नेताओं की संसद सोमवार तक स्थगित, किसान संसद में 'कृषि मंत्री' पर सवालों की बौछार

नयी दिल्ली: पेगासस जासूसी मामला, तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों के सवालों या आपत्तियों का जवाब आज भी नहीं मिला। और विरोध को हंगामे का नाम देते हुए शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद करीब सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इसी तरह राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई। अब दोनों सदनों का कामकाज सोमवार को होगा। जबकि दूसरी तरफ़ अपनी मांगों को लेकर जंतर मंतर पर चल रही किसानों की समानांतर संसद आज भी शांतिपूर्वक जारी रही।
संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों की आपत्तियों के कारण पहले सप्ताह में निचले सदन में कामकाज बाधित रहा।
सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं और प्रश्नकाल शुरू कराया।
इसके बाद कुछ विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए। कुछ सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी जिन पर पेगासस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग के बारे में लिखा हुआ था।
व्यवस्था बनती नहीं देख पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही करीब सवा 12 बजे दिन भर के लिये स्थगित कर दी। शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण सदन की अगली बैठक अब सोमवार, 26 जुलाई को पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी।
शांतनु सेन के निलंबन, पेगासस विवाद पर विपक्षी दलों का विरोध : राज्यसभा भी हुई बाधित
तृणमूल कांग्रेस सदस्य शांतनु सेन के निलंबन और पेगासस जासूसी विवाद के मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के विरोध और हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
सेन को सदन में कल उनके अशोभनीय आचरण के लिए राज्यसभा के मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके बाद तृणमूल एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के विरोध के कारण संसद में व्यवधान पैदा हुआ। लिहाजा दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दोपहर ढाई बजे जब कार्यवाही आरंभ हुई तो विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पेगासस जासूसी विवाद का मुद्दा उठाना चाहा और कहा कि उन्होंने नेताओं, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी संबंधी आरोपों के बारे में एक नोटिस दिया है।
पीठासीन सभापति भुवनेश्वर कालिता ने कहा कि इस बारे में सरकार की तरफ से पहले ही बयान दिया जा चुका है।
इसी बीच, राज्यसभा में उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस मुद्दे को उठाया जा चुका है ओर इस पर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री का बयान आ चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान किस तरह का व्यवहार विपक्ष के कुछ लोगों ने उनके साथ किया था यह देश ने देखा है।
नकवी बोल ही रहे थे कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों ने विरोध प्रारंभ कर दिया।
इसके तुरंत बाद ही कालिता ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ ने दावा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के कुछ रसूखदार लोगों सहित बड़ी संख्या में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों।
जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ का दूसरा दिन
संसद में जारी मानसून सत्र के साथ-साथ जंतर-मंतर पर आयोजित ‘किसान संसद’ शुक्रवार को दूसरे दिन भी चली।
किसानों ने ‘किसान संसद’ का आयोजन सदन अध्यक्ष हरदेव अर्शी, उपाध्यक्ष जगतार सिंह बाजवा और ‘कृषि मंत्री’ के साथ किया।
किसान संसद में एक घंटे का प्रश्नकाल भी रखा गया था जिसमें कृषि मंत्री पर सवालों की बौछार की गई जिन्होंने केंद्र के नये कृषि कानूनों का बचाव करने की पुरजोर कोशिश की।
मंत्री ने संसद को बताया कि कैसे पैर फैलाती कोवि़ड वैश्विक महामारी के बीच, किसानों को उनके घरों को लौटने और उनसे टीका लगवाने का अनुरोध किया गया था। हर बार जब मंत्री संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते, सदन के सदस्य उन्हें शर्मिंदा करते, अपने हाथ उठाते और उनके जवाबों पर आपत्ति जताते।
संसद में जारी मानसून सत्र के साथ केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करने के लिए 200 किसानों का एक समूह बृहस्पतिवार और शुक्रवार को मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचा।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जंतर मंतर पर अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक प्रदर्शन की विशेष अनुमति दी है। जंतर-मंतर संसद परिसर से महज कुछ मीटर की दूरी पर है।
लेकिन किसानों को लेकर सरकार काफी डरी हुई दिखती है। जंतर मंतर पर अर्द्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी प्रवेश द्वार पर भारी-भरकम अवरोधकों के साथ प्रदर्शन स्थल पर तैनात किए गए हैं। जबकि जंतर-मंतर ही नहीं दिल्ली की सीमाओं पर भी किसानों का विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण जारी है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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