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इज्ज़त नगरी की असभ्य बेटियां

इज्ज़त नगरी की असभ्य बेटियां, “हॉनर किल्लिंग” और इसे बढ़ावा देने वाले खाप पंचायतो का विरोध करने वाली डाक्यूमेंट्री फिल्म है ।

अवधि:- ९०मिनट

अहलावत खाप के नेता जय सिंह अहलावत के शब्दों में, “ उनके संस्कृति को ख़राब करने वाला और कोई नहीं बल्कि पढ़े लिखे नौजवान, दलित अफसर हैं और उनकी ‘असभ्य’ बेटियां है जो बराबरी का अधिकार चाहते हैं और इससे हमारी वर्षो पुराणी परंपरा ख़राब हो रही है ।

जय सिंह जैसी अनेक आवाज़ पित्रसत्ता और जातिवादी समाज के उस खाप व्यवस्था को दर्शाती हैं जो युवाओं से प्यार करने और खुद की मर्ज़ी से शादी करने के अधिकार को अपने पैरो तले दबा  रहे हैं ।

इज्ज़त नगरी ऐसी पांच जाट लड़कियों की कहानी है जिन्होंने खाप के खिलाफ आवाज़ उठाई  और इसके बदले में उन्हें या तो मौत, दमन या सामजिक बहिस्कार झेलना पड़ा ।

इनमे से एक कहानी हरियाणा के सीमा की है, जिसके भाई मनोज ने अपनी ही गोत्र की बबली से शादी की और इसके लिए उन्हें मौत के घात उतार दिया गया । सीमा और उसकी माँ आज भी न्याय के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं वहीँ उन्हें खाप और स्थानीय राजनीतिक संस्थानों से कोई आस नहीं है । इसमें मुकेश की भी कहानी है जो खुद हॉनर किल्लिंग का शिकार होने से बची है । साथ ही इसमें गीतिका की भी कहानी है जो अब दिल्ली में हॉनर किल्लिंग पे नुक्कड़ नाटक और रंगमंच कर रही है । ऐसी ही अनेक घटनाओं के माध्यम से यह फिल्म इन दमनकारी परम्पराओं पर प्रकाश डालती है ।

यह फिल्म लोकतांत्रिक आधुनिक भारत के दोहरे चरित्र को दर्शाती है ।

फिल्म से जुड़े सदस्य

निर्देशक:- नकुल सिंह स्वाहने

कैमरा: देवल समन्ता

संगीत:  विनीत डी सूजा

एडिटर: नीतू सिंह

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