पुतिन का राष्ट्र के नाम संबोधन: पश्चिमी देशों पर संघर्ष को भड़काने का आरोप

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पश्चिमी देशों की आलोचना की।
पुतिन ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘यह वे (देश) हैं, जिन्होंने युद्ध शुरू किया...और हम इसे खत्म करने के लिए बल प्रयोग कर रहे हैं।’’ राष्ट्रपति के संबोधन का रूस के सभी सरकारी टीवी चैनल पर प्रसारण किया गया।
संविधान में प्रावधान है कि राष्ट्रपति हर साल देश को संबोधित करेंगे।
पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश जानते हैं कि ‘‘युद्ध के मैदान में रूस को हराना असंभव है, इसलिए उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके दुष्प्रचार हमले शुरू किए। रूसी संस्कृति, धर्म और मूल्यों पर हमला किया।’’
पुतिन ने दावा किया कि उनकी सेना यूक्रेन के क्षेत्रों में नागरिकों की रक्षा कर रही है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम लोगों के जीवन, अपने घर की रक्षा कर रहे हैं...और पश्चिम वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।’’
रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने पुतिन के संबोधन के पहले कहा कि राष्ट्रपति यूक्रेन में ‘विशेष सैन्य अभियान’, रूस की अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
पेसकोव ने कहा कि पुतिन के व्यस्त कार्यक्रम के कारण संबोधन में देरी हुई।
पुतिन के संबोधन से पहले रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘रिया नोवोस्ती’ ने कहा कि यह ‘ऐतिहासिक’ होगा। रूस ने इस वर्ष अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के मीडिया संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया। पेसकोव ने कहा कि प्रतिबंधित देशों के पत्रकार प्रसारण देखकर भाषण को कवर कर सकेंगे।
रूसी राष्ट्रपति ने 2017 में भी राष्ट्र के नाम संबोधन को स्थगित कर दिया था। इस संबोधन को 2018 की शुरुआत में पुनर्निर्धारित किया गया था। पिछले साल रूस ने दो बड़े कार्यक्रम भी रद्द करने की घोषणा की। इनमें एक संवाददाता सम्मेलन था और दूसरा ऐसा कार्यक्रम जहां लोग राष्ट्रपति से सवाल पूछते हैं।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कीव का दौरा कर यूक्रेन के प्रति एकजुटता व्यक्त की थी।
उधर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस उस संधि में अपनी भागीदारी निलंबित कर रहा है जिसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के विस्तार पर रोक लगाना है।
पुतिन ने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा कि रूस अभी संधि से पूरी तरह से नहीं हट रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका परमाणु हथियार परीक्षण फिर से शुरू करता है, तो रूस को भी ऐसा करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
(न्यूज़ एजेंसी एपी व भाषा के इनपुट के साथ)
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