यों के जेहन में हैं। प्लेटिनम जुबली समारोह में कंधमाल हिंसा पर उनकी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई गई थी। लघु फिल्मों से हमने सांस्कृतिक प्रतिरोध के नए स्वरूप का साक्षात्कार किया था।
केपी ससी डॉक्यूमेंट्री निर्माण के लिए देश विदेश में लोकप्रिय थें। उनका कार्य सामाजिक और जनपक्षीय मुद्दों के निमित रहा। "रिजिस्टिंग कोस्टल इनवेशन", "अमेरिका अमेरिकी", "लिविंग इन फियर", "डेवलपमेंट एट गन प्वाइंट" और "फेब्रिकेटेड" उनकी बहुचर्चित डॉक्यूमेंट्री हैं।
इप्टा ने कहा है कि वे हमारे बीच नहीं रहें लेकिन आम जन के लिए उनकी रचनात्मकता अमर रहेंगी। इप्टा परिवार उनकी रचनात्मकता को सलाम करते हुए परिवार और दोस्तों के दुःख में शामिल है।
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