गार्गी यौन हमला : हाईकोर्ट नेे केंद्र सरकार और CBI को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी क़ॉलेज में छात्राओं के ख़िलाफ़ हुए यौन हमले की घटना को लेकर सोमवार 17 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार और सीबीआई से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति जी. एस. सिस्तानी और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की एक पीठ ने वकील एम.एल शर्मा की ओर से दायर याचिका पर केन्द्र और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शर्मा की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। और उन्हें हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया था। जिसके बाद गुरुवार 13 फरवरी को उन्होंने यह याचिका दायर की थी। अधिवक्ता एवं याचिकाकर्ता एम. एल. शर्मा ने याचिका में कॉलेज के सीसीटीवी कैमरों के सारे फुटेज और सभी वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने की मांग की है।
इसे भी पढ़े : गार्गी कॉलेज जैसी घटनाएं होना बेहद ख़तरनाक लेकिन इनपर चुप्पी और भी बड़ा अपराध!
बता दें कि गार्गी कॉलेज में 4 से 6 फ़रवरी के बीच एक एनुअल फ़ेस्ट (सालाना जलसा) हुआ। फ़ेस्ट के आख़िरी दिन 6फ़रवरी को सिंगर ज़ुबिन नौटियाल के कार्यक्रम के दौरान कुछ लड़के कॉलेज में गेट और बैरिकेड फांदकर अंदर घुस आए। आरोप है कि उन्होंने लड़कियों से बदतमीज़ी और अश्लीलता की। इस घटना से संबंधित कई पोस्ट सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रहे हैं। एक पोस्ट के मुताबिक, जो लड़के कॉलेज में घुसे वो नशे में थे और ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे थे।
इस घटना के ख़िलाफ़ छात्राओं ने सोमवार 10 फरवरी को कैंपस में धरना प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 452, 354, 509 और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की। इस मामले में पुलिस अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर चुकी है।
इनमें दस को पहले गिरफ़्तार किया गया था जिनको ज़मानत मिल चुकी है। एक आरोपी को रविवार, 16 फरवरी को गिरफ़्तार किया गया।
फिलहाल पुलिस कॉलेज परिसर के सीसीटीवी कैमरों का जांच में लगी है।
इसे भी पढ़े : गार्गी कॉलेज छेड़छाड़ मामला : छात्राओं का प्रदर्शन, पुलिस ने दर्ज की एफ़आईआर
हालांकि छात्राओं का आरोप है कि वारदात के दौरान पुलिस और कॉलेज प्रशासन ने शिकायत के बावजूद उनकी कोई मदद नहीं की। प्रदर्शन के दौरान छात्राओं ने कॉलेज से प्रिंसिपल और नेटवर्क जैमर को हटाने की भी मांग की थी।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।