इतवार की कविता : मुहम्मद अल्वी के जन्मदिन पर विशेष

आसान लबो-लहजे के उम्दा शायर मुहम्मद अल्वी का आज जन्मदिन है। मुहम्मद अल्वी आज ज़िंदा होते तो उनकी उम्र 93 साल होती। उनका इंतेक़ाल 2018 में 29 जनवरी को हुआ। पढ़िये उनकी दो नज़्में...
1. जन्मदिन
साल में इक बार आता है
आते ही मुझ से कहता है
''कैसे हो
अच्छे तो हो
लाओ इस बात पे केक खिलाओ
रात के खाने में क्या है
और कहो क्या चलता है''
फिर इधर उधर की बातें करता रहता है
फिर घड़ी देख के कहता है
''अच्छा तो मैं जाता हूँ
प्यारे अब मैं
एक साल के ब'अद आऊँगा
केक बना के रखना
साथ में मछली भी खाऊंगा''
और चला जाता है!
उस से मिल कर
थोड़ी देर मज़ा आता है!
लेकिन फिर मैं सोचता हूँ
ख़ास मज़ा तो तब आएगा
जब वो आ कर
मुझ को ढूँढता रह जाएगा!!
2. दिल्ली
दिल्ली तेरी आँख में तिनका
''क़ुतुब-मीनार''
दिल्ली तेरा दिल का पत्थर
लाल-क़िला
दिल्ली तेरे बटवे में
'ग़ालिब' का मज़ार
रहने दे
बूढ़ी दिल्ली
कपड़े न उतार
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।