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ऐतिहासिक: प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया को मिली पहली महिला अध्यक्ष

स्वतंत्र पत्रकार संगीता बरुआ ने अध्यक्ष पद के चुनाव में शानदार जीत दर्ज की। इसी के साथ उनकी पूरे प्रगतिशील पैनल ने इस चुनाव में जीत हासिल की।
Sangeeta Barooah
प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया की पहली महिला अध्यक्ष संगीता बरुआ

दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने नया इतिहास रचा है। अपनी स्थापना के 68 साल बाद उसे पहली महिला अध्यक्ष मिली है। स्वतंत्र पत्रकार संगीता बरुआ ने अध्यक्ष पद के चुनाव में शानदार जीत दर्ज की। इसी के साथ उनके पूरे प्रगतिशील पैनल ने इस चुनाव में जीत दर्ज की। 

उपाध्यक्ष पद पर जतिन गांधी, महासचिव पद पर अफज़ल इमाम चुने गए। जबकि संयुक्त सचिव पद पर पी आर सुनील और कोषाध्यक्ष पद पर अदिति राजपूत पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके थे। इसके अलावा 16 सदस्यीय प्रबंधन समिति पर भी इसी पैनल ने जीत दर्ज की। 

यह चुनाव कई दृष्टि से महत्वपूर्ण था। आपको मालूम ही है कि पिछले कुछ सालों में ख़ासकर मोदी शासनकाल में  पत्रकारों में एक दक्षिणपंथी खेमा बड़ी तेज़ी से उभरा है। यह खेमा लगातार सरकार के लिए बैटिंग करते हुए लाभ उठा रहा है। इसलिए इन सालों में मीडिया को लेकर गोदी मीडिया जैसी शब्दावली प्रचलित हुई है। यानी आम लोगों के बीच भी एक पत्रकार वह हैं जो सरकार परस्त गोदी मीडिया है और दूसरे जनपक्षधर पत्रकार हैं। संगीता बरुआ और उनकी पूरी टीम इसी दूसरे वर्ग यानी प्रगतिशील जनपक्षधर पत्रकारों की श्रेणी से आती है। गोदी मीडिया से जुड़े पत्रकार कई सालों से प्रेस क्लब पर भी कब्ज़े की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें आज तक सफलता नहीं मिली। इस दक्षिणपंथी खेमे को आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर भी इस चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। और इस तरह संगीता बरुआ की टीम के मुकाबले चुनाव का नतीजा 21–0 रहा। 

पहली बार महिला अध्यक्ष मिलने के अलावा इन चुनाव में यह भी ख़ास रहा कि ज़्यादातर पदों पर स्वतंत्र पत्रकार जीते हैं। यानी चैनल और अख़बारों में नौकरी बजा रहे पत्रकारों की बजाय स्वतंत्र रूप से लेखन और पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों को ही प्रेस क्लब ने अपने लिए चुना है। 

संगीता बरुआ पिशारोती भी एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। वह इससे पहले द वायर में नेशनल अफेयर्स एडिटर थीं। वह पीसीआई के 2024 के चुनाव में उपाध्यक्ष चुनी गई थीं। उनके अलावा महासचिव अफज़ल इमाम भी अख़बारों की अपनी नौकरी को अलविदा कहकर स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता कर रहे हैं। अन्य पदों पर भी स्वतंत्र पत्रकार जीते हैं या वह जो वैकल्पिक जनवादी मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए काम कर रहे हैं। 

प्रेस क्लब ने भी चुनाव के बाद अपनी प्रेस रिलीज में पूरे चुनाव का ब्योरा दिया। 

प्रेस क्लब के लिए मतदान शनिवार 13 दिसंबर को और मतगणना रविवार 14 दिसंबर को हुई। चुनाव के नतीजों की घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त एमएमसी शर्मा और उनकी टीम ने रविवार शाम को प्रेस क्लब के लॉन में की। बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद थे।

अध्यक्ष पद के लिए संगीता बरुआ पिशारोटी को 1,019 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी अतुल मिश्रा को 129 और अरुण शर्मा को 89 वोट मिले।

महासचिव पद के लिए अफज़ल इमाम को 948 वोट मिले और उन्होंने ज्ञान प्रकाश को हराया, जिन्हें 290 वोट मिले।

उपाध्यक्ष पद पर जतिन गांधी चुने गए। उन्हें 1,029 वोट मिले और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 900 से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया।

अदिति राजपूत (कोषाध्यक्ष) और पीआर सुनील (संयुक्त सचिव) निर्विरोध चुने गए।

16 सदस्यीय प्रबंधन समिति के लिए भी चुनाव हुए, जिनमें नीरज कुमार सबसे ज्यादा वोट लेकर पहले स्थान पर रहे। उनके बाद कई अन्य उम्मीदवार चुने गए।

नतीजों के बाद संगीता बरुआ पिशारोटी ने कहा कि यह जीत प्रेस क्लब के सदस्यों के भरोसे को दिखाती है और उनकी टीम स्वतंत्र, निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के मूल्यों के लिए काम करती रहेगी।

निवर्तमान अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी ने सदस्यों का धन्यवाद किया और कहा कि नई टीम क्लब को और अधिक समावेशी और सक्रिय बनाएगी।

निवर्तमान महासचिव नीरज ठाकुर ने कहा कि प्रेस क्लब ऑफ इंडिया देश-विदेश के पत्रकारों के लिए हमेशा एक अहम संस्था रहा है। पहली महिला अध्यक्ष का चुना जाना समानता, विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों की दिशा में एक मजबूत संकेत है।

 

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