रूस-यूक्रेन अपडेट: यूक्रेन के कुछ शहरों पर रूस का कब्जा, यूरोप ने प्रतिबंध बढ़ाए

कीव/पेरिस: यूक्रेन की राजधानी कीव में शुक्रवार को एक रॉकेट एक बहुमंजिला अपार्टमेंट से जा टकराया, जिससे इमारत आग लग गई और कम से कम तीन लोग घायल हो गए। कीव के मेयर विटाली क्लिच्स्को ने यह जानकारी दी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूसी सेना का यह दावा ‘झूठा’ है कि वह रिहायशी इलाकों को निशाना नहीं बना रही है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में सैन्य और रिहायशी, दोनों ही क्षेत्र रूसी हमलों का सामना कर रहे हैं।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन पर रूस के सैन्य आक्रमण में बेलारूस की सरकार को भी ‘भागीदार’ करार दिया और कहा कि जल्द ही उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
उधर, कीव में प्रवेश करने की कोशिशों में जुटी रूसी सेना शुक्रवार को सूमी शहर में दाखिल हो गई, जो यूक्रेन की राजधानी की ओर जाने वाले राजमार्ग पर स्थित है। क्षेत्रीय गवर्नर दमित्रो जिवित्स्की ने यह जानकारी दी।
जिवित्स्की ने बताया कि यूक्रेनी सैनिकों ने बृहस्पतिवार रात सूमी में रूसी सैनिकों का कड़ा मुकाबला किया, लेकिन रूसी सेना पश्चिम में कीव की तरफ बढ़ती चली गई।
उन्होंने कहा, “सूमी से सैन्य वाहन कीव की ओर बढ़ रहे हैं। बहुत से वाहन पश्चिम की तरफ गुजर चुके हैं।”
जिवित्स्की के मुताबिक, रूसी सैन्य बलों ने उत्तर-पूर्वी शहर कोनोतोप पर भी कब्जा कर लिया है। उन्होंने क्षेत्र के बाशिंदों से रूसी सेना का मुकाबला करने की अपील की।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के अभियोजक करीम खान ने कहा कि वह ‘यूक्रेन और उसके आसपास के क्षेत्रों के हालिया घटनाक्रमों को पूरी गंभीरता के साथ देख रहे हैं।’
खान ने शुक्रवार को बांग्लादेश की यात्रा के दौरान ट्विटर पर एक बयान जारी कर यह बात कही। वह म्यांमा के रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए कथित अपराधों की ढाका में जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन के क्षेत्र में दुश्मनी निकालने वाले सभी पक्षों को चेता चुके हैं कि कि कीव ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को मान्यता दे दी है।
खान ने कहा कि इसका मतलब यह है कि “मेरा कार्यालय 20 फरवरी 2014 के बाद से यूक्रेन के क्षेत्र में किए गए नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध या युद्ध अपराध के किसी भी कृत्य पर अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर सकता है और जांच कर सकता है।”
उन्होंने कहा,“कोई भी व्यक्ति जो इस तरह के अपराध करता है, जिसमें इन अपराधों को करने के लिए आदेश देना, उकसाना या किसी अन्य तरीके से भूमिना निभाना शामिल है तो उसके खिलाफ इस अदालत में मुकदमा चलाया जा सकता है।”
यूरोप के प्रतिबंध
इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस और उसके यूरोपीय सहयोगियों ने सैन्य, ऊर्जा, वित्त सहित अन्य क्षेत्रों से जुड़े रूसी नागरिकों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर मॉस्को पर ‘बेहद कड़ा प्रहार’ करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों से जुड़े कानूनी मसौदे को अंतिम रूप देकर उसे यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
मैक्रों ने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ ने यूक्रेन को 1.5 अरब यूरो (लगभग 1.68 अरब डॉलर) की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है।
विश्व बिरादरी का रुख
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने कहा कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों का समर्थन करेगा, लेकिन एकतरफा प्रतिबंधों पर विचार नहीं करेगा।
दक्षिण कोरिया ने इसलिये सतर्क रुख अपनाया है क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर है। उसे इस बात की भी चिंता है कि रूस के साथ संबंध तनावपूर्ण होने पर उत्तर कोरिया के परमाणु संकट के समाधान के प्रयास भी कमजोर पड़ जाएंगे।
रूस दक्षिण कोरिया का 10वां सबसे बड़ा व्यापार साझेदार माना जाता है।
ताइवान ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने का समर्थक है। हालांकि उसने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये प्रतिबंध किस प्रकार के होंगे।
एक ओर जहां एशिया के अधिकतर देशों ने यूक्रेन का समर्थन किया है, तो दूसरी ओर चीन ने रूस पर प्रतिबंध लगाने की निंदा की है। चीन ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर रूस को उकसाने का आरोप लगाया है। एशिया में अमेरिका की ताकत को लेकर चिंतित चीन की विदेश नीति रूस की ओर झुकाव रखती है ताकि पश्चिमी देशों को चुनौती दी जा सके।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा, ''ऐसे समय में जब ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोप और जापान मिलकर रूस को रोकने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं चीन की सरकार रूस को व्यापार पाबंदियों में ढील देने की बात कह रही है। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।''
मॉरिसन ने 'द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' की एक खबर का जिक्र करते हुए कहा, ''आप ऐसे समय में रूस को जीवनदान देने की बात नहीं कर सकते जब वह किसी दूसरे देश पर आक्रमण कर रहा हो।''
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द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' की खबर में कहा गया है कि चीन ने घोषणा की है कि वह रूसी गेहूं के आयात के लिए पूरी तरह से तैयार है।
श्रीलंका ने शुक्रवार को कहा कि वह रूस और यूक्रेन के सैन्य संघर्ष में तटस्थ रहेगा। साथ ही उसने यह स्वीकार किया कि हिंसा के बढ़ने से श्रीलंका पर ‘‘गंभीर’’ आर्थिक प्रभाव पड़ेगा जो पहले से ही गंभीर विदेश मुद्रा संकट का सामना कर रहा है।
विदेश सचिव जयनाथ कोलम्बेज ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम स्थिति (यूक्रेन में) देख रहे हैं, लेकिन किसी का पक्ष नहीं लेंगे। हर किसी के अपने-अपने कारण हो सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि संघर्ष से श्रीलंका पर ‘‘गंभीर’’ आर्थिक प्रभाव पड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने ईंधन और गैस के लिए अधिक भुगतान करना होगा, हमारा चाय बाजार प्रभावित होगा।’’
चाय श्रीलंका से रूस को निर्यात की जाने वाली मुख्य वस्तु है।
राजनयिक ने कहा कि यूक्रेन में केवल कुछ ही श्रीलंकाई हैं और उन्हें सहायता के लिए तुर्की की राजधानी अंकारा में श्रीलंका के दूतावास से संपर्क करने के लिए कहा गया है।
इस बीच, श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया।
बयान में कहा गया है, ‘‘श्रीलंका सरकार हाल में यूक्रेन में हिंसा के बढ़ने के बारे में बहुत चिंतित है।’’ इसमें कहा गया है कि श्रीलंका कूटनीति और सार्थक संवाद के माध्यम से संकट को हल करने के लिए सभी संबंधित पक्षों द्वारा ठोस प्रयास किये जाने की आवश्यकता पर जोर देता है।
रूस ने अपने हवाई क्षेत्र में ब्रिटेन की उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया
मास्को: एयरोफ्लोत की उड़ानों पर ब्रिटेन के प्रतिबंधों के बाद रूस के नागर विमानन प्राधिकरण ने अपने हवाई क्षेत्र में ब्रिटिश उड़ानों पर पाबंदी लगा दी है।
नागर विमानन प्राधिकरण रोसावित्सिया ने कहा कि ब्रिटेन आने जाने वाली सभी उड़ानों के साथ-साथ पारगमन उड़ानों पर शुक्रवार से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
प्राधिकरण ने कहा कि ब्रिटिश प्राधिकारों के ‘‘गैर मैत्रीपूर्ण निर्णय’’ के जवाब में यह कदम उठाया गया है। ब्रिटेन ने यूक्रेन पर रूसी हमले के जवाब में उसकी विमान कंपनी एयरोफ्लोत की उड़ानों पर पाबंदी लगाई है।
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