पाकिस्तान: इमरान की कुर्सी बचाने की अंतिम कवायद, अमेरिका के प्रति अपनाया हमलावर रुख

राजनीतिक संकट में घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी सरकार और छवि दोनों को बचाने की आख़िरी कोशिश करते नज़र आ रहे हैं। अमेरिका पर आरोप और उसके सीनियर डिप्लोमेट को तलब कर कड़ी प्रतिक्रिया देने को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
इस्लामाबाद से पीटीआई-भाषा की खबर के अनुसार पाकिस्तान ने अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक को यहां तलब कर देश के अंदरूनी मामलों में अमेरिका के कथित “हस्तक्षेप” के प्रति कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई। शुक्रवार को मीडिया में प्रकाशित खबरों में यह जानकारी सामने आई।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान को सिरे से खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए एक “विदेशी साजिश” वाशिंगटन की भूमिका है। सीधे प्रसारण में देश को संबोधित करने के दौरान 69 वर्षीय खान ने ‘धमकी भरे एक पत्र’ का उल्लेख किया और कहा कि स्वतंत्र विदेश नीति पर चलने के लिए उन्हें सत्ता से अपदस्थ करने की विदेशी साजिश रची गई है।
उन्होंने कहा कि धमकी वाले पत्र के पीछे अमेरिका का हाथ है। हालांकि, माना जा रहा है कि जुबान फिसलने के कारण खान ने अमेरिका का नाम लिया। दुनिया न्यूज़ की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने “धमकी भरे पत्र” के मुद्दे पर अमेरिकी राजनयिक को तलब किया। पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा बृहस्पतिवार को लिए गए निर्णय के बाद यह कदम उठाया गया।
विदेश मंत्रालय ने, औपचारिक संवाद के दौरान विदेशी अधिकारी द्वारा इस्तेमाल किये गए लहजे पर अमेरिकी राजनयिक को कड़ी आपत्ति जताने वाला एक पत्र भी सौंपा।
खान द्वारा जिस कथित पत्र का उल्लेख किया गया उसमें चेतावनी दी गई थी कि अगर खान के विरुद्ध विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
दुनिया न्यूज की खबर के अनुसार, अमेरिकी राजनयिक से कहा गया कि पकिस्तान के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी अस्वीकार्य है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं : अमेरिका
वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश विभाग ने राजनीतिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा लगाए गए आरोपों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया।
खान ने कथित ‘‘विदेशी साजिश’’ में उन्हें सत्ता से बेदखल करने की भूमिका के बारे में अमेरिका पर आरोप लगाया था।
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान बृहस्पतिवार को खान की संभवत: जुबान फिसल गई और उन्होंने आरोप लगाया कि एक देश ने धमकी भरा पत्र भेजा था। खान के संबोधन के तुरंत बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।’’
उल्लेखनीय है कि इस्लामाबाद में रविवार को आयोजित एक विशाल जनसभा में खान ने अपनी जेब से कागज का एक टुकड़ा निकाला था और भीड़ के सामने लहराते हुए दावा किया था कि यह उनकी सरकार को गिराने के लिए रची गई ‘‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’’ का सबूत है।
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