दिल्लीः रिहायशी सड़कों पर वाहन पार्क करने पर अब देना होगा चार्ज

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में पार्किंग नीति के अधिसूचना को मंज़ूरी दे दी। इसके तहत कमर्शियल तथा रिहायशी वाहनों से सार्वजनिक स्थलों पर पार्क करने पर चार्ज लिया जाएगा। ये प्रस्तावित नियम राजधानी के सभी पार्किंग स्थलों और सार्वजनिक स्थलों जैसे सिनेमा हॉल, अस्पताल, मॉल आदि जगहों पर लागू होंगे।
'दिल्ली मेंटिनेंस एंड मैनेजमेंट ऑफ पार्किंग रूल्स 2017' की अधिसूचना पर एक महीने जनता से सुझाव लिया जाएगा। इसके बाद दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग मसौदे में आवश्यकता के अनुसार ज़रूरी बदलाव करेगा और संभवतः मार्च तक ये नियम लागू हो जाएगा।
इस मसौदे को मोटर वाहन अधिनियम- 1988, दिल्ली नगर निगम अधिनियम-1957, दिल्ली मोटर वाहन नियम-1993 और सड़क नियमों के नियमन-1989 सहित विभिन्न क़ानूनी प्रावधानों के तहत तैयार किया गया। इसमें पार्किंग क्षेत्रों को छोड़कर अन्य स्थानों पर वाहन पार्क करने पर जुर्माने का प्रावधान है। इस मसौदे के तहत ग़ैर-क़ानूनी पार्किंग आपराधिक कृत्य होगा।
एक अधिकारी ने कहा कि नियम के अनुसार "अवैध रूप से पार्क किए गए सभी वाहनों को उठा लिया जाएगा और बड़ी संख्या में नए क़ानूनी पार्किंग को जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा।"
रिहायशी सड़कों और गलियों के लिए पार्किंग नीति
दिल्ली में सीमित पार्किंग की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए रिहायशी सड़कों पर पार्किंग की प्राथमिकता वहां के निवासियों और आगंतुकों को दी गई। इन सड़कों पर वे केवल रात के समय में ही वाहन पार्क कर सकते हैं जिसके शुल्क का निर्धारण स्थानीय निकाय करेंगे। हालांकि किसी भी एक परिवार को दो-तीन कार से ज़्यादा पार्क करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर इसकी संख्या निर्धारित सीमा से ज़्यादा हो जाती है तो नियम के अनुसार अधिक पार्किंग शुल्क लगाया जाएगा, रिहायशी सार्वजनिक सड़कों पर दिन के समय में पार्किंग करने पर शुल्क ज़्यादा लगेगा।
रिहायशी सड़कों पर पार्किंग की अनुमति के मानदंडों पर आख़िरी फ़ैसला स्थानीय निकायों पर निर्भर करेगा। इसके अलावा स्थानीय निकाय आस-पास के रिहायशी इलाक़ों के खुली जगहों के इस्तेमाल और शटल सेवाओं के इस्तेमाल पर विचार कर सकते हैं।
वाणिज्यिक सड़कें
अब तक एमसीडी द्वारा 980 सड़कों को वाणिज्यिक सड़कों के रूप में अधिसूचित किया गया था। नए मसौदे में इन सड़कों के लिए पार्किंग मानदंडों पर पुनर्विचार किया गया। मसौदे के अनुसार "ट्रैफिक पुलिस और अन्य विशेषज्ञों के एक पैनल की सिफारिश पर पर्याप्त सड़क की चौड़ाई जहां होगी वहां पार्किंग शुल्क के साथ निर्धारित सड़कों पर ऑन-स्ट्रीट पार्किंग की अनुमति दी जानी चाहिए।"
बहु-स्तरीय कार पार्किंग को बढ़ावा देते हुए ये नियम अल्पकालिक पार्किंग को प्रोत्साहित करता है। ऑफ-स्ट्रीट पार्किंग की तुलना में ऑन-स्ट्रीट पार्किंग के लिए लगाया जाने वाला शुल्क तीन गुना हो सकता है और वहीं 3 घंटे से ज़्यादा समय होने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
कमर्शियल परमिट वाले वाहनों के लिए पार्किंग स्थलों की स्थिति
दिल्ली में लगभग 1.5 लाख गुड्स वाहन, एक लाख ऑटो रिक्शा, 80,000 से ज़्यादा टैक्सियाँ, क़रीब एक लाख ई-रिक्शा और अन्य वाहनों समेत लगभग 6 लाख कमर्शियल वाहन पंजीकृत हैं। मौजूदा वाहनों को लेकर मसौदे में उल्लेख किया गया कि "पार्किंग के लिए उचित स्थान की उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना उनके पंजीकरण की अनुमति दी गई, मौजूदा वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था की जानी चाहिए।"
मसौदे में दर्ज किया गया है कि "बसों, ट्रकों, पर्यटक बसों, वैन, पानी के टैंकरों, कंटेनर, लॉरी आदि को निर्धारित सड़कों पर रात भर की पार्किंग की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें स्थानीय निकायों/पीडब्ल्यूडी को कुछ भुगतान करना होगा ताकि अव्यवस्थित पार्किंग को रोका जा सके।"
इन नियमों के कार्यान्वयन और अनुपालन की समीक्षा के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। इस नियम के तहत नागरिक निकायों के डिप्टी कमिश्नर, नई दिल्ली नगर परिषद अध्यक्ष, डीडीए और कैन्टोनमेंट के सीईओ को क्षेत्रीय पार्किंग योजना तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी गई है।
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